JAIPUR. 2 दिन पहले राजस्थान सरकार के मंत्रिमंडल से बर्खास्त हुए राजेंद्र गुढ़ा गहलोत सरकार पर लगातार मुखर हैं। वे एक के बाद एक सरकार पर हमले कर रहे हैं। रविवार को एक इंटरव्यू में उन्होंने लाल डायरी का जिक्र करके एक बार फिर राजस्थान की सियासत को गरमा दिया है। पूर्व मंत्री गुढ़ा ने ये दावा किया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कहने पर उन्होंने एक लाल डायरी को निकलवाने में मदद की थी। इसके बाद ये डायरी उन्होंने मुख्यमंत्री के कहने पर ही जला दी थी।
सीएम गहलोत को थी लाल डायरी की चिंता
गुढ़ा ने बताया कि मेरे पूछने पर सीएम गहलोत ने पूरी बात तो नहीं बताई, लेकिन वे ये कहने से नहीं चूके कि वक्त आने पर इसकी भी चर्चा करेंगे लेकिन ये तो साफ है कि उसमें कुछ तो काला था। जिसके चलते मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उस डायरी की इतनी चिंता कर रहे थे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस पार्टी की ओर से गुढ़ा के इस बयान पर फिलहाल कोई भी प्रतिक्रिया नहीं आई है।
2 दिन पहले किए गए थे बर्खास्त
बहुजन समाज पार्टी के 5 विधायकों सहित कांग्रेस में शामिल हुए राजेंद्र गुढ़ा को शुक्रवार रात अचानक मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया था। कुछ घंटे पहले विधानसभा में अपनी ही सरकार को घेरते हुए बयान दिया था और कहा था कि सरकार महिला सुरक्षा के मामले में पूरी तरह फेल है। ये माना जा रहा है कि गुढ़ा की यही बयानबाजी उनको ले डूबी। इससे पहले भी पिछले सप्ताह उन्होंने माता सीता और भगवान राम को लेकर एक विवादित बयान दिया था। जिसके बाद कांग्रेस की स्थिति असहज हो गई थी। गुढ़ा की बर्खास्तगी के बाद से ही राजस्थान की सियासत गर्म है और बीजेपी, कांग्रेस को घेरने का कोई भी मौका नहीं छोड़ रही है।
बीजेपी ने उठाया लॉ एंड ऑर्डर का मुद्दा
राजस्थान में लगातार बिगड़ते लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति पर बीजेपी पहले ही हमलावर थी। लेकिन जैसे ही राजेंद्र गुढ़ा ने विधानसभा में अपनी सरकार को घेरा और उसके बाद उनकी बर्खास्तगी हुई, तभी से बीजेपी अब ये कहने से नहीं चूक रही कि जब सरकार के मंत्री ही प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं तो समझा जा सकता है कि ग्राउंड पर हालात कितने विकट हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने भी अशोक गहलोत सरकार को इस मामले में घेरा हुआ है और बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता लगातार सरकार की इस नाकामी को उजागर कर रहे हैं।
गुढ़ा को पार्टी निकालेगी ये अभी तक तय नहीं
पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा की बर्खास्तगी के बाद से ही उनकी बयानबाजी को लेकर कांग्रेस फिलहाल कुछ भी कहने से बच रही है। ये कयास लगाए जा रहे हैं कि गुढ़ा खुद ही पार्टी को छोड़कर कोई नई पार्टी जॉइन कर लें तो बेहतर होगा। वहीं बहुजन समाज पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि वे किसी भी हालत में राजेंद्र गुढ़ा को अपनी पार्टी में वापस नहीं लेगी। इस स्थिति में राजेंद्र गुढ़ा के पास अब बीजेपी, आम आदमी पार्टी और AIMIM में जाने का विकल्प ही खुला है। महीने की शुरुआत में ओवैसी के राजस्थान दौरे के पर राजेंद्र गुढ़ा ही एकमात्र ऐसे मंत्री थे जो ओवैसी से व्यक्तिगत रूप से जाकर मिले थे।
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