राहत पैकेज: कांग्रेस बोली- वित्त मंत्री अर्थव्यवस्था नहीं समझतीं, फिर कर्ज की खुराक दी

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राहत पैकेज: कांग्रेस बोली- वित्त मंत्री अर्थव्यवस्था नहीं समझतीं, फिर कर्ज की खुराक दी

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने वित्त मंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें अर्थव्यवस्था की समझ नहीं है। आज अर्थव्यवस्था की बुनियादी समस्या-कम जीडीपी, अधिक महंगाई, कम मांग और बढ़ती बेरोजगारी है, लेकिन यही बात वित्त मंत्री जी को समझ नहीं आ रही है। उन्होंने इस बारे में कोई बात नहीं की। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से 1.1 लाख करोड़ रुपए की ऋण गांरटी योजना समेत कई घोषणा की है।

मदद की जरूरत

संवाददाताओं से बात करते वक्त उन्होंने कहा वित्त मंत्री के संवाददाता सम्मेलन को मैंने गौर से सुना। कर्ज की खुराक के मॉडल का परिणाम सबको पता चल गया है। लोगों को कर्ज की खुराक की नहीं, बल्कि मदद की जरूरत है। लोग उम्मीद कर रहे थे कि आप लोगों की आर्थिक मदद करेंगी, लोगों की जेब में पैसा डालने की बात करेंगी।

वित्त मंत्री ने इन बातों का जवाब नहीं दिया

वल्लभ ने आरोप लगाया, 'साल 2020 में घोषित कर्ज की खुराक वाले 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की तरह आज फिर से गलती की गई। लगता है कि वित्त मंत्री जी को अर्थव्यवस्था की समझ नहीं है।' उन्होंने सवाल किया कि ये कौन लोग हैं, जो वित्त मंत्री को 'कर्ज की खुराक' की सलाह दे रहे हैं।कांग्रेस प्रवक्ता के मुताबिक, 'जीडीपी क्यों गिर रही है? महंगाई दर क्यों बढ़ रही है और इसे कम कैसे किया जाएगा? मांग में लगातार कमी आ रही है, मांग बढ़ाने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं? बेरोजगार लोगों की मदद के लिए क्या किया जा रहा है? वित्त मंत्री ने इस बारे में क्यों बात नहीं की।' उन्होंने कहा कि सरकार को समझना होगा कि इन बिंदुओं पर ध्यान दिए बिना अर्थव्यवस्था को पटरी पर नहीं लाया जा सकता।

किसानों से बात करने का सरकार के पास वक्त नहीं

पिछले सात महीनों में हमारे अन्नदाता दिल्ली के निकट बैठे हुए हैं। सरकार के पास समय नहीं है कि वह उनकी बात सुन ले, हमारी मांग है कि सरकार को अहंकार छोड़कर किसानों की बात सुननी चाहिए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोविड महामारी से प्रभावित देश की अर्थव्यवस्था को गति देने के इरादे से सोमवार को एक और पैकेज की घोषणा की है। साथ ही उन्होंने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र के लिए आपातकाल ऋण गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत सीमा 50 प्रतिशत बढ़ाकर 4.5 लाख करोड़ रुपये करने का भी एलान किया।

बयानबाजी