आ गई देश में समान नागरिक संहिता की बारी, लोगों-धार्मिक संगठनों के सुझावों के लिए लॉ कमीशन ने जारी किया नोटिस; जानिए कैसे दें सुझाव

author-image
Rahul Garhwal
एडिट
New Update
आ गई देश में समान नागरिक संहिता की बारी, लोगों-धार्मिक संगठनों के सुझावों के लिए लॉ कमीशन ने जारी किया नोटिस; जानिए कैसे दें सुझाव

NEW DELHI. लॉ कमीशन (विधि आयोग) ने देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता (UCC) के लिए सुझाव आमंत्रित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कमीशन ने इस बारे में बुधवार, 14 जून को पब्लिक नोटिस जारी कर कहा है कि उसने UCC की जरूरत पर नए सिरे से विचार करने का फैसला किया है। इसके तहत नागरिकों और धार्मिक संगठनों के सदस्यों सहित इससे जुड़े विभिन्न पक्षों से विचार जाने जाएंगे। वे सभी लोग या संगठन जिनकी इस विषय में रुचि है और अन्य इच्छुक लोग लॉ कमीशन को नोटिस की तारीख से 30 दिनों के भीतर अपने विचार प्रस्तुत कर सकते हैं।




— TheSootr (@TheSootr) June 14, 2023



आयोग की इस लिंक और ईमेल पर दे सकते हैं सुझाव



लॉ कमीशन की ओर से बुधवार, 14 जून को जारी किए गए पब्लिक नोटिस में कहा गया है कि जो भी लोग समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर रुचि रखते हैं और इस बारे में अपने सुझाव पेश करने के इच्छुक हैं, वे नोटिस की तारीख से 30 दिनों की अवधि के भीतर कमीशन तक पहुंचा सकते हैं। वे अपने सुझाव ऑनलाइन देने के लिए इस लिंक https://legalaffairs.gov.in/law_commission/ucc/ पर क्लिक कर सकते हैं या फिर कमीशन के इस ईमेल (membersecretary-lci@gov.in) पर भेज सकते हैं। आयोग ने स्पष्ट किया है कि जो लोग या संगठन इस मुद्दे पर अपने सुझाव या डिस्कशन पेपर प्रस्तुत करना चाहते हैं वे आयोग के कार्यालय में सदस्य सचिव, विधि आयोग , चौथी मंजिल, लोक नायक भवन-खान मार्केट, नई दिल्ली-110003 के पते पर जमा करा सकते हैं। आयोग जरूरी होने पर संबंधित व्यक्तियों या संगठन के सदस्यों को व्यक्तिगत सुनवाई के लिए भी मौका देगा।



21वें आयोग ने किया था विचार, लेकिन कार्यकाल हो गया खत्म



आपको बता दें कि इससे पहले 21वें लॉ कमीशन ने इस मुद्दे का परीक्षण किया था। UCC के राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामले पर कमीशन ने 2 मौकों पर सभी पक्षों के विचार मांगे थे। 21वें लॉ कमीशन का कार्यकाल अगस्त 2018 में खत्म हो गया था। इसके बाद, 2018 में 'पारिवारिक कानून में सुधार' पर एक कंसल्टेशन पेपर (परामर्श पत्र) जारी किया गया था। उक्त कंसल्टेशन पेपर जारी करने की तारीख से 3 साल से ज्यादा समय बीत चुका है। इस विषय की प्रासंगिकता, महत्व और इस विषय पर विभिन्न अदालती आदेशों को ध्यान में रखते हुए भारत के 22वें लॉ कमीशन ने नए सिरे से विचार-विमर्श करने का फैसला लिया।



22वें आयोग ने तैयार किया विस्तृत दस्तावेज



22वें लॉ कमीशन को हाल ही में 3 साल का विस्तार मिला है। इसलिए कमीशन ने कानून और न्याय मंत्रालय द्वारा भेजे गए एक संदर्भ पर UCC जुड़े मुद्दों पर विचार करना शुरू किया है। इसी के तहत बड़े पैमाने पर लोगों और धार्मिक संगठनों के विचार लिए जा रहे हैं। इसके पहले करीब 8 महीने की मैराथन बैठकों के बाद लॉ कमीशन ने UCC पर डिटेल दस्तावेज तैयार किया है। इसी के आधार पर केंद्र सरकार UCC बिल तैयार करेगी। अभी ये स्पष्ट नहीं है कि इस बारे में विधेयक कब लाया जाएगा।



सभी धर्मों के रीति-रिवाजों का किया अध्ययन



सूत्रों का कहना है कि 22वें विधि आयोग ने इस विषय पर मिशन मोड में काम किया। आयोग ने 2 दर्जन से अधिक बैठकें कीं और प्रस्तावित UCC के तमाम पहलुओं पर विचार के बाद एक व्यापक दस्तावेज तैयार किया गया है। इनमें UCC से जुड़े तमाम धर्मों के विधि-विधान और रीति-रिवाजों पर गहराई से गौर किया गया।



लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी का अगला लक्ष्य UCC



केंद्र सरकार के एक उच्च पदस्थ सूत्र के मुताबिक समान नागरिक संहिता, धर्मांतरण विरोधी कानून या जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने जैसे संवेदनशील मुददों पर सरकार हड़बडी में नहीं हैं। माना जा रहा है कि 2024 के चुनाव से पहले बीजेपी का अगला लक्ष्य समान नागरिक संहिता हो सकता है। बीजेपी जनसंघ के जमाने से ही देश में समान नागरिक संहिता की बात करती आ रही है। पार्टी ने 2014 और 2019 लोकसभा चुनाव के संकल्प पत्र में इस मुद्दे को शामिल किया था।



ये खबर भी पढ़िए..



PM के पिता को लेकर कांग्रेस नेता अरुण यादव का अमर्यादित बयान, बोले-मोदी के पिताजी भी आना चाहें तो आ जाएं, बयान से भड़की बीजेपी



आयोग ने 5 सिद्धांतों को ध्यान में रखकर बनाए ये दस्तावेज



सूत्रों के अनुसार यूसीसी पर अध्ययन करते हुए कुछ मानकों को सामने रखा गया और उन्हीं के दायरे में रिपोर्ट पर काम हुआ। कोड ऐसा हो जिसमें महिलाओं और पुरुषों के बीच किसी प्रकार का भेदभाव न रहे। धार्मिक आस्थाओं, मान्यताओं और भावनाओं का आदर कायम रहे। संबंध विच्छेद के मामलों में बच्चों के अधिकार सुनिश्चित रखे जाएं। कोड अधिकतम स्वीकार्यता वाला हो। संविधान की सभी कसौटियों पर खरा हो।


Law Commission Uniform Civil Code समान नागरिक संहिता Uniform Civil Code in the country Law Commission asked for suggestions notice issued for suggestions देश में समान नागरिक संहिता लॉ कमीशन लॉ कमीशन ने सुझाव मांगे सुझाव के लिए नोटिस जारी