चुनाव आयोग का उद्धव ठाकरे गुट को बड़ा झटका, शिवसेना का नाम और तीर-कमान चिहृ शिंदे गुट को मिला

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The Sootr
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चुनाव आयोग का उद्धव ठाकरे गुट को बड़ा झटका, शिवसेना का नाम और तीर-कमान चिहृ शिंदे गुट को मिला

 MUMBAI. महाराष्ट्र की राजनीति में लंबे समय जारी उठापटक अब थम सकती है। पिछले काफी समय से शिवसेना का नाम और पार्टी का निशान तीर-कमान को लेकर उद्धव ठाकरे गुट और एकनाथ शिंदे गुट के बीच घमासान चल रहा था। इस बीच चुनाव आयोग ने 17 फरवरी, शुक्रवार को एकनाथ शिंदे गुट के पक्ष में बड़ा आदेश दिया है। आदेश के अनुसार एकनाथ शिंदे गुट की बड़ी जीत हुई है, जबकि उद्धव ठाकरे गुट से पार्टी का नाम और निशान छिन गया है। एकनाथ शिंदे गुट के पास पार्टी का नाम शिवसेना और पार्टी का प्रतीक तीर-कमान रहेगा। 



जून 2022 में शिंदे ने किया था उलटफेर



आपको बता दें कि एकनाथ शिंदे ने जून 2022 के महीने में तख्ता पटल किया था। इस दौरान शिवसेना दो गुट में बंट गई थी- एक गुट एकनाथ शिंदे का और दूसरा गुट उद्धव ठाकरे का। शिवसेना के नाम और पार्टी के सिंबल पर हक को लेकर उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच पिछले कुछ समय से तनातनी चल रही थी।  



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दोनों गुट शिवसेना पर ठोक रहे थे दावा



उद्धव गुट और एकनाथ शिंदे गुट असली शिवसेना की पहचान के लिए आमने-सामने आ गए थे। जहां एकनाथ शिंदे गुट का कहना था कि हम बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा को आगे बढ़ा रहे हैं। वहीं उद्धव गुट शिवसेना पर अपना दावा ठोक रहा था। इसके बाद उद्धव गुट और शिंदे गुट ने शिवसेना के नाम और पार्टी के प्रतीक चिह्न तीर कमान को लेकर चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया था।



अक्टूबर 2022 में हुई थी दो नामों की घोषणा



अक्टूबर 2022 में शिंदे गुट को पार्टी के प्रतीक के रूप में दो तलवार और ढाल के साथ बालासाहेबंची शिवसेना (बालासाहेब की शिवसेना) नाम दिया गया था। जबकि उद्धव गुट को शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नाम दिया गया था और प्रतीक चिह्न मशाल दिया गया था।



सीएम शिंदे बोले- ये लोकतंत्र की जीत



चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि ये लोकतंत्र की जीत है। लोग हमसे जुड़ रहे हैं। ये सत्य की जीत है। ये बालासाहेब के विचारों की जीत है। शिंदे ने कहा कि ये लाखों कार्यकर्ताओं की जीत है।




— Sanjay Raut (@rautsanjay61) February 17, 2023



संजय राउत बोले- ये लोकतंत्र की हत्या



चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद शिवसेना सांसद संजय राउत ने ट्वीट कर कहा कि इसकी स्क्रिप्ट पहले से ही तैयार थी। देश तानाशाही की ओर बढ़ रहा है। जबकि कहा गया था कि नतीजा हमारे पक्ष में होगा। लेकिन अब एक चमत्कार हो गया है। राउत ने कहा कि ऊपर से नीचे तक करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाया है। हमें फिक्र करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि जनता हमारे साथ है, लेकिन हम जनता के दरबार में नया चिह्न लेकर जाएंगे और फिर से शिवसेना खड़ी करके दिखाएंगे, ये लोकतंत्र की हत्या है।


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