NEW DELHI. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को 16वें सिविल सर्विस डे पर IAS अधिकारियों को संबोधित किया। दिल्ली के विज्ञान भवन में पीएम ने 33 मिनट तक स्पीच दी। उन्होंने कहा, 'जो राजनीतिक दल सत्ता में आया है, उस पर ध्यान रखें कि वो टैक्सपेयर्स के पैसे का इस्तेमाल अपने दल के लिए कर रहा है या देशहित के लिए। ये आपको देखना होगा। सरदार पटेल जिस ब्यूरोक्रेसी को स्टील फ्रेम ऑफ इंडिया कहते थे, उसे पूरा करना है, ब्यूरोक्रेसी से चूक हुई तो देश का धन लुट जाएगा। देश ने आप पर बहुत भरोसा किया है। आपको मौका दिया है। उस भरोसे को कायम रखते हुए काम करिए। आपकी सर्विस में आपके निर्णयों का आधार सिर्फ और सिर्फ देशहित होना चाहिए।'
विपक्ष पर निशाना
मोदी ने कहा कि यह पिछले सिस्टम की ही देन थी कि 4 करोड़ से ज्यादा नकली गैस कनेक्शन और 4 लाख नकली राशन कार्ड बने थे। अल्पसंख्यक मंत्रालय 30 लाख फर्जी युवाओं को स्कॉलरशिप का लाभ दे रहा था। आज हम सभी के प्रयासों से सिस्टम बदला है और देश के करीब 3 लाख करोड़ रुपए गलत हाथों में जाने से बचे हैं। आज ये पैसे गरीबों के काम आ रहे हैं, उनके जीवन को आसान बना रहे हैं।
#WATCH | "It was due to the previous system that there were over 4 cr fake gas connections, 4cr fake ration cards, minority ministry was giving scholarship benefits to 30 lakh fake youths...": PM Modi addresses civil servants on Civil Services Day pic.twitter.com/HIHPwsBZdJ
— ANI (@ANI) April 21, 2023
योजनाओं की डिलीवरी महत्वपूर्ण- पीएम
मोदी ने कहा कि आज चुनौती ये नहीं है कि आप कितने कुशल हैं, चुनौती ये तय करने में है कि जहां जो कमी है, वो कैसे दूर होगी। कोई फर्क नहीं पड़ता कि हमारी योजनाएं कितनी महान हैं, चाहे वे कागज पर कितनी भी अच्छी क्यों न हों, अंतिम छोर की डिलीवरी निर्णायक होती है। अगर यह सुनिश्चित नहीं है तो हमें अपेक्षित परिणाम नहीं मिलेंगे। देश को आजादी के अमृतकाल तक लाने के लिए उन अधिकरियों की बड़ी भूमिका रही, जो 15-25 साल पहले इस सेवा में आए हैं। और अब उन युवाओं की भूमिका सबसे बड़ी है जो अगले 15-25 साल इस सेवा में रहने वाले हैं।
1947 से मनाया जा रहा है नेशनल सिविल सर्विस डे
हर साल 21 अप्रैल को भारत में राष्ट्रीय सिविल सर्विस डे मनाया जाता है। विज्ञान भवन में यह कार्यक्रम पहली बार 21 अप्रैल 2006 को आयोजित किया गया था। यह कार्यक्रम देश के कई सार्वजनिक विभागों में काम कर रहे सभी अधिकारियों की सराहना के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है, जो भारत की प्रशासनिक मशीनरी को चलाने के लिए मेहनत करते हैं। स्वतंत्र भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने 21 अप्रैल 1947 के दिन दिल्ली के मेटकाफ हाउस में प्रशासनिक सेवा के प्रोबेशनर्स अधिकारियों को संबोधित किया था। पटेल ने अपने भाषण में सिविल सेवकों को 'स्टील फ्रेम ऑफ इंडिया' बताया था। तभी से हर साल 21 अप्रैल को नेशनल सिविल सर्विस डे मनाया जाता है।