BHOPAL. अयोध्या में राम मंदिर से करीब डेढ़ किमी दूर टीन का एक शहर बनकर तैयार है। ता दें कि ये शहर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने बनवाया है और 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए देशभर से आ रहे संत इसमें ठहरेंगे। 45 एकड़ में फैले इस शहर का नाम है तीर्थ क्षेत्र पुरम रखा गया है। जानकारी के मुताबिक इसमें 12 हजार लोगों के रहने की व्यवस्था बनाई गई है।
रहने, खाने और लाइब्रेरी जैसी सभी सुविधाएं उपलब्ध
बता दें कि तीर्थ क्षेत्र पुरम में ठहरने वाले लोगों के लिए यहां अस्पताल से लेकर रहने, खाने और लाइब्रेरी जैसी सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसमें टीन से बने कुल 1200 स्ट्रक्चर हैं, जिनमें 24 घंटे गर्म पानी, अटैच टॉयलेट और बाथरूम मिलेगा की सुविधा दी गई है। साथ ही सिक्योरिटी के लिए CCTV कैमरे लगाए गए हैं। पश्चिमी यूपी और उत्तराखंड के क्षेत्र संगठन मंत्री सोहन सोलंकी तीर्थ क्षेत्र पुरम के आवास प्रभारी हैं। उनका कहना है कि ‘इस जगह को 6 नगरों में बांटा गया है। इन्हें मंदिर आंदोलन में शामिल बड़े चेहरों के नाम दिए गए हैं। ये नगर परमहंस रामचंद्र दास, गोरक्ष पीठाधीश्वर महंत अवैद्यनाथ, बाबा राम अभिलाष दास, वामदेव जी महाराज, मोरोपंत पिंगले और ओंकार भावे के नाम पर हैं। प्रशासनिक भवन को अशोक सिंहल परिसर का नाम दिया गया है।’
बेहतर मोबाइल कनेक्टिविटी के लिए लगाए जा रहे हैं टावर
तीर्थ क्षेत्र पुरम में कुल 1200 आवास हैं। सभी में 3 बेड रखे गए हैं। प्राण प्रतिष्ठा से 3 दिन पहले, यानी 19 जनवरी से देशभर से साधु-संत यहां आने शुरु हो जाएंगे। ठंड के मौसम को देखते हुए तीर्थ क्षेत्र पुरम के हर नगर में 10 बेड का अस्पताल और ओपीडी बनाया गया है। साथ ही यहां हेल्थ चेकअप के लिए सभी नगरों में एक-एक डॉक्टर का भी इंतजाम किया गया है। मंदिर ट्रस्ट का कहना है कि यहां बेहतर मोबाइल कनेक्टिविटी के लिए तीन कंपनियों के मोबाइल टावर लगाए जा रहे हैं। 4 पहिया वाहन से अयोध्या आ रहे लोगों के लिए परिसर में ही पार्किंग बनाई गई है। यहां 300 वाहन खड़े किए जा सकेंगे।
आम श्रद्धालुओं के लिए कब से खुलेंगे राम के दरबार
मंदिर ट्रस्ट के मुताबिक यहां लगभग 2 लाख लोगों का रजिस्ट्रेशन किया गया है, जो अयोध्या आकर तीर्थ क्षेत्र पुरम में रहेंगे। देश के 44 प्रांतों से लोग रामलला के दर्शन करने आएंगे। पहले उत्तराखंड और बृज प्रांत से 5000 लोग आएंगे, जो 2 दिन रुकेंगे। 27 जनवरी को मेरठ और जोधपुर से लोग आएंगे। ये सिलसिला 18 फरवरी तक चलेगा। इसके बाद ये जगह आम श्रद्धालुओं के लिए कब से खुलेगी इस पर अभी तक किसी बारे में कोई पुष्टि नहीं की गई है।
संतों के लिए रहेगी फ्री सेवा
पूरे तीर्थ क्षेत्र पुरम के प्रभारी कोटेश्वर शर्मा के मुताबिक, तीर्थ क्षेत्र पुरम में ठहरने वाले संतों से कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा। संत 30 दिनों तक यहां रह सकते हैं। तीर्थ क्षेत्र पुरम में बड़े संतों की लिखी आध्यात्मिक लिटरेचर की किताबें रखी गई हैं। इसके लिए स्टॉल लगाए गए हैं।’
तीर्थ क्षेत्र पुरम के पास मशहूर जगहें
1. मणि पर्वत
तीर्थ क्षेत्र पुरम से दूरी : 20 मीटर
64 फीट ऊंचे मणि पर्वत से पूरी अयोध्या दिखती है। इस जगह का इतिहास त्रेता युग से जुड़ा है। मान्यता है कि श्रीराम विवाह के बाद सीता के साथ अयोध्या लौटे थे, तब राजा जनक ने महाराज दशरथ को मणियां भेंट की थीं। ये मणियां इतनी ज्यादा थीं कि इनका ढेर पहाड़ की तरह दिखने लगा। उसी पहाड़ को मणि पर्वत कहा जाता है। तीर्थ क्षेत्र पुरम में ठहरने वाले लोग मणि पर्वत तक पैदल पहुंच सकते हैं।
2. अयोध्या धाम जंक्शन
तीर्थ क्षेत्र पुरम से दूरी : 500 मीटर
अयोध्या धाम स्टेशन शहर का मेन रेलवे स्टेशन है। ये राम मंदिर से सिर्फ एक किमी दूर है। रीडेवलपमेंट के बाद 30 दिसंबर, 2023 को इस स्टेशन का उद्घाटन हुआ है। यहां से 2 अमृत भारत और 6 वंदे भारत ट्रेनें गुजरती हैं। रामलला के दर्शन के लिए पूरे देश से यहां के लिए ट्रेनें चलाई जाएंगी। तीर्थ क्षेत्र पुरम में ठहरने वाले लोग अयोध्या धाम जंक्शन तक ई-रिक्शा से पहुंच सकते हैं। इसका किराया 10 रुपए है।
3. राम मंदिर
तीर्थ क्षेत्र पुरम से दूरी : 1.5KM
22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के 2 दिन बाद, यानी 24 जनवरी से मंदिर में आम लोग दर्शन कर पाएंगे। श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट का अनुमान है कि उद्घाटन समारोह के बाद हर दिन करीब 2 लाख श्रद्धालु रामलला के दर्शन करने आएंगे। तीर्थ क्षेत्र पुरम में ठहरने वाले लोग राम मंदिर तक ई-रिक्शा से पहुंच सकते हैं। इसका किराया 20 रुपए है।
4. हनुमान गढ़ी
तीर्थ क्षेत्र पुरम से दूरी : 2 KM
ये मंदिर अयोध्या के राजा विक्रमादिय ने बनवाया था। मान्यता है कि हनुमान यहां रहते हुए अयोध्या की रक्षा करते हैं। मंदिर के गर्भ ग्रह में माता अंजनी के गोद में बैठे बाल हनुमान के हर दिन 20 हजार भक्त दर्शन करते हैं। तीर्थ क्षेत्र पुरम में ठहरने वाले लोग हनुमान गढ़ी मंदिर तक ई-रिक्शा से पहुंच सकते हैं। इसका किराया 20 रुपए है।
5. राम की पैड़ी
तीर्थ क्षेत्र पुरम से दूरी : 4 KM
राम की पैड़ी सरयू नदी के किनारे बसे घाटों का केंद्र है। हर साल दीपावली पर यही दीपोत्सव मनाया जाता है। राम की पैड़ी पर अयोध्या के प्राचीन शिव मंदिर नागेश्वरनाथ के भी दर्शन कर सकते हैं। तीर्थ क्षेत्र पुरम में ठहरने वाले लोग राम की पैड़ी तक ई-रिक्शा से पहुंच सकते हैं। इसके लिए 20 रुपए किराया देना होगा।
अयोध्या में घर बनाएंगे अमिताभ बच्चन
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले अमिताभ बच्चन ने एक खास काम किया है। उन्होंने अयोध्या में घर बनाने के लिए 14.5 करोड़ का प्लॉट खरीदा है। जानकारी के मुताबिक अमिताभ बच्चन ने मुंबई स्थित डेवलपर द हाउस ऑफ अभिनंदन लोढ़ा से 7 स्टार एन्क्लेव द सरयू में ये प्लॉट खरीदा है। हाउस ऑफ अभिनंदन लोढ़ा ने अभी तक घर के साइज के बारे में कोई कमेंट नहीं किया है लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक 10,000 वर्ग फुट का घर बनाएंगे। बता दें अमिताभ बच्चन का जन्म प्रयागराज में हुआ था। प्रयागराज से अयोध्या का रास्ता 4 घंटे का है। अब उन्होंने अयोध्या में प्लॉट ले लिया है। जो राम मंदिर से सिर्फ 15 मिनट की दूरी पर है।