मुफ्त में रेवड़ी बांटने के वादों पर सुप्रीम फैसले का इंतजार, वन नेशन-वन इलेक्शन पर चुनाव आयोग ने दिया संविधान का हवाला

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Rahul Garhwal
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मुफ्त में रेवड़ी बांटने के वादों पर सुप्रीम फैसले का इंतजार, वन नेशन-वन इलेक्शन पर चुनाव आयोग ने दिया संविधान का हवाला

अंकुश मौर्य, BHOPAL. मतदाताओं को लुभाने के लिए सियासी दल लुभावने वादे करते रहेंगे। घोषणा पत्र में मुफ्त पैसा और सामान बांटने की योजनाओं पर चुनाव आयोग की कोई रोक नहीं है। विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करने भोपाल पहुंचे मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए साफ किया कि फ्री बीज का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। इसलिए चुनाव आयोग फिलहाल कोई रोक नहीं लगा रहा है।



मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन



बता दें कि वोट पाने के लिए राजनीतिक दल जनता से लोक-लुभावन वादे करते हैं। ऐसे वादे भी कर दिए जाते हैं जिन्हें 5 साल में भी पूरा नहीं किया जा सकता। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि चुनाव आयोग फ्री बीज को लेकर राजनीतिक दलों को बताना होगा कि वादे के मुताबिक लाभ कब मिलेगा, कितना मिलेगा, कितनों को मिलेगा। वादा पूरा करने के लिए पैसा कहां से लाएंगे। दूसरी योजना बंद करेंगे, टैक्स बढ़ाएंगे या कर्ज लेंगे ? ये मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।



समय पर चुनाव कराना है



वन नेशन वन इलेक्शन के मुद्दे पर चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि आयोग का काम समय पर चुनाव कराना है। संविधान और कानून के मुताबिक सरकार का टर्म पूरा होने से पहले चुनाव हो जाना चाहिए। 6 महीने पहले चुनाव की तैयारी शुरू की जा सकती है। इसी के तहत चुनाव आयोग तैयारियों में जुटा है, जिसे तय समय में पूरा भी कर लिया जाएगा। सीधे तौर पर उन्होंने वन नेशन-वन इलेक्शन के मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं की। उन्होंने कहा कि हमारा काम बस डिलीवर करना है।



उम्मीदवारों का आपराधिक रिकॉर्ड सार्वजनिक होगा



मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि आयोग ने cvigil एप बनाया है। जिस पर उम्मीदवारों से संबंधित तमाम जानकारियां मौजूद रहेंगी। वोटर अपने उम्मीदवार की संपत्ति, एजुकेशन और आपराधिक रिकॉर्ड से संबंधित जानकारी ले सकेंगे। साथ ही अगर कोई दल आपराधिक मामलों में संलिप्त व्यक्ति को टिकट देता है तो उसे कारण बताना होगा। साथ ही 3 बार पेपर में छपवाना पड़ेगा कि उम्मीदवार पर कौन-कौन से मामले दर्ज हैं।



बुजुर्गों, दिव्यांगों और फर्स्ट टाइम वोटर के लिए सुविधा



2023 के विधानसभा चुनाव में आयोग ने बुजुर्गों, दिव्यांगों और फर्स्ट टाइम वोटर्स के लिए विशेष सुविधाओं का प्रावधान किया है। बुजुर्ग और दिव्यांग फॉर्म 12-D भरकर घर बैठे वोट डाल सकेंगे। दिव्यांग वोटर सक्षम एप के जरिए व्हील चेयर जैसी सुविधाएं ले सकेंगे। फर्स्ट टाइम वोटर्स के लिए 230 विधानसभाओं में एक-एक AERO नियुक्त किए हैं, जो उन्हें वोट डालने के लिए जागरुक करेंगे। बता दें कि इस बार 18.86 लाख ऐसे वोटर हैं जो पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। प्रदेश में 5 हजार ऐसे बूथ बनाए गए हैं जिनकी जिम्मेदारी पूरी तरह महिलाओं के हाथ में होगी। पीठासीन अधिकारी लेकर तैनात जवान तक महिलाएं होंगी।



चुनाव में पैसा-शराब बांटने वालों पर रहेगी नजर



5 राज्यों की बॉर्डर पर पुलिस की 233 चेकपोस्ट होंगी ताकि अवैध परिवहन न हो। चुनाव आयुक्त ने बताया कि चुनाव में पैसा बांटने को रोकने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। एटीएम का पैसा ले जाने वाली गाड़ियों का भी दुरुपयोग की सूचना मिलती है। बैंक को भी शाम 5 बजे के बाद वाहन का उपयोग नहीं करने के निर्देश दिए गए हैं। कर्मचारियों को पोस्टल बैलेट घर ले जाने की परमिशन नहीं होगी।



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मुख्य सचिव का सवाल टाल गए चुनाव आयुक्त



मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस पर भ्रष्टाचार के आरोप और बार-बार दिए जा रहे एक्टेंशन के सवाल को मुख्य चुनाव आयुक्त टाल गए। हालांकि उन्होंने गाड़ी में बैठते-बैठते इतना जरूर कहा कि पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में भी मुख्य सचिव को एक्टेंशन दिया गया था। भ्रष्टाचार के आरोपों पर उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह की चिट्ठी मिलेगी तो जवाब दिया जाएगा। बता दें कि सीएस के खिलाफ मामले को लेकर राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने मोर्चा खोल रखा है।


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