BHOPAL. मध्यप्रदेश में अधिकारी-कर्मचारियों के ट्रांसफर अब 7 जुलाई तक हो सकेंगे। पहले इसकी तारीख 30 जून निर्धारित थी। सीएम शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले हुए। बैठक में लाड़ली बहना सेना के गठन के बारे में चर्चा की गई। वहीं दीनदयाल रसोई योजना के साथ अब मामा की थाली नाम जोड़ा जाएगा। मध्यप्रदेश में 5 रुपए में मामा की थाली मिलेगी।
मध्यप्रदेश में सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों के तबादले की समय सीमा 30 जून से बढ़ाकर 7 जुलाई की गई। कैबिनेट की बैठक में फैसला।
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लाड़ली बहना सेना के गठन के बारे में चर्चा
मध्यप्रदेश में लाड़ली बहना सेना के गठन के बारे में चर्चा हुई। ये काम 15 जुलाई से 15 अगस्त तक किया जाएगा। 10 जुलाई से लाड़ली बहना कार्यक्रम फिर शुरू होगा। इसमें 21 साल की महिलाओं को योजना में शामिल किया जाएगा। जुलाई के पहले हफ्ते में मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना के तहत कार्यक्रम किए जाएंगे।
मध्यप्रदेश में 5 रुपए में मिलेगी मामा की थाली
दीनदयाल रसोई, दीनदयाल रसोई ही रहेगी। इसके नाम में कोई भी परिवर्तन नहीं होगा। इस संबंध में मंत्री परिषद का प्रस्ताव था, लेकिन परिवर्तन का कोई प्रश्न ही नहीं है: CM pic.twitter.com/SYA8AIkE20
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मध्यप्रदेश में नगरीय क्षेत्रों में चलने वाली दीनदयाल रसोई योजना के साथ अब मामा की थाली नाम जोड़ा जाएगा। कैबिनेट बैठक में ये फैसला हुआ। गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि नगर निगम के साथ नगर पालिका स्तर तक दीनदयाल रसोई योजना चलाई जाएगी। इसमें खाना खाने वालों से 10 रुपए की जगह 5 रुपए ही लिए जाएंगे। दीनदयाल रसोई योजना के नाम में कोई परिवर्तन नहीं होगा, सिर्फ योजना के नाम के साथ मामा की थाली भी जोड़ा जाएगा।
इन जिलों में खुलेंगे मेडिकल कॉलेज
मध्यप्रदेश के खरगोन, धार, भिंड, बालाघाट, टीकमगढ़ और सीधी में मेडिकल कॉलेज खोलने का फैसला लिया गया। हर कॉलेज में 100-100 सीट एमबीबीएस की रहेंगी। इन कॉलेजों के खुलने के बाद प्रदेश में 30 मेडिकल कॉलेज हो जाएंगे। बीजेपी की सरकार आने से पहले प्रदेश में सिर्फ 5 मेडिकल कॉलेज हुआ करते थे।
किसानों के लिए अच्छा फैसला
कैबिनेट बैठक में ये तय किया गया कि प्राइस सपोर्ट स्कीम के तहत ग्रीष्मकालीन मूंग और उड़द की जो खरीद हुई है, उस पर मंडी शुल्क और निराश्रित शुल्क नहीं लिया जाएगा। इसमें 100 रुपए की खरीदी पर 70 पैसे शुल्क लगता है।
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केला उत्पादकों को भी राहत
कैबिनेट बैठक में केले की फसल को प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान पर आर्थिक सहायता देने के नियमों में बदलाव का फैसला लिया गया है। अब 50 प्रतिशत से ज्यादा नुकसान होने पर 1 लाख की जगह 2 लाख की सहायता दी जाएगी। 33 से 50 प्रतिशत तक नुकसान होने पर 27 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर की जगह पर 54 हजार और 25 से 33 प्रतिशत तक नुकसान होने पर 15 हजार रुपए की जगह पर 30 हजार रुपए की राहत राशि दी जाएगी।