NEW DELHI. शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह निर्वाचन आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट को दे दिया है। जिससे उद्धव गुट बौखलाया हुआ है। चुनाव आयोग के शिंदे गुट को शिवसेना का नाम और तीर-कमान निशान देने के फैसले के खिलाफ उद्धव गुट 20 फरवरी, सोमवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से इंकार कर दिया। उद्धव गुट के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने तत्काल सुनवाई की मांग की थी। कोर्ट ने कहा कि इसकी एक प्रक्रिया होती है। उसके तहत 21 फरवरी, मंगलवार को फिर से याचिका दाखिल करें।
राउत का दावा- शिवसेना का नाम खरीदने के 2000 करोड़ का हुआ सौदा
ठाकरे गुट लगातार चुनाव आयोग के इस फैसले का विरोध कर रहा है। शिवसेना (यूबीटी) के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें यकीन है चुनाव चिन्ह और नाम हासिल करने के लिए अब तक 2000 करोड़ के सौदे और लेन-देन हो चुके हैं। ठाकरे गुट का कहना है कि सोमवार (20 फरवरी) को वह इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और इंसाफ की गुहार लगाएंगे। राउत ने कहा कि यह आंकड़ा 100 फीसदी सच है। जल्द ही कई बातों का खुलासा होगा। इससे पहले देश के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ था। इससे पहले राउत ने कहा था कि "हमारे पार्टी पर डाका डाला गया है। हम लोग इसकी जांच करेंगे, चोर को पकड़ना होगा। आखिर तीर-कमान का चोर कौन है? हम सब केवल धनुष-बाण चुराने वाले लोगों की जांच कर रहे हैं, यह चोरी उन्हें महंगी पड़ेगी" राउत ने आरोप लगाया है कि यह निर्णय खरीदा हुआ है। चिह्न और नाम असली शिवसेना से छीने गए हैं, यह न्याय नहीं है।
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पार्टी का चुनाव चिह्न ‘तीर-कमान’ चोरी हो गया
उद्धव ठाकरे ने अपने समर्थकों से कहा कि गली-गली में जाकर लोगों को बताइये कि पार्टी का चुनाव चिह्न ‘तीर-कमान’ चोरी हो गया है। सीएम एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि चोर को सबक सिखाने की जरूरत है। वह पकड़ा गया है। मैं चोर को तीर-कमान लेकर मैदान में आने की चुनौती देता हूं और हम एक जलती हुई मशाल से उसका मुकाबला करेंगे।