मनीष गोधा, JAIPUR. राजस्थान में ओबीसी का आरक्षण 21 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत किए जाने का मामला अब अगली सरकार तक टल गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि ये काम जब भी होगा विधानसभा के जरिए ही होगा, क्योंकि राजस्थान में आरक्षण विधानसभा से एक्ट बनाकर ही दिए गए हैं।
'OBC आरक्षण की लंबी प्रोसेस'
राजस्थान की प्रदेश चुनाव समिति की शनिवार को जयपुर में हुई बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि ओबीसी आरक्षण की लम्बी प्रोसेस है। ओबीसी कमीशन रिपोर्ट देगा। हम इस रिपोर्ट को कैबिनेट में लेकर जाएंगे और इसके बाद विधानसभा में लेकर जाएंगे। राजस्थान में अब तक एक्ट बनाकर ही आरक्षण दिया गया है, इसलिए जो भी होगा असेम्बली से होगा। हालांकि हम चाहते हैं कि पिछड़ी जातियों को लगे सरकार हमारे साथ खड़ी है। जातिगत जनगणना जल्द शुरू हो। सोशल इकोनोमिक सर्वे को आउट करना चाहिए।
जातिगत जनगणना पर क्या बोले सीएम ?
जातिगत जनगणना के मुद्दे पर सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि हम करना चाहेंगे, लेकिन प्रोसेस तो प्रोसेस है। हम चाहते हैं कि केन्द्र सरकार जनगणना कराए और उसमें जाति का कॉलम रखा जाए और इसके साथ ही UPA सरकार ने जो सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण कराया था, उसकी रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए।
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सीएम ने राहुल गांधी के सामने क्या कहा था ?
सीएम अशोक गहलोत ने राहुल गांधी की मानगढ़ में हुई सभा में जातिगत जनगणना कराने और ओबीसी का आरक्षण 21 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने की बात कही थी। आरक्षण के बारे में तो उन्होंने ट्वीट भी किया था और कहा था कि ओबीसी के लिए वर्तमान में जारी 21 प्रतिशत आरक्षण के साथ 6 प्रतिशत अतिरिक्त आरक्षण दिया जाएगा जो ओबीसी वर्ग की अति पिछड़ी जातियों के लिए रिजर्व होगा। ओबीसी की अति पिछड़ी जातियों के लिए ओबीसी आयेाग द्वारा सर्वे किया जाएगा और आयोग समयबद्ध तरीके से रिपोर्ट देगा।
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कुछ नेताओं ने की थी आपत्ति
सीएम अशोक गहलोत की ओबीसी आरक्षण और जातिगत जनगणना की घोषणा को लेकर पिछले दिनों पार्टी की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक में कुछ विरोध भी सामने आया था। कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य रह चुके रघुवीर मीणा ने मानगढ़ में आदिवासियों के बीच ओबीसी आरक्षण की घोषणा को सही नहीं बताया था। वहीं पूर्व मंत्री रघु शर्मा ने जातिगत जनगणना की मांग को चुनाव की दृष्टि से सही नहीं बताया था, हालांकि बैठक में दोनों ही नेताओं को गहलोत की फटकार सुननी पड़ी थी।