NEW DELHI. मणिपुर में वहशी आदमियों की भीड़ में रोती-गिड़गिड़ातीं दो निर्वस्त्र महिलाएं, भेड़ियों की तरह उनके शरीर से दरिंदगी करते नकाबपोश। बुधवार 19 जुलाई की रात में वायरल हुए वीडियो को जिस इंसान ने देखा, वह गुस्से से भर गया। पूरे देश में मणिपुर की इस दिल दहला देने वाली घटना को लेकर नाराजगी है। यह अमानवीय और दरिंदगी से भरी घटना 4 मई की बताई जा रही है। मणिपुर की पुलिस ने मानवता को शर्मसार करने वाले इस मामले में FIR लिखने में दो-चार दिन नहीं पूरे 49 दिन लगा दिए। यही नहीं पुलिस इस मामले में आरोपियों की पहली गिरफ्तारी 78 दिन बाद कर पाई। ऐसे में हिंसा की आग में जल रहे मणिपुर की इस घटना ने स्थानीय पुलिस-प्रशासन से लेकर वहां मुख्यमंत्री बीरेन सिंह की सरकार की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
4 मई की है शर्मसार करने वाली घटना
उल्लेखनीय है कि मणिपुर में 3 मई को निकाले गए कुकी समुदाय के आदिवासी एकता मार्च के दौरान हिंसा भड़की गई थी। इसमें राज्य के कुकी और मैतेई आदिवासी समुदाय के बीच पूरे राज्य में बड़े पैमाने पर हिंसक झड़पें हुई थीं। तभी से वहां दोनों समुदाय के बीच तनावपूर्ण हालात बने हुए हैं। राज्य में फैली हिंसा के करीब ढाई महीने बाद बुधवार 19 जुलाई की रात मणिपुर के नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन के कांगकोपी में कुकी समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र सड़क पर घुमाने का वीडियो दुनिया भर में सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। यह घटना मणिपुर के कांगकोपी में 4 मई की बताई जा रही है। वीडियो में दिखाई दे रही दोनों पीड़ित महिलाएं कुकी जनजाति की थीं, जबकि उनके साथ छेड़छाड़ करने वाली आदमियों की भीड़ मैतेई समुदाय की थी। ये वीडियो वायरल होने के बाद मणिपुर में फिर से तनाव बढ़ गया है।
कब हुई शिकायत?
मणिपुर में हैवानियत की इस घटना की एफआईआर पुलिस में 18 मई को कराई गई थी। शिकायत में पीड़ित महिलाओं ने बताया कि 4 मई की दोपहर करीब तीन बजे अज्ञात लोगों ने उनके गांव थोबाल पर हमला कर दिया। हमला करने वाले मैतेई समुदाय के करीब 900 से 1000 लोग थे। भीड़ ने गांव पर हमला कर स्थानीय निवासियों के नकदी-जेवरात लूटकर उनके घरों में आग लगा दी। हमला होने पर गांव की तीन महिलाएं अपने पिता और भाई के साथ जंगल की ओर भागी। इस बीच पुलिस की टीम ने इन्हें अपनी गाड़ी में बैठाकर थाने जा रही थी कि बीच रास्ते में भीड़ ने उनका रास्ता रोक लिया और उन महिलाओं और उनके पिता-भाई को छीन लिया। भीड़ ने पुलिस के सामने ही उन महिलाओं के पिता की हत्या कर दी। इसके बाद तीनों महिलाओं को जबरदस्ती कपड़े उतारने को मजबूर किया। इनमें से एक महिला की उम्र 21 साल, दूसरी की 42 साल और तीसरी की 52 साल थी। उन महिलाओं को अपने कपड़े उतारने के बाद भीड़ के सामने चलने को मजबूर किया गया। बाद में भीड़ ने 21 साल की लड़की के साथ सरेआम गैंग रेप किया। यह देख उसके भाई ने बचाने की कोशिश की तो भीड़ ने उसे भी मार दिया।
शिकायत के एक महीने बाद दर्ज हुई FIR
देश को शर्मसार करने वाले इस मामले में पुलिस ने शिकायत मिलने के करीब एक महीना बीतने बाद IPC की धारा 153ए, 398, 427, 436, 448, 302, 354, 364, 326, 376, 34 और शस्त्र अधिनियम की धारा 25(1सी) के तहत एफआईआर दर्ज की। हालांकि, इसके बाद न तो इस मामले में आरोपियों की कोई गिरफ्तारी की गई और न ही की किसी और कार्रवाई की बात सामने आई।
वीडियो वायरल होने के बाद एक्शन में आई सरकार
एक प्रेस बयान में, पुलिस अधीक्षक के. मेघचंद्र सिंह ने मणिपुर के एक कथित वायरल वीडियो पर कहा, "4 मई 2023 को अज्ञात बदमाशों द्वारा 2 महिलाओं को नग्न घुमाए जाने के वीडियो के संबंध में, अज्ञात लोगों के खिलाफ नोंगपोक सेकमाई पीएस (थौबल जिला) में अपहरण, सामूहिक बलात्कार और हत्या का… pic.twitter.com/hRrBXg8b9R
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 19, 2023
घटना का वीडियो 19 जुलाई की रात से देश दुनिया में वायरल होने के बाद मणिपुर की एन. बीरेन सिंह सरकार एक बार फिर निशाने पर आ गई है। वीडियो वायरल होने के बाद देर रात इस वारदात को लेकर मणिपुर पुलिस का बयान सामने आया। इसमें पुलिस ने कहा कि अज्ञात हथियारबंद बदमाशों के खिलाफ थौबल जिले के नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन में अपहरण, सामूहिक बलात्कार और हत्या का मामला दर्ज किया गया है। इस घटना के सभी दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है।
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20 जुलाई को हुई पहली गिरफ्तारी
मणिपुर में महिलाओं के कपड़े उतरवाकर उनके साथ दरिंदगी का वीडियो सामने आने के बाद मणिपुर सरकार पर दबाव बढ़ने के बाद इस मामले में आरोपी की पहली गिरफ्तारी की गई। इस मामले में मुख्य आरोपी खुयरूम हेरादास को गुरूवार,20 जुलाई को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने उसे थौबल जिले से गिरफ्तार किया, उसकी उम्र 32 साल है। पुलिस ने दावा किया कि उसकी पहचान वायरल हुए वीडियो से की गई है, जिसमें वह हरी टी-शर्ट पहने हुए नजर आ रहा है।
लापरवाही के सवाल पर बीरेन सिंह बोले- ऐसे सैकड़ों केस
मणिपुर की घटना को लेकर राज्य की पुलिस से लेकर सरकार की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। कार्रवाई में देरी के सवाल पर मणिपुर के सीएम बीरेन सिंह से मीडिया ने पूछा कि आखिर 2 महीने तक इस मामले में कार्रवाई क्यों नहीं हुई। इस पर सीएम बीरेन सिंह ने कहा कि वीडियो कल रात वायरल होने के बाद घटना का पता चला है। जब उनसे यह सवाल पूछा गया कि क्या आपको इस मामले की FIR के बारे में नहीं पता था ? इस पर उनका यह जवाब सामने आया कि मणिपुर में हुई हिंसक झड़पों में ऐसे सैकड़ों केस में एफआईआर हुई है। ऐसे सैकड़ों केस हुए हैं, लेकिन मैं इस घटना की कड़ी निंदा करते हूं। पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, बाकी आरोपियों को भी गिरफ्तार करने करने के प्रयास किए जा रहे हैं।