बीजेपी को कैसे हराया जा सकता है, प्रशांत किशोर ने बताई रणनीति, कहा- विपक्षी एकता महज दिखावा, दलों के साथ आने से कुछ नहीं

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Atul Tiwari
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बीजेपी को कैसे हराया जा सकता है, प्रशांत किशोर ने बताई रणनीति, कहा- विपक्षी एकता महज दिखावा, दलों के साथ आने से कुछ नहीं

NEW DELHI. कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर सवाल उठाने वालों में अब चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) भी शामिल हो गए हैं। उन्होंने कहा कि यात्रा की असली परीक्षा जमीनी प्रभाव के जरिए होगी। साथ ही पीके ने बीजेपी को कैसे हराया जा सकता है, इस पर भी बात रखी। उन्होंने विपक्षी दलों की एकजुटता को भी कटघरे में खड़ा किया है। कहा कि जब तक वैचारिक गठबंधन नहीं होगा, तब तक बीजेपी को नहीं हराया जा सकता।





पीके ने 20 मार्च को कहा कि अस्थिर और विचारधारा के स्तर पर बंटे होने के कारण विपक्षी एकता 2024 में काम नहीं करेगी। विपक्षी एकता महज दिखावा है और पार्टियों और नेताओं को केवल एकसाथ लाने से ही यह फलीभूत नहीं होगी। एक चैनल से बातचीत में पीके ने कहा, 'अगर आप बीजेपी को चुनौती देना चाहते हैं तो आपको उसकी ताकत (हिंदुत्व, राष्ट्रवाद और कल्याणवाद) समझनी होगी। यह तीन स्तरीय मामला है। अगर आप इनमें से कम से कम दो भी भेदने में कामयाब नहीं होते हैं तो आप बीजेपी को चुनौती नहीं दे सकते।





हिंदुत्व से लड़ने के लिए विचारधाराओं को एक होना होगा- पीके





प्रशांत किशोर के मुताबिक, हिंदुत्व की विचारधारा से लड़ने के लिए विचारधाराओं का गठबंधन होना चाहिए। गांधीवादी, अंबेडकरवादी, समाजवादी, वामपंथी सभी विचारधाराएं जरूरी है, लेकिन आप विचारधारा के आधार पर अंधा भरोसा नहीं रख सकते। जब तक वैचारिक समानता नहीं आएगी, तब तक बीजेपी को मात देने का सवाल ही नहीं उठता। अपनी आइडियोलॉजी को महात्मा गांधी की विचारधारा बताने वाले पीके बिहार में जन सुराज यात्रा निकाल रहे हैं। वे कहते हैं कि जन सुराज यात्रा गांधी की कांग्रेस को फिर जीवित करने की कोशिश है। यह बिहार के आसपास स्थिति बदलने के लिए है। बिहार को जातिवाद की राजनीति और कई गलत कारणों से जाना जाता है। अब समय आ गया है कि बिहार को लोगों की क्षमताओं से जाना जाए।





कांग्रेस से अलग होने को लेकर भी बोले पीके





कांग्रेस के साथ टकराव पर पीके ने कहा, मेरा मकसद कांग्रेस को दोबारा तैयार करना था और उनका मकसद चुनाव जीतना था। वे जिस तरह से मेरे विचारों को लागू करना चाहते थे, उस पर सहमति नहीं बनी। भारत जोड़ो यात्रा को लेकर पीके बोले- 'केवल चलने से मतलब नहीं है। भारत जोड़ो यात्रा के 6 महीनों में काफी तारीफ और आलोचना भी रही। 6 महीनों तक चलने के बाद आपको फर्क नजर आना जरूरी है? यात्रा पार्टी की चुनावी स्थिति बदलने के लिए की गई थी। मैं अब तक केवल चार जिले ही कवर कर पाया हूं। मेरे लिए यात्रा मिशन नहीं नहीं, बल्कि क्षेत्र को जानने का तरीका है।'





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