NEW DELHI. राहुल गांधी की संसद की सदस्यता बहाल हो गई है। अब वे 136 दिन बाद दोबारा संसद में जा सकेंगे। लोकसभा सचिवालय ने सांसदी बहाली की अधिसूचना जारी कर दी है। मोदी सरनेम केस में सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाई है। इसके बाद उनकी सांसदी बहाल कर दी गई है।
24 मार्च को गई थी राहुल की सांसदी
मोदी सरनेम केस में 2 साल की सजा होने के बाद 24 मार्च को राहुल गांधी की सांसदी चली गई थी। 4 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा पर रोक लगा दी। इसके 3 दिन बाद राहुल की सदस्यता बहाल कर दी गई है। अब वे 136 दिन बाद संसद जा सकेंगे।
कांग्रेस ने की थी सदस्यता बहाली की मांग
राहुल की सजा पर रोकने का सुप्रीम कोर्ट से आदेश आने के बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से मुलाकात की थी। उन्होंने राहुल की सदस्यता बहाल करने का अनुरोध किया था। स्पीकर बिरला ने कहा था कि वे सुप्रीम कोर्ट से आदेश मिलने के बाद इस पर फैसला लेंगे। अधीर रंजन ने शनिवार को छुट्टी होने की वजह से लोकसभा सचिवालय में पोस्ट से डॉक्यूमेंट भेजे। आज लोकसभा सचिवालय ने अधिसूचना जारी की। इसमें लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट के 4 अगस्त के आदेश के मुताबिक राहुल की सजा पर रोक लगा दी गई है। जिसके चलते उनकी संसद सदस्यता बहाल की जा रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने राहुल की सजा पर लगाई थी रोक
शुक्रवार 4 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की 2 साल की सजा पर रोक लगा दी थी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुजरात हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने आपराधिक मानहानि मामले में राहुल की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब तक अपील लंबित है, तब तक सजा पर अंतरिम रोक रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वो जानना चाहता है कि राहुल को अधिकतम सजा क्यों दी गई। कोर्ट ने कहा कि अगर जज ने 1 साल 11 महीने की सजा दी होती तो राहुल गांधी अयोग्य नहीं ठहराए जाते।
सुप्रीम कोर्ट ने पूछे थे सख्त सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान राहुल गांधी के विरोध में दलीलें दे रहे शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी के वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी से पूछा था कि अदालत ने अधिकतम सजा देने के क्या ग्राउंड दिए हैं। कम सजा भी तो दी जा सकती थी। उससे संसदीय क्षेत्र की जनता का अधिकार भी बरकरार रहता। सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट की अधिकतम सजा का आधार साबित नहीं हुआ और राहुल की सजा पर रोक लगा दी गई।