राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ट्रेन से अपने पैतृक गांव परौंख पहुंचे। 15 साल बाद किसी राष्ट्रपति ने ट्रेन से यात्रा की। कानपुर देहात जिले के झीझक रेलवे स्टेशन पर शाम 6 .10 बजे राष्ट्रपति की स्पेशल ट्रेन पहुंची। यहां लोगों को संबोधित करते हुए कोविंद ने कहा कि मैं आप सबका आशीर्वाद लेने आया हूं। मेरी आपसे दूरी नहीं है। प्रोटोकॉल के तहत कुछ दूरी है। आप अपनी बात, शिकायत हम तक पहुंचा सकते हैं। देश में आजादी के बाद बहुत विकास हुआ है। ऐसे में हम सबका भी दायित्व है कि विकास में सहयोग करें। इस दौरान उन्होंने अपने वेतन को लेकर भी बात की।
टीचर्स को सबसे ज्यादा वेतन
कोविंद ने अपने अंदाज में कहा कि सबसे ज्यादा वेतन देश के राष्ट्रपति को मिलता है। हमें भी 5 लाख मिलता है, जिसमें पौने 3 लाख टैक्स में चला जाता है। तो बताइए बचा कितना? और जितना बचा उससे कहीं ज्यादा तो हमारे अधिकारी और अन्य दूसरे लोगों को मिलता है। यहां जो टीचर्स बैठे हुए हैं उन्हें तो सबसे ज्यादा मिलता है। राष्ट्रपति के इस बयान के बाद से ही सोशल मीडिया पर यह मुद्दा ट्रेंड कर रहा है।
यह है प्रोग्राम
राष्ट्रपति अपने पैतृक गांव परौंख और पुखरायां कस्बे में हेलिकॉप्टर से जाएंगे। 27 जून को वहां उनके सम्मान में एक कार्यक्रम रखा गया है। वहां से 27 को ही वह वापस कानपुर आ जाएंगे। यहां रात में रुकने के बाद 28 जून की सुबह वह अपनी खास प्रेजिडेंशियल ट्रेन से लखनऊ के लिए रवाना होंगे। लखनऊ में वह दो दिन रुक कर 29 जून की शाम एयरफोर्स के विमान से दिल्ली पहुंचेंगे।