पूर्णेश मोदी के वकील ने राहुल के बयान को बताया 13 करोड़ लोगों का अपमान, राहुल के वकील का तर्क- चौकीदार के लिए था बयान 

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Sunil Shukla
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पूर्णेश मोदी के वकील ने राहुल के बयान को बताया 13 करोड़ लोगों का अपमान, राहुल के वकील का तर्क- चौकीदार के लिए था बयान 

BHOPAL. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत ने आपराधिक मानहानि का दोषी ठहराते हुए 2 साल कैद की सजा सुनाई है। हालांकि, कोर्ट ने सजा को 30 दिनों के लिए निलंबित कर दिया है ताकि कांग्रेस नेता उसके खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील कर सकें। राहुल गांधी को ये सजा 2019 में कर्नाटक की एक रैली में दिए 'सभी चोर मोदी नाम वाले क्यों हैं' बयान पर मिली है। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि सांसद के बयानों का गहरा असर पड़ता है जो इस अपराध को और गंभीर बनाता है। कोर्ट ने अपने फैसले में और क्या-क्या कहा, आइए जानते हैं।



सजा सुनाते वक्त कोर्ट ने क्या-क्या कहा?



सूरत सेशन कोर्ट के न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा है कि आरोपी (राहुल गांधी) को सुप्रीम कोर्ट से पूर्व में चेतावनी मिल चुकी थी, लेकिन इसके बाद भी उनके आचरण में किसी तरह का बदलाव नहीं आया। आरोपी खुद संसद सदस्य हैं और उनका जनता को संबोधित करने का तरीका गंभीर है। सांसद का समाज के बड़े तबके पर गहरा असर होता है इसलिए यह अपराध और बड़ा हो जाता है। इसका बहुत व्यापक प्रभाव है और अपराध में बहुत गंभीरता है। यदि अभियुक्त को कम सजा दी गई तो इसका जनता में गलत संदेश जाएगा और मानहानि कानून का उद्देश्य पूरा नहीं होगा। इससे और दूसरे लोगों के बारे में अनाप-शनाप बोलना आसान हो जाएगा। कोर्ट ने आगे कहा- इस मामले में मुआवजा और पेनल्टी का आदेश देना न्यायोचित नहीं लगता है, इसलिए न्यायहित में 2 साल की साधारण सजा का आदेश दिया जाता है। 



मोदी के वकील ने कहा- समाज के इन वर्गों की भावनाएं आहत हुईं 



शिकायतकर्ता और सूरत के बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी के वकील में कोर्ट में इस मामले की बहस में यह तर्क दिया कि सुप्रीम कोर्ट में आरोपी राहुल गांधी ने लिखित माफी मांगी थी और उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी थी कि भविष्य में ऐसी बातें दोबारा ना कहीं जाएं। अधिवक्ता ने यह भी तर्क दिया था कि मोदी सरनेम के बारे में राहुल गांधी के बयान से देश में मोदी सरनेम या समाज के इस वर्ग से जुड़े करीब 13 करोड़ लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। इनमें राठौर, गुप्ता, तेली, मोदी घांची, चौधरी दास, चेतिहार, साहू आदि शामिल हैं। इन सभी की आत्मा दुखी हुई है। चूंकि राहुल गांधी सांसद भी हैं और किसी भी सांसद के इस तरह के आचरण को अच्छा नहीं कहा जा सकता। राहुल गांधी ने केंद्र सरकार की कई योजनाओं को लेकर मोदी चौकीदार नहीं चोर है कहा है, इससे सारे समाज की भावनाएं आहत हुई हैं।  



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राहुल के वकील का तर्क- बयान चौकीदार के लिए था



कोर्ट में राहुल गांधी के वकील बाबू मंगुकिया ने बचाव में तर्क देते हुए कहा कि घोटालों में जो लोग देश से भागे हैं वे सब मोदी हैं। राहुल ने ये कहा था, लेकिन उसका गलत मतलब निकाला गया है। राजनीतिक आमसभा में जनहित की बातें कही जाती हैं। चूंकि मोदी ने खुद को चौकीदार कहा था और मैंने कहा- चोर हैं। इससे साफ है कि मेरे बयान का मतलब चौकीदार से है बाकी दूसरों से नहीं। राहुल के वकील ने कोर्ट में शिकायकर्ता पक्ष की ओर से राहुल के बयान के बारे में पेश की गईं सोशल मीडिया क्लिपिंग्स पर आपत्ति लेते हुए कहा कि इसे कानूनी साक्ष्य के रूप में मान्य नहीं किया जाता है। उनमें छेड़छाड़ किया जाना भी संभव है।



क्या है पूरा मामला



बता दें कि सूरत सेशन कोर्ट ने गुरुवार, 23 मार्च को राहुल गांधी को उनके खिलाफ दायर 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में दो साल जेल की सजा सुनाई है। हालांकि अदालत ने राहुल को जमानत भी दे दी और सजा को 30 दिनों के लिए निलंबित कर दिया ताकि उन्हें हाई कोर्ट में अपील करने की अनुमति मिल सके। कोर्ट के इस फैसले के आधार पर लोकसभा सचिवालय ने 24 मार्च को राहुल गांधी की सांसद के रुप में सदस्यता खत्म कर दी।


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