NEW DELHI. कांग्रेस नेता राहुल गांधी के कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में दिए गए बयान पर बीजेपी ने निशाना साधा। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने 3 मार्च को राहुल के बयान को झूठा और भारत को बदनाम करने वाला बताया। उन्होंने कहा, कल के नतीजे दिखाते हैं कि कांग्रेस का सूपड़ा एक बार फिर साफ हुआ है, इसलिए वे विदेशी धरती पर रोने-धोने का काम कर रहे हैं।
अनुराग ठाकुर ने कहा, ये पेगासस कहीं और नहीं, उनके दिलो-दिमाग में बैठा हुआ है। पेगासस पर क्या मजबूरी थी कि राहुल गांधी ने अपना मोबाइल जमा नहीं करवाया। वे नेता जो भ्रष्टाचार के मामले में जमानत पर हैं, ऐसा क्या था जो उनके मोबाइल में जो उनको अब तक छिपाना पड़ रहा है। उन्होंने और अन्य नेताओं ने अपना मोबाइल जमा क्यों नहीं करवाया।
भारत को बदनाम करने की राहुल की आदत बन गई है- अनुराग
खेल मंत्री ने कांग्रेस को घेरते हुए कहा, दुनियाभर में मोदीजी के नेतृत्व में भारत के प्रति जो सम्मान बढ़ा है, वह आज कोई और नहीं, दुनियाभर के नेता कह रहे। राहुलजी किसी और की नहीं, इटली की प्रधानमंत्री और उनके नेताओं की ही सुन लेते। इटली की पीएम ने कहा कि दुनियाभर में मोदीजी को जो प्यार मिलता है, जिस तरह वह दुनिया के लोकप्रिय नेता बन कर उभरे हैं। आज वह एक बड़े लीडर हैं। ये शायद राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी स्वीकार नहीं कर पा रही है। बार-बार झूठ बोलना, विदेशी धरती का विदेशी दोस्तों, विदेशी एजेंसियों का इस्तेमाल करना भारत को बदनाम करने की उनकी आदत बन गई है। यह नफरत राहुल गांधी की प्रधानमंत्री के प्रति तो हो सकती है, लेकिन देश को बदनाम करने की ये साजिश जो उनकी विदेशी धरती से, कभी विदेशी दोस्तों के जरिए होती है, यह सवाल खड़े करता है कि कांग्रेस का एजेंडा क्या है।
केंद्रीय मंत्री ने ये भी कहा, पूर्वोत्तर चुनाव के नतीजे शायद राहुल गांधी को पहले से पता थे। लेकिन ना वे लोगों के मैंडेट को स्वीकार कर पाए, शायद वह एक के बाद एक मिल रही हार को भी स्वीकार नहीं कर पा रहे। कल के नतीजे दिखाते हैं कि कैसे लोग बार-बार नरेंद्र मोदीजी की सरकार पर भरोसा दिखा रहे हैं।
2022- कैंब्रिज जाकर पाकिस्तान से की थी भारत की तुलना
पिछले साल भी राहुल गांधी तब भी लंदन में थे। उस दौरान भी कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में उन्होंने छात्रों को संबोधित किया। इस दौरान राहुल के साथ अन्य विपक्षी नेता भी थे। इनमें आरजेडी के तेजस्वी यादव, मनोज झा, टीएमसी की महुआ मोइत्रा और सीपीआई (एम) के सीताराम येचुरी थे। राहुल ने यूनिवर्सिटी में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारत की तुलना पाकिस्तान से की थी। इसके अलावा लद्दाख को यूक्रेन की तरह बताया था। उन्होंने RSS पर निशाना साधते हुए कहा था कि उनके लिए भारत सोने की चिड़िया है और कर्मों के आधार पर उसका हिस्सा बांटना चाहते हैं, जिसमें दलितों के लिए कोई जगह नहीं है। हमारे देश में संवाद की कमी है। प्रधानमंत्री सुनते नहीं है। कुछ अफसरों ने बताया कि विदेश विभाग में बदलाव आ चुका है, किसी की नहीं सुनी जाती।
2018- जर्मनी में आतंकवाद को जायज ठहराने की कोशिश करने का आरोप
राहुल गांधी 2018 में जर्मनी पहुंचे थे, तब वे कांग्रेस के अध्यक्ष हुआ करते थे। यहां हैमबर्ग के बुसेरियस समर स्कूल में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा था कि विकास प्रक्रिया से बड़ी संख्या में लोगों को बाहर रखने से दुनिया में कहीं भी आतंकवादी संगठन पैदा हो सकता है। हमारी सरकार ने आदिवासियों, दलितों और अल्पसंख्यकों को बाहर रखा है, यह खतरनाक हो सकता है। 21वीं सदी में लोगों को बाहर रखना काफी खतरनाक है। बीजेपी के लोग, आरएसएस के लोग हमारे ही देश को बांटने में लगे हुए हैं। हमारे ही देश में नफरत फैलाते हैं। हमारा काम लोगों को एक साथ लाने का है और देश को एक साथ बढ़ाने का है। यह काम हमने करके दिखाया है।
2017- अमेरिका में असहिष्णुता का मुद्दा उठाया
कांग्रेस उपाध्यक्ष रहते हुए राहुल गांधी ने 2017 में अमेरिका का दौरा किया था। तब वह अमेरिका के डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रति झुकाव रखने वाली थिंक टैंक सेंटर फॉर अमेरिकन प्रोग्रेस (CAP) की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने वॉशिंगटन पोस्ट की संपादकीय टीम के साथ ऑफ दि रिकॉर्ड बातचीत के दौरान भारत में असहिष्णुता बढ़ने का आरोप लगाया था। राहुल ने कहा था कि भारत में दो बड़ी समस्याएं हैं। एक असहिष्णुता और दूसरा बेरोजगारी। कहा कि ये दोनों समस्याएं भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और विकास के लिए चुनौती पैदा कर रहीं हैं।