LUCKNOW. अमेठी में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने 2024 के लोकसभा चुनाव में अपना प्रत्याशी उतारने के संकेत दिए हैं। अखिलेश ने कहा कि अमेठी में गरीब महिलाओं की दुर्दशा देखकर मन बहुत दुखी हुआ है। इसके साथ ही उन्होंने मौजूदा सांसद स्मृति ईरानी पर निशाना साधते हुए कहा कि आगामी लोकसभा 2024 चुनाव में सिलेंडर वाली सांसद को चुनाव जरूर हराना है।
सपा अमेठी की गरीबी को मिटाने का संकल्प उठाती है
अखिलेश यादव ने कहा कि यहां की संसदीय सीट से हमेशा से वीआईपी चुनाव जीते और हारे हैं, यहां का ऐसा हाल तो बाकी प्रदेश का क्या कहना। 2024 के लोकसभा चुनाव में अमेठी की जनता बड़े लोगों को नहीं बड़े दिल वाले लोगों को चुनेगी। सपा अमेठी की गरीबी को मिटाने का संकल्प उठाती है।
ये खबर भी पढ़ें...
2019 के चुनाव में राहुल गांधी को दी थी शिकस्त
2019 के चुनाव में राहुल गांधी को स्मृति ईरानी ने शिकस्त देकर गांधी परिवार के अभेद्य दुर्ग माने जाने वाले अमेठी में भगवा फहरा दिया। अब दो दशक तक कांग्रेस को वॉकओवर देने वाली समाजवादी पार्टी ने 2024 के चुनाव में अमेठी में दो-दो हाथ करने का मन बना लिया है। ऐसे में सवाल उठता है कि सपा के कैंडिडेट उतारने से कांग्रेस और बीजेपी में से किसकी मुश्किलें बढ़ेंगी?
अब तक दो बार लड़ चुकी है सपा
सपा अपने गठन के बाद सिर्फ अमेठी लोकसभा सीट से दो बार चुनावी मैदान में उतरी थी, जिसमें पहली बार 1998 में शिव प्रसाद कश्यप ने तो 1999 में कमरुज्जमा फौजी ने सपा से किस्मत आजमाई थी। सपा के ये दोनों ही उम्मीदवार अमेठी में कोई खास करिश्मा नहीं दिखा सके थे। इसके बाद से सपा ने कभी भी अपना कोई भी प्रत्याशी नहीं उतारा।
अमेठी में कमजोर हो रही है कांग्रेस
2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी के अमेठी से हार जाने के बाद सारे सियासी समीकरण बदल गए हैं। स्मृति ईरानी बीजेपी से सांसद हैं और केंद्र में मंत्री है। राहुल की हार के बाद से गांधी परिवार का अमेठी से मोहभंग हो गया है। पिछले पांच सालों में राहुल गांधी गिनती के दो तीन बार ही अमेठी गए हैं। कांग्रेस अमेठी में लगातार कमजोर होती जा रही है तो सपा को अपनी जड़ें जमाने में कामयाबी मिली है।