पायलट ने कहा- 5 साल प्रदेशाध्यक्ष रहा तो सरकार के दांत खट्‌टे कर दिए, खान आवंटित का मामला कैंसिल कर दिया,लेकिन जांच तो होनी चाहिए

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Neha Thakur
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पायलट ने कहा- 5 साल प्रदेशाध्यक्ष रहा तो सरकार के दांत खट्‌टे कर दिए, खान आवंटित का मामला कैंसिल कर दिया,लेकिन जांच तो होनी चाहिए

JAIPUR. राजस्थान में पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजेश पायलट की आज रविवार 11 जून को पुण्यतिथि कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस दौरान पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने एक बार फिर वसुंधरा सरकार पर सियासी हमला करते हुए कहा कि मैं सबको साथ लेकर चलने की कोशिश करता हूं। 5 साल प्रदेशाध्यक्ष रहा तो सरकार के दांत खट्‌टे कर दिए। वसुंधरा राजे का विरोध साल के 365 किया। मेरे मुंह से कोई गलत बात नहीं निकली, लेकिन यदि उन्होंने खान आवंटित की, मामला उठा तो कैंसिल कर दिया, लेकिन जांच तो होनी चाहिए। किसी ने सही कहा है कि हर गलती सजा मांगती है। आपस में कैसे भी संबंध हों, सबसे बड़ा न्याय नीली छतरी वाला देता है। आज नहीं तो कल न्याय जरूर मिलेगा।



सियासी घोषणा नहीं होने का दावा



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11 जून को सचिन पायलट द्वारा बड़ा सियासी ऐलान करने की संभावनाओं पर भी पूरी तरह ब्रेक लग गया है। पुष्पांजलि अर्पित करने पहुंचे पायलट के समर्थक कृषि विपणन राज्यमंत्री मुरारीलाल मीणा ने कहा- ऐसी बातें सिर्फ अफवाह है, यहां सिर्फ श्रद्धांजलि सभा होगी। उन्होंने कहा- राजेश पायलट बड़े नेता थे, उनकी पुण्यतिथि पर हर साल भंडाना में पुष्पांजलि कार्यक्रम आयोजित किया जाता रहा है। इस साल भी यह कार्यक्रम हो रहा है। इस कार्यक्रम के बाद सचिन पायलट दिल्ली रवाना होंगे। बांदीकुई विधायक जीआर खटाणा ने भी 11 जून को होने वाली संभावित घोषणा की चर्चाओं का खंडन किया था।



मूर्ति का किया अनावरण



पायलट दौसा शहर के गुर्जर छात्रावास में पूर्व केंद्रीय मंत्री राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। यहां उन्होंने राजेश पायलट की मूर्ति का अनावरण भी किया। सचिन पायलट ने अपने पिता को याद करते हुए कहा कि राजेश पायलट ने छोटे किसान के घर में जन्म लेकर ऊंचाई पर पहुंचकर अपना दामन साफ रखा है, यह राजनेता की सबसे बड़ी सफलता है।



दो पार्टियों के नाम का दावा



मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सचिन पायलट अपनी पार्टी का नाम प्रगतिशील कांग्रेस या जनसंघर्ष पार्टी रख सकते हैं। चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने एक मीडिया हाउस को दिए गए इंटरव्यू में बताया कि सचिन पायलट के कांग्रेस छोड़कर नई पार्टी बनाने की चर्चाओं को बल मिल रहा है। हालांकि निर्वाचन विभाग के पास प्रगतिशील कांग्रेस पार्टी और जनसंषर्घ पार्टी के कोई दस्तावेज ही नहीं हैं। चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार 'जन संघर्ष पार्टी' बिहार की रीजनल पार्टी है, जिसका राजस्थान से कोई ताल्लुक नहीं है।



अभी तक नहीं हुई कोई पार्टी रजिस्टर्ड



सचिन पायलट ही नहीं पूरे राजस्थान में किसी ने पिछले एक साल में केंद्रीय चुनाव आयोग (दिल्ली) में नई पार्टी रजिस्टर्ड नहीं की है। पिछले 20 साल में ऐसा पहली बार हुआ है, जब चुनावी साल में किसी राजनीतिक पार्टी का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ। इससे पहले साल 2003, 2008, 2013 और 2018 में किसी ने किसी पार्टी का रजिस्ट्रेशन हुआ था, लेकिन इस बार 2023 के 5 महीने बीत चुके हैं, लेकिन किसी राजनीतिक पार्टी का कोई रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है।



नई पार्टी के रजिस्ट्रेशन में 3-4 माह का लगता है समय



राजस्थान मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. प्रवीण कुमार गुप्ता के मुताबिक नई पार्टी के लिए कोई भी आवेदन कर सकता है, लेकिन आम तौर पर आवेदन के बाद चुनाव आयोग 3 से 4 महीने का समय लेकर ही रजिस्ट्रेशन करता है। ऐसे में फिलहाल कोई नई पार्टी सामने नहीं आई है। वहीं,  पायलट समर्थकों का कहना है कि नई पार्टी बनाने की अभी फिलहान संभावना दिखाई नहीं दे रही है।



किसी ने नहीं दिया कांग्रेस से इस्तीफा



सचिन पायलट और उनके किसी भी समर्थक ने अब तक कांग्रेस से इस्तीफा नहीं दिया है और न ही ऐसी कोई घोषणा की है। वहीं, नई पार्टी बनाने का आवेदनकर्ता को नियमानुसार शपथ पत्र देना पड़ता है कि वे किसी भी अन्य राजनीतिक पार्टी के सदस्य नहीं हैं। राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो सचिन पायलट सीएम अशोक गहलोत के बीच का मामला बहुत उलझ चुके हैं। फिर भी नई पार्टी बनाना तो ज्यादा बड़ा जोखिम है। बड़े पैमाने पर आर्थिक संसाधन जुटाना, समय-ऊर्जा खर्च करना और कांग्रेस के झंडे तले मिलने वाले वोटों को खोना ऐसे तर्क हैं कि लगता नहीं पायलट नई पार्टी बनाएंगे।



तैयार हो रहे दौरों की लिस्ट



पायलट के करीबी विधायक का कहना है कि अब सचिन पायलट चुनाव से पहले सभी जिलों में दौरे करेंगे। इन दौरों की डिजाइन, योजना या रणनीति इलेक्शन एक्सपर्ट प्रशांत किशोर की कम्पनी आई पेक कर रही है। आई पेक पायलट के लिए दौरे डिजायन कर रही है, जिसमें वे करीब 80 विधानसभाओं को अच्छे से टच करना चाहते हैं। करीबी सूत्रों ने बताया कि पीके की कम्पनी का काम करने की शर्त में सबसे जरूरी शर्त है कि वे कम से कम 40 सीटों पर काम करती है। इससे कम का काम हाथ में नहीं लेती और प्रति सीट 1 करोड़ रुपए तक का चार्ज करती है।



पूर्व और दक्षिणी राजस्थान पर अधिक फोकस



राजस्थान में काम करने आई पीके कंपनी की टीम राजस्थान के पूर्वी और दक्षिणी भाग की 40 सीटों पर गहराई से फोकस कर रही है। वहीं 40 और सीटें अपने काम में जोड़ने की योजना है। पायलट की राष्ट्रीय स्तर के नेता की छवि है, जिसे ध्यान में रखते हुए इन सीटों के लिए रोडमैप तैयार किया जाएगा। पायलट के दौरे के समय यहां सभाएं-रैलियां और पदयात्रा भी होगी।

 


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