RSS की BJP को आत्मचिंतन की सलाह; आर्गनाइजर में लिखा- 2024 में सिर्फ मोदी के चेहरे और हिंदुत्व के भरोसे नहीं मिलेगी जीत

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Sunil Shukla
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RSS की BJP को आत्मचिंतन की सलाह; आर्गनाइजर में लिखा- 2024 में सिर्फ मोदी के चेहरे और हिंदुत्व के भरोसे नहीं मिलेगी जीत

NEW DELHI. कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी की बड़ी हार के बाद राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) ने 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टी को नसीहत देते हुए आत्मचिंतन करने की सलाह दी है। संघ का मुखपत्र माने जाने वाले अंग्रेजी अखबार ऑर्गनाइजर के एडिटोरियल में बहुत साफ शब्दों में लिखा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करिश्मा और हिंदुत्व के विचार चुनाव जीतने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। आइडियोलॉजी (विचारधारा) और केंद्रीय नेतृत्व बीजेपी के सकारात्मक पहलू हो सकते हैं, लेकिन पार्टी का मजबूत आधार और क्षेत्रीय लीडरशिप के बिना चुनाव जीतना आसान नहीं है। 



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भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बचाव की मुद्रा में थी कांग्रेस 



ऑर्गनाइजर में 23 मई को छपे एडिटर प्रफुल्ल केतकर के एडिटोरियल में लिखा कि "पीएम मोदी के सत्ता में आने के बाद ये पहली बार हुआ जब कर्नाटक चुनाव में बीजेपी भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बचाव की मुद्रा में थी।" ये पहली बार है जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा से जुड़े अखबार ने बीजेपी को चुनाव को लेकर अपनी सलाह दी है।



लेख के साथ पं.दीनदयाल उपाध्याय की टिप्पणी का भी उल्लेख 



आर्गनाइजर के ई-पेपर में छपे इस लेख के साथ एडिटर प्रफुल्ल केतकर ने इसी अखबार में 3 जून 1963 को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की एक टिप्पणी का भी विशेष उल्लेख किया है। आरएसएस और बीजेपी के प्रेरणास्त्रोत और ख्यात चिंतक-विचारक पं. दीनदयाल उपाध्याय की ये टिप्पणी पराजय यानी हार के बारे में है। इसमें उन्होंने लिखा है- "हार को स्वीकरना ही पड़ता है। इसे नजरअंदाज करने का कोई प्रयास नहीं होना चाहिए। कायदे से पूरे अभियान का बारीकी से विश्लेषण किया जाना चाहिए ताकि कमियों, खामियों को दूर कर भविष्य में नुकसान से बचा जा सके।"



कांग्रेस की जीत के ये कारण बताए 



ऑर्गनाइजर के एडिटोरियल में लिखा गया है कि बीजेपी नेतृत्व ने कर्नाटक के चुनाव में राष्ट्रीय मुद्दों को लाने का प्रयास किया, लेकिन कांग्रेस ने स्थानीय मुद्दों को नहीं छोड़ा। कांग्रेस की जीत का यही सबसे बड़ा कारण है। आगे लिखा गया है कि कर्नाटक चुनाव में जातीय मुद्दों के आधार पर वोट जुटाने का प्रयास हुआ, लेकिन ये राज्य टेक्नोलॉजी का हब है। ऐसे में ये चिंता का विषय है।  



कांग्रेस ने क्या कहा?



आरएसएस के मुखपत्र में बीजेपी को नसीहत पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता और कर्नाटक के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि बीजेपी और आरएसएस ने स्वीकार किया कि विधानसभा चुनाव में कर्नाटक के लोगों ने पीएम नरेंद्र मोदी को नकार दिया है। वो लोग जो देश में आम जनता की तकलीफों को दर किनार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महिमामंडन करते हैं, उन्हें कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों से सबक लेना चाहिए। दरअसल, कर्नाटक में चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी ने अपने स्टार प्रचारकों खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हिंदुत्व पर खासा जोर दिया था। कर्नाटक चुनाव में कई ऐसे मुद्दे उठाए गए जो सीधे तौर पर हिंदुत्व की विचारधारा से जुड़े थे। बीजेपी इन्हीं मुद्दों के दम पर एकतरफा जीत हासिल करने की असफल कोशिश की। 



कर्नाटक में 66 सीटों पर सिमटी बीजेपी



कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बड़ी और अप्रयाशित जीत हासिल की है। यहां कांग्रेस को 224 में 135 सीटें मिली तो बीजेपी 66 और जेडीएस 19 पर सिमटकर रह गई। राज्य में चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस और उसके नेताओं ने बीजेपी सरकार के राज में भ्रष्टाचार और स्थानीय मुद्दों पर जोर दिया था। सरकारी योजनाओं में 40 फीसदी कमीशन के साथ उसने राज्य में अमूल के माध्यम से कर्नाटक मिल्क फेडरेशन के ब्रांड नंदिनी को खत्म करने के प्रयास का मुद्दा भी जोरशोर से उठाया था। इन दोनों ही मुद्दों पर बीजेपी सफाई पेश करते हुए हमेशा बचाव की मुद्रा में नजर आई।


Sangh advice to BJP for introspection RSS advice to BJP over defeat in Karnataka आर्गनाइजर के संपादक प्रफुल्ल केतकर का लेख 2024 में पीएम मोदी के चेहरे और हिंदुत्व के भरोसे नहीं मिलेगी जीत आरएसएस की बीजेपी को आत्मचिंतन की सलाह कर्नाटक में हार के बाद बीजेपी को संघ की नसीहत RSS On Karnataka Election Result article by Organizer editor Prafulla Ketkar PM Modi face and Hindutva will not win in 2024