महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री सांसत में: देशमुख के पर्सनल सेक्रेटरी और असिस्टेंट अरेस्ट

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महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री सांसत में: देशमुख के पर्सनल सेक्रेटरी और असिस्टेंट अरेस्ट

मुंबई: 100 करोड़ की वसूली के आरोपों में घिरे महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की मुश्किलें बढ़ गईं हैं। शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की 6 टीमों ने उनके 6 ठिकानों पर छापा मारा था और देर रात उनके पर्सनल सेक्रेटरी संजीव पलांडे और पर्सनल असिस्टेंट कुंदन शिंदे गिरफ्तार कर लिया। दोनों को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत गिरफ्तार किया गया है।

ED ने 24 घंटे पहले देशमुख के घर पर छापेमारी की थी

ईडी ने शुक्रवार सुबह 7 बजे अनिल देशमुख के नागपुर स्थित आवास पर छापेमारी शुरू की थी। यह करीब 9 से 10 घंटे तक चली। पता चला कि देशमुख के परिवार के सदस्यों से भी नागपुर स्थित उनके आवास पर पूछताछ की गई थी। शाम को ED के अधिकारी कुछ दस्तावेज लेकर घर से बाहर निकले। ईडी ने देशमुख के दोनों निजी सहयोगियों से भी मुंबई में कई घंटे की पूछताछ की। आधी रात के बाद दोनों को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया।

पूर्व पुलिस कमिश्नर ने आरोप लगाए थे

यह मामला देशमुख पर लगे वसूली के आरोपों से जुड़ा है। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने करीब ढाई महीने पहले राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया था कि अनिल देशमुख ने ही मुंबई पुलिस के निलंबित अधिकारी सचिन वझे को हर महीने 100 करोड़ रुपए की वसूली का टारगेट दिया था।इस केस में ED की टीम ने करीब 10 से 12 बार मालिकों के भी बयान दर्ज किए हैं। इसके बाद तलोजा जेल जाकर बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वझे का भी बयान दर्ज किया है।

कमिश्नर रहते हुए परमबीर ने क्यों नहीं लगाए आरोप: देशमुख

ED के छापेमारी के बाद अनिल देशमुख ने अपना पक्ष रखते हुए कहा, 'परमबीर सिंह जब आयुक्त थे तब उन्होंने आरोप क्यों नहीं लगाए? पद से हटाने के बाद उन्होंने मुझ पर झूठा आरोप लगाया। जितने पुलिस अधिकारियों को NIA ने गिरफ्तार किया वो सब परमबीर को सीधा रिपोर्ट करते थे। परमबीर को मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से इसलिए हटाया गया, क्योंकि उनकी भूमिका संदिग्ध थी।' छापेमारी पर अनिल देशमुख ने कहा, 'मैं ED की कार्रवाई में पूरा सहयोग कर रहा हूं और आगे भी ऐसा ही करता रहूंगा। सच्चाई जल्द सभी के सामने आएगी।'

100 Cr की वसूली का आरोप