![2 महीने में दूसरी बार बोले भागवत: भारत के हिंदुओं-मुस्लिमों के पुरखे एक जैसे, अंग्रेजों ने लड़ाया](https://img-cdn.thepublive.com/fit-in/1280x960/filters:format(webp)/sootr/media/post_banners/8ae9681f9b5d88b5b3bfd1000b8c63da1f2a766ee3faec2d30256972f8c49bd2.png)
मुंबई. राष्ट्रीय स्वयंसेवक (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने बड़ा बयान दिया। 6 सितंबर को उन्होंने मुंबई (mumbai) में मुस्लिम बुद्धिजीवियों के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में रहने वाले हिंदुओं और मुस्लिमों के पूर्वज एक ही है। भारत में रहने वाले मुस्लिमों को डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें मुस्लिम (muslim) वर्चस्व की नहीं, बल्कि भारत के वर्चस्व की सोच रखनी होगी।
अंग्रेजों ने दोनों के बीच दूरियां पैदा की- भागवत
RSS सरसंघ संचालक मोहन भागवत (Mohan bhagwat) मुम्बई में आयोजित 'राष्ट्र प्रथम-राष्ट्र सर्वोपरि' संगोष्ठी को संबोधित करने के लिए पहुंचे थे। यहां उन्होंने मुस्लिम विद्वानों (muslim scholars) से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने गलत धारणा बनाकर हिंदुओं (Hindus) और मुसलमानों को लड़ाया। उन्होंने हिंदुओं से कहा कि मुसलमान चरमपंथी हैं। अंग्रेजों ने इस तरह दोनों समुदायों को लड़ा दिया। इस कारण दोनों समुदाय विश्वास की कमी के कारण एक दूसरे से दूसरी बनाए रखने की बात करते रहे हैं। हमें अपनी दृष्टि बदलने की जरूरत है।
कट्टरपंथियों का विरोध करना चाहिए- RSS चीफ
भागवत ने कहा कि देश को आगे बढ़ाने के लिए सबको साथ मिलकर काम करना होगा। मुस्लिमों के नेतृत्व को कट्टरपंथियों का विरोध करना चाहिए। उन्हें कट्टरपंथियों के सामने डटकर खड़ा होना चाहिए। ये कठिन है लेकिन जितनी जल्दी करेंगे उतना कम नुकसान होगा।
हिंदू किसी से दुश्मनी नहीं रखते- भागवत
उन्होंने कहा कि हिंदू कभी किसी से दुश्मनी नहीं रखते। वो सबकी भलाई सोचते हैं। इसलिए दूसरे के मत का यहां अनादर नहीं होगा। जो ऐसी सोच रखता है वो धर्म से चाहे कुछ भी हो, वह हिन्दू है। उन्होंने कहा कि हिंदू शब्द हमारी मातृभूमि, पूर्वजों और संस्कृति की समृद्ध विरासत के बराबर है, और हर भारतीय एक हिंदू है।
दो महीने पहले भागवत ने क्या कहा था?
4 जुलाई को भागवत ने गाजियाबाद में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्वारा आयोजित समारोह में संघ प्रमुख ने कहा था कि सभी भारतीयों का डीएनए (DNA) एक है, भले ही वे किसी भी धर्म के क्यों न हों।उन्होंने कहा कि हिंदू-मुस्लिम एकता की बातें भी भ्रामक हैं, क्योंकि ये दोनों अलग नहीं, बल्कि एक ही हैं। लोगों के बीच पूजा पद्धति के आधार पर अंतर नहीं किया जा सकता। भागवत के इस DNA वाले बयान पर दिग्विजय सिंह समेत कई नेताओं ने तंज कसे थे।