भोपाल. मध्य प्रदेश की पूर्व सीएम उमा भारती के ट्वीट ने एमपी की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। उमा भारती ने ट्वीट में लिखा कि एमपी के मुख्यमंत्री मेरे बड़े भाई शिवराज सिंह चौहान से 1984 से मार्च 2022 तक सम्मान एवं स्नेह के संबंध बने रहे, शिवराज ऑफिस जाते समय, मेरे हिमालय प्रवास के समय, मेरे किसी भजन का स्मरण आने पर मुझसे मिलते थे या फोन करते थे।
उन्होंने लिखा कि मैंने शिवराज से 2 साल हर मुलाकात में शराबबंदी पर बात की है, अब बात बाहर सामने आ गई है, तो भाई ने अनबोला क्यों कर दिया है और मीडिया के माध्यम से बात क्यों करने लगे हैं। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने परसों कहा कि लोग शराब पीना बंद कर दें तो मैं शराब की दुकानें बंद कर दूंगा। जब लोग शराब पिएंगे ही नहीं, दुकानें चलेंगी ही नहीं तो वह तो खुद ही बंद हो जाएंगी। अवैध शराब की बिक्री को रोकने के लिए तो पुलिस एवं प्रशासन की जिम्मेदारी है, यह तो कानून व्यवस्था का सवाल है। इस मामले में सांसद दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा- उमा जी और मामू जी में शराब बंदी को लेकर बहुत बुनियादी मतभेद जनता के सामने आ गए हैं। भाजपा केंद्रीय व प्रांतीय नेतृत्व को अपनी निर्धारित नीति उजागर करना चाहिए।
उमा जी और मामू जी में शराब बंदी को ले कर बहुत बुनियादी मतभेद जनता के सामने आ गए हैं। भाजपा केंद्रीय व प्रांतीय नेतृत्व को अपनी निर्धारित नीति उजागर करना चाहिए।
उमा भारती का दर्द- शिवराज ने किया अनबोला, मीडिया के माध्यम से कर रहे हैं बात | MP Politics https://t.co/y8rpDQImwc
— digvijaya singh (@digvijaya_28) April 4, 2022
ट्वीट में उमा भारती के सुझाव
- अहातों में शराब परोसने की व्यवस्था हम तुरंत बंद करें।
- स्कूल, अस्पताल, मंदिर और अन्य निषिद्ध स्थानों के पास शराब की दुकानें भी बंद हों।
- घर-घर शराब पहुंचाने की घिनौनी व्यवस्था तुरंत रुके।
- जहां महिलाएं या नागरिक विरोध करें, वहां दुकानें ना खोली जाएं, इन्हीं ने तो हमारी सरकार बनाई है।
- पहले इतना कर लें, फिर जो वैध एवं उचित स्थान पर शराब की दुकानें हों, वहां फोटो के साथ होर्डिंग लगें कि शराब पीने से क्या-क्या नुकसान होते हैं। फिर जागरूकता अभियान चले, जिसमें सभी धर्मों के साधु संत, सामाजिक संस्थाएं और मेरे एवं शिवराज जी की तरह सभी दलों के नेता शामिल हों।