NEW DELHi. कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका पर गुजरात हाईकोर्ट में आज यानी 29 अप्रैल को सुनवाई होगी। पिटीशन में सूरत सेशंस कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है। सूरत कोर्ट ने मोदी सरनेम से जुड़ी टिप्पणी से जुड़े आपराधिक मानहानि के मामले में उनकी सजा (2 साल) पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। इसके बाद राहुल ने गुजरात हाईकोर्ट में अपील की थी। मामले में एक जज के खुद को अलग कर लेने के बाद अब एक नए जज की ओर से मामले की सुनवाई की जाएगी। राहुल गांधी की वकील वकील पीएस चंपानेरी ने जस्टिस गीता गोपी की अदालत में मामले का जिक्र करते हुए तत्काल सुनवाई की मांग की थी। याचिका पर संक्षिप्त सुनवाई के बाद उन्होंने कहा था- मेरे सामने नहीं।
कोर्ट में ये हुआ था
सेशंस कोर्ट के आदेश के खिलाफ राहुल गांधी ने 25 अप्रैल को गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जज द्वारा खुद को सुनवाई से अलग किए जाने के बाद राहुल गांधी की वकील ने जानकारी दी। कांग्रेस नेता की वकील चंपानेरी ने कहा कि अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 26 अप्रैल की तारीख दी थी, लेकिन जब सुनवाई के लिए आए तो उन्होंने मामले से खुद को अलग कर लिया।
किस मामले में हुई राहुल को सजा?
राहुल गांधी की ओर से 2019 में मोदी सरनेम को लेकर की गई टिप्पणी के मामले में 23 मार्च को सूरत की अदालत ने फैसला सुनाया था। कोर्ट ने उन्हें धारा 504 के तहत दो साल की सजा सुनाई थी। हालांकि, कोर्ट ने फैसले पर अमल के लिए एक महीने की मोहलत भी दी थी। इसके साथ ही उन्हें तुरंत जमानत भी दे दी थी। राहुल ने सूरत की कोर्ट में याचिकाएं भी दाखिल की थ्राीं, जिनमें एक को कोर्ट ने खारिज कर दिया था और दूसरी पर तीन मई को सुनवाई होनी है।
ऐसा क्या बोल गए राहुल कि सजा हो गई
2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार की एक रैली में राहुल गांधी ने कहा था, 'नीरव मोदी, ललित मोदी...सभी चोरों का सरनेम मोदी होता है?' इसी को लेकर बीजेपी विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराया था। उनका आरोप था कि राहुल ने अपनी इस टिप्पणी से पूरे मोदी समुदाय की मानहानि की है। राहुल के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
राहत नहीं मिली तो राहुल के लिए आगे क्या?
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद से किसी भी कोर्ट में दोषी ठहराए जाते ही नेता की विधायकी-सांसदी चली जाती है। इसके साथ ही अगले 6 साल के लिए वह व्यक्ति चुनाव लड़ने के अयोग्य हो जाता है। राहुल की सांसदी चली गई है। अगर कोर्ट से भी उन्हें राहत नहीं मिलती है तो राहुल 2024 और 2029 का लोकसभा चुनाव भी नहीं लड़ सकेंगे।