BHOPAL. मोदी सरनेम को लेकर मानहानि के मामले में सूरत सेशन कोर्ट के फैसले के दूसरे ही दिन 24 मार्च को लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की संसद से सदस्यता खत्म कर दी। यानी राहुल गांधी अब सांसद नहीं रहे। लोकसभा सचिवालय ने उन्हें संविधान के अनुच्छेद 102 (1) और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8 के अंतर्गत संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित किया है। संसद से सदस्यता रद्द होने के बाद क्या अब राहुल गांधी अगले साल होने वाला लोकसभा चुनाव-2024 लड़ पाएंगे, जेल जाएंगे और अगले 8 साल तक कोई चुनाव नहीं लड़ पाएंगे? इन सब सवालों के जवाब के साथ आइए आपको बताते हैं कि संसद से राहुल गांधी की सदस्यता खत्म होने के बाद अब उनके पास आगे के लिए क्या और कौन से विकल्प हैं।
क्या राहुल गांधी संसद की सदस्यता खत्म करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं?
राहुल गांधी संसद से अपनी सदस्यता रद्द करने के लोकसभा सचिवालय के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं। इसके लिए उत्तर प्रदेश से समाजवादी पार्टी के विधायक रहे आजम खान के केस को आधार बनाया जा सकता है। दरअसल, 27 अक्टूबर 2022 को रामपुर की कोर्ट ने हेट स्पीच के केस में आजम खान को तीन साल की सजा सुनाई थी। इसके ठीक अगले दिन यूपी विधानसभा सचिवालय ने आजम खान की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी थी। इसके अगले ही दिन चुनाव आयोग ने नोटिफिकेशन जारी कर 10 नवंबर को रामपुर सीट पर उप चुनाव का शेड्यूल जारी कर दिया। खान ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा कर दलील दी कि विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य करार देने, सीट खाली करने और उप चुनाव के लिए शेड्यूल जारी करने में इतनी तेजी उचित नहीं है वो भी तब जब रामपुर कोर्ट के फैसले के खिलाफ सेशन कोर्ट में उनकी अपील सुनी जानी है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग, विधानसभा सचिव और यूपी सरकार से पूछा कि मामले में इतनी तेजी क्यों दिखाई जा रही है। आजम को सांस लेने का मौका दिया जाए। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने सेशन कोर्ट में सुनवाई पूरी होने तक उप चुनाव की प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। इसके साथ ही सेशन कोर्ट को 10 दिन में आजम खान की अपील पर सुनवाई पूरी करने को कहा। हालांकि बाद में सेशन कोर्ट ने उनकी सजा पर कोई राहत नहीं दी। यानी आजम खान के केस की तरह राहुल गांधी भी अपनी सदस्यता रद्द करने के लोकसभा सचिवालय के नोटिफिकेशन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं।
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यदि हायर कोर्ट से राहुल गांधी की सजा रद्द हो जाती है तो क्या उनकी सदस्यता बहाल हो जाएगी?
साफ हो गया है कि मानहानि मामले में सूरत कोर्ट की 2 साल की सजा के खिलाफ राहुल गांधी हायर कोर्ट में अपील करेंगे। मप्र हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच के सीनियर एड्वोकेट अनिल शर्मा स्पष्ट करते हैं कि यदि हायर कोर्ट राहुल गांधी की दो साल की सजा रद्द कर दे या उस पर रोक लगा दे तो उनकी लोकसभा सदस्यता बरकरार रहेगी। लेकिन यदि हायर कोर्ट का ऐसा कोई फैसला आने से पहले उनकी अयोग्यता से खाली हुई लोकसभा सीट वायनाड में उप चुनाव हो जाएं तो उनकी लोकसभा सदस्यता बहाल नहीं हो पाएगी।
लोकसभा से राहुल की सदस्यता खत्म होने के बाद क्या खाली हुई वायनाड सीट पर उप चुनाव होगा ?
वायनाड सीट पर उप चुनाव होगा, क्योंकि देश में लोकसभा के आम चुनाव अगले साल मई 2024 में होने हैं। यानी अभी आम चुनाव होने में 6 महीने से ज्यादा का समय है। नियमानुसार यदि आम चुनाव होने में 6 महीने से ज्यादा का समय है तो लोकसभा की किसी भी खाली सीट पर उप चुनाव होता है।
यदि वायनाड सीट पर उपचुनाव हुआ तो क्या राहुल गांधी फिर चुनाव लड़ पाएंगे?
राहुल गांधी दो स्थितियों में ही वायनाड सीट से उपचुनाव लड़ सकते हैं। एक- उप चुनाव घोषित होने और उसके नामांकन की अंतिम तारीख से पहले मानहानि के केस में सूरत कोर्ट से राहुल की सजा पर हायर कोर्ट रोक लगा दे। दो-राहुल की सदस्यता रद्द करने के लोकसभा के नोटिफिकेशन पर सुप्रीम कोर्ट रोक लगा दे या इसे रद्द कर दे। ये सब कुछ वायनाड लोकसभा सीट पर उप चुनाव घोषित होने और उसके नामांकन की अंतिम तारीख से पहले होना चाहिए। यदि ऐसा होता है तो राहुल वायनाड से उप चुनाव लड़ पाएंगे। हालांकि मौजूदा हालात को देखते हुए इन दोनों विकल्पों की संभावना कम है। राहुल को कहीं से भी राहत मिलने से पहले चुनाव आयोग वायनाड में उप चुनाव करा सकता है।
यदि हायर कोर्ट से राहुल गांधी को कोई राहत नहीं मिली तब उनके पास क्या विकल्प होगा?
ऐसी स्थिति में राहुल की दो अलग-अलग मोर्चों पर कानूनी लड़ाई लड़नी होगी। एक- मानहानि के केस में सूरत कोर्ट से दोषी करार दिए जाने के खिलाफ। दूसरी- कोर्ट से दो साल की सजा के आधार पर संसद की सदस्यता रद्द करने के लोकसभा के नोटिफिकेशन के खिलाफ। यदि मानहानि केस में राहुल की सजा रद्द नहीं की जाती या उस पर रोक नहीं लगती तो उन्हें एक महीने बाद दो साल जेल की सजा काटनी होगी और वे सजा पूरी होने के दिन से अगले 6 साल बाद तक कोई भी चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। यदि ऐसा हुआ तो राहुल गांधी अगले 8 साल तक कोई चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। यदि अपील के बाद हायर कोर्ट से सजा 2 साल से कम हो जाती है तो राहुल को कानूनी लड़ाई लड़ने का एक और विकल्प मिल जाएगा।