RAIPUR. 7 महीने शेष रह गए छत्तीसगढ़ के 90 सीटों के विधानसभा चुनाव के लिए मुकाबला सीधे कांग्रेस-बीजेपी के बीच होता नजर आ रहा है। बिलासपुर, रायपुर और सरगुजा संभाग के मध्य उत्तर इलाके में जोगी कांग्रेस और बसपा के अलग होने के बाद सीधा संघर्ष और बढ़ता जा रहा है। बेमेतरा कांड के बाद आक्रामक हुई बीजेपी और प्रियंका गांधी के दौरे के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लगभग पूरी कमान मिलने के साथ मुकाबला और रोचक होने जा रहा है। उम्मीद है कर्नाटक चुनाव के बाद छत्तीसगढ़ में चुनावी गर्माहट और तेज होने के आसार नजर आ रहे हैं।
कांग्रेस और बीजेपी के बीच अंदरूनी कलह
अभी तक छत्तीसगढ़ के उत्तर मध्य इलाके में सभी की नजर कांग्रेस के अंदरूनी कलह और बीजेपी की मैदानी इलाकों पर सीमित पकड़ पर लगी हुई थी, मगर चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रही बीजेपी बूथ के साथ अब सड़कों पर भी चुनावी मूड में संघर्ष करते नजर आ रही है। बिलासपुर और सरगुजा संभाग की 38 सीटों पर बीते चुनाव में लगभग एकतरफा रही कांग्रेस को इस बार उत्तर सरगुजा के 23 सीटों पर बीजेपी से कड़े मुकाबले के आसार बनते जा रहे हैं। सरगुजा के कोरिया, मनेंद्रगढ़, सूरजपुर, सरगुजा, बलरामपुर और जशपुर जिले के 14 सीटों में बीजेपी धीरे-धीरे अपनी गतिविधियां आक्रामक करते जा रही है।
कंवर वोटों की वापसी की कवायद
हाल ही में गहिरा गुरू के पुत्र और संसदीय सचिव चिंतामणी के भाई पर हुई पुलिसिया ज्यादती को लेकर बीजेपी अब कांग्रेस के पाले में गए गहिरा गुरू के समर्थक बहुसंख्यक कंवर वोटों पर सेंध लागने में जुट गई है, जो सरगुजा और रायगढ़ जिले के 23 सीटों पर अपना सीधा प्रभाव रखती है। 2013 से कांग्रेस के पाले में गए गहिरा गुरू समर्थक वोटों के कारण सरगुजा संभाग में बीजेपी, कांग्रेस के मुकाबले काफी पिछड़ गई थी। संभाग में कंवर वोट पहले अंबिकापुर और पत्थलगांव विधानसभा को छोड़ शेष सभी इलाकों में बीजेपी के पक्ष का माना जाता था, मगर बीते 2 चुनाव में गहिरा गुरू के पुत्र चिंतामणी के कांग्रेस प्रत्याशी बनाए जाने के साथ इसमें सेंध लग गई थी। वहीं मैदानी इलाकों में बिलासपुर और रायपुर संभाग के मध्य इलाके की साहू बाहुल्य इलाकों में हाल ही में हुए बेमेतरा कांड के बाद हालात अब संघर्षपूर्ण हो गए हैं। बीजेपी उत्तरी क्षेत्र में कंवर वोटों की वापसी के लिए लगी है, तो मध्य क्षेत्र में साहू और अन्य ओबीसी वर्ग को साधने के लिए लगातार आक्रामक प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस अब सीएम के दावेदारी को लेकर उपजे अंदरूनी कलह को लेकर हालात को सुधारने में जुटी है।
बहुसंख्यक ओबीसी वोटों को साधने का अभियान
प्रियंका गांधी के जगदलपुर दौरे के बाद अब तक सरगुजा से दूरी बनाने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी पूरी तरह चुनावी मूड में आकर सरगुजा में भी लगातार सभाएं करना शुरू कर दिया है। यहां आदिवासी वोटों के साथ यादव और उरांव सम्मेलन में भाग लेकर उन्होंने न केवल असंतुष्ट चल रहे कैबिनेट मंत्री टीएस सिंहदेव के इलाके में घुसपैठ की है बल्कि आदिवासी वोटों के साथ उत्तर छत्तीसगढ़ के बहुसंख्यक ओबीसी वोटों को साधने अभियान छेड़ दिया है।