संजय गुप्ता, INDORE. केंद्रीय मंत्री अमित शाह रविवार, 30 जुलाई को इंदौर दौरे पर करीब छह घंटे रहे, लेकिन बूथ कार्यकर्ताओं को विजय संकल्प दिलाने के लिए हुए कार्यक्रम में 31 मिनट के उनके भाषण के हर शब्द में राजनीतिक अर्थ हैं। इस दौरान वह मप्र में पूरी बीजेपी पार्टी को बता गए कि इस बार कौन सीएम फेस है, कौन उनका भाई, कौन मित्र और कौन जिगर का टुकड़ा है। सबसे बड़ा राजनीतिक सवाल तो यही है कि उन्हें बीजेपी के लिए मप्र में उसका मजबूत पॉइंट पता है, इसलिए चुनाव का आगाज मालवा से ही किया, क्योंकि यहां की 66 सीटें ही उन्हें मप्र में शहंशाह बनाएंगी। विंध्य और चंबल में जो बीजेपी को नुकसान की आशंका है वह यहां से ही भरा जाएगा। वहीं आदिवासी बेल्ट भी सबसे अहम यही है। इसके साथ ही जानापाव में भगवान परशुराम की जन्मस्थली जाने का संदेश साफ है कि ब्राह्मण उनके लिए अहम है, बीते दिनों जिस तरह ब्राह्मण वर्ग में छात्रवृत्ति इश्यू उठा और इस वर्ग में नाराजगी देखी जा रही है, इसे शाह ने इस दौरे से दूर करने की भरपूर कोशिश की है। यह भले ही बहुत बड़ा वोट बैंक नहीं हो लेकिन शासन, प्रशासन, समाज सभी जगह यह वोट इन्फ्लुएंशर काफी बड़ा है।
शाह के हर शब्द के मायने और राजनीतिक महत्व-
सीएम चौहान की नहीं कमल के फूल वाली सरकार बनाना है
शाह ने अपने भाषण में कहीं भी शिवराज सिंह चौहान की सरकार को वोट देने की बात नहीं की है, हालांकि, उनके नेतृत्व में काम कर रही सरकार के काम जरूर गिनाए। लेकिन अपील में यही कहा कि कमल के फूल की सरकार बनाना है। यानी चुनाव केवल कमल के फूल, मोदी और बीजेपी की सरकार के काम पर ही होंगे।
नेताओं की जगह कार्यकर्ताओं को तवज्जो
शाहर ने शुरूआत में ही मालवा की माटी के कार्यकर्ताओं में जोश भर दिया और धीमी आवाज पर नाराजगी जाहिर की, और साफ कहा कि चुनाव की शुरूआत हो रही है ऐसी आवाज नहीं चलेगी। फिर मुट्ठी भींचकर प्रचंड जीत के साथ भारत माता के जयकारे लगवा दिए, पांडाल गूंज गया, यह कार्यकर्ताओं को उनकी ताकत का एहसास कराने के लिए किया गया बड़ा मनोवैज्ञानिक कदम था। इसके साथ ही उन्होंने कार्यकर्ताओं को कहा कि मंच पर बैठे नेता बीजेपी को चुनाव नहीं जिता सकते हैं, चुनाव कौन जिता सकता है, कौन शब्द उन्होंने चार बार कहा और आवाज आई कार्यकर्ता।
वीडी को विशेष तवज्जो, गुलदस्ता भी दिया, कंधे पर हाथ रखा
अपने संबोधन से पहले अमित शाह ने हाथ में आए फूल के एक गुलदस्ते को प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा को भेंट करने के साथ ही हंसकर उनके कंधे पर हाथ रखा। संदेश साफ है कि प्रदेशाध्यक्ष वही है और कोई उठापटक मप्र में नहीं होना है। आने वाले चुनाव में उनकी भूमिका अहम होगी, यह भी साफ कर दिया। संबोधन में भी उन्होंने शर्मा के लिए मेरे मित्र, भाई कहा।
सीएम और विजयवर्गीय के लिए यह संबोधन किया
सीएम के लिए लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्रीमान शिवराज सिंह चौहान जी शब्द लगाया। वहीं नरेंद्र सिंह तोमर को श्रीमान तोमर साहब, विजयवर्गीय के लिए कहा कि इंदौर के नेता, राष्ट्रीय महासचिव भाई कैलाश विजयवर्गीय जी शब्दों का उपयोग किया।
नरेंद्र मोदी और मां अहिल्या को साथ में लिंक किया
पीएन नरेंद्र मोदी के कामों को सीधे उन्होंने मां अहिल्या के कामों से लिंक कर भावनात्मक रूप से लोगों को मोदी के साथ जोड़ा। उन्होंने पुण्याश्लोक अहिल्या बाई को श्रृद्धा सुमन अर्पित कर कहा कि उन्होंने पूरे देश में संस्कृति और धर्म को स्थापित करने के लिए अभियान चलाया, हर तीर्थ अहिल्याबाई के नाम से जुड़ा है, वहीं हमारे प्रिय नेता नरेंद्र मोदी भी आगे बढ़ा रहे हैं। हर तीर्थ का विकास हो रहा है।
पुराने नेताओं को याद किया
अमित शाह ने कुशाभाऊ ठाकरे और राजमाता सिंधिया को भी याद किया और उनके पुराने कामों को तवज्जो दी और कहा कि आज सबसे अच्छा संगठन ठाकरे के कारण मप्र में हैं।
कश्मीर, 370, राममंदिर मामले को भी जमकर भुनाया
बीजेपी ने अपने परंपरागत मुद्दों को भी जमकर भुनाया, उन्होंने कश्मीर हमारा है, धारा 370 हटाने और यूपीए की सरकार द्वारा कुछ नहीं करने, सर्जिकल स्ट्राइक के साथ ही राममंदिर जैसा मुद्दा भी उठाया। इसके साथ ही आंक़डे पेश कर बीजेपी की केंद्र और राज्य की डबल इंजन सरकार बताकर बताया कि कितना विकास काम हुआ है, उज्ज्वला योजना, पीएम आवास योजना से लेकर हाईवे बनने, एयरपोर्ट विकास जैसे मुद्दे उठाए और साथ ही कोविड का संवेदनशील मुद्दा उठाते हुए कहा कि वैक्सीन फ्री दी।
पदाधिकरियों की बैठक में सांसद, विधायक नहीं, यानी टिकट भी तय नहीं
शाह ने देर शाम होटल मैरिएट में संभाग के पदाधिकारियों की बैठक ली, इसमें सांसद और विधायक नहीं थे, यानी संदेश साफ है कि पार्टी पदाधिकारी तो तय है, लेकिन किसका टिकट कटेगा और किसका बचेगा यह तय नहीं है, इसलिए शाह ने उनसे दूरी बनाई और चुनाव जितवाने वाले पार्टी संगठन को महत्व दिया।
बैठक में दी चेतावनी- 2018 की गलती नहीं हो
बीजेपी सूत्रों ने बताया कि बैठक में शाह ने 2018 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी की हार पर विस्तृत चर्चा हुई थी। इन सीटों को दोबारा कैसे जीता जाए, इसके लिए एक रोड मैप तैयार किया जा रहा है। शाह ने बताया कि कैसे आदिवासी क्षेत्रों में कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनावों में कुल 47 सीटों में से 31 पर जीत हासिल की थी। मालवा-निमाड़ की बात करें तो यहां 22 में से 15 सीट जीती थी। इन सीटों को अपने पक्ष में कैसे लाया जाए? इस पर काम करना है। लेकिन 2018 में हमसे चूक हो गई थी। इस बार वह गलती नहीं दोहराना है। मध्यप्रदेश की जीत बहुत जरूरी है। अगर हम एमपी जीत गए तो समझो अगले 50 साल केंद्र में भी बीजेपी की ही सरकार रहेगी।
पुराने और नाराज लोगों को मनाया जाएगा
शाह ने बैठक में उन वरिष्ठ नेताओं की भी बात की जो वर्तमान में पार्टी से नाखुश हैं। शाह ने जिला प्रभारियों और अध्यक्षों से कहा कि पार्टी के नाखुश सदस्यों को चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका में लाया जाएगा। अमित शाह ने कहा कि आप सबको पता है कि बीजेपी कितनी बड़ी ताकत है। किसी बड़े नेता की जरूरत ही नहीं है। हमारा बूथ का कार्यकर्ता ही चुनाव जीताने में सक्षम है। बैठक में संभाग के सभी जिलों के अध्यक्ष, महामंत्री और प्रदेश और राष्ट्रीय पदाधिकारी मौजूद थे। बैठक में करीब 70 लोग उपस्थित हुए। बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राष्ट्रीय सहसंगठन मंत्री शिवप्रकाश, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा मौजूद थे।
दस अगस्त तक सभी सम्मेलन हो जाने चाहिए, मैं खुद लूंगा जानकारी
शाह ने जिलाध्यक्ष डॉ. राजेश सोनकर और नगर अध्यक्ष गौरव रणदीवे से कहा कि 10 अगस्त तक सभी कार्यकर्ता सम्मेलन पूरे हो जाना चाहिए। इस बार सभी 230 विधानसभा सीटों पर 15 अगस्त से पहले चुनाव कार्यालय खुल जाना चाहिए। ताकि यह लगे कि बीजेपी पूरी ताकत और सक्रियता के साथ चुनाव मैदान में उतरने जा रही है। शाह ने कहा कि मैं जिलाध्यक्षों से पूछूंगा कि सच में ऐसा हुआ है या नहीं। चुनाव जीतने के मंत्र देते हुए कहा कि बूथ कार्यकर्ता को अब वोटिंग तक वहीं सक्रिय रहना है और दूसरा मंत्र कि हितग्राही से संपर्क कर बताना है कि केंद्र-राज्य की योजनाओं का लाभ मिला है।