BHOPAL.
भए प्रगट कृपाला दीनदयाला,
कौसल्या हितकारी।
हरषित महतारी, मुनि मन हारी,
अद्भुत रूप बिचारी॥
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न होने के बाद भगवान श्रीराम के दर्शन कराने के लिए खासे इंतजाम किए गए है। प्राण प्रतिष्ठा आयोजन के बाद अब देशभर के भक्त रामलला के दर्शन के लिए जा रहे हैं। 23 जनवरी से आम श्रद्धालुओं के लिए राम मंदिर का कपाट खुल गया हैं। पहले ही दिन भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली। राम मंदिर के आधिकारिक तौर पर खुलने के पहले ही दिन लगभग पांच लाख भक्तों ने दर्शन किए हैं। देश-विदेश से लोग अयोध्या पहुंच रहे हैं। अगर आप भी अयोध्या घूमने का प्लान कर रहे हैं तो आप दो दिन में धर्म नगरी घूम सकते है। अपने साथ अपना आधार कार्ड, वोटर कार्ड जरूर कैरी करें। वेरिफिकेशन के लिए आपसे आधार कार्ड या जरूरी दस्तावेज मांगे जा सकते है।
आइए अब जानते है कि आखिर रामलला के दर्शन कितने बजे से होंगे? कितनी बार होगी राम मंदिर में आरती, उसका समय क्या है? मंदिर में किन चीजों को ले जाने पर प्रतिबंध रहेगा, राम मंदिर जा रहे हैं तो कहां ठहरें, अयोध्या के होटलों का किराया, घर बैठे कैसे मिलेगा मंदिर का प्रसाद और जानिए अयोध्या जाने की एयर, बस और रेस कनेक्टिविटी....
कब-कैसे कर सकेंगे रामलला के दर्शन
- सुबह 6:30बजे से दोपहर 12 बजे
- दोपहर 12 से 2:30 बजे भोग व विश्राम के लिए मंदिर बंद रहेगा (इस समय आप दर्शन नहीं कर सकेंगे)
- दोपहर 2:30 से रात 10 तक
- हर दिन सुबह 4 बजे मंगल गीतों से रामलला को जगाया जाएगा,फिर मंगला आरती की तैयारी होगी।
इतनी बार होगी राम मंदिर में आरती
मंदिर परिसर में कुल 6 आरती होंगी।
- मंगला आरती- सुबह 4:30 बजे
- श्रृंगार आरती- 6:30 से 7 बजे
- भोग आरती- 11:30 बजे
- मध्यान्ह- दोपहर 2:30 बजे
- संध्या आरती- शाम 6:30 बजे
- शयन आरती- रात 8:30 से 9 बजे तक
इन चीजों के साथ नहीं मिलेगी एंट्री
श्रद्धालुओं को रामलला के दर्शन करने से पहले कुछ चीजों का ध्यान रखना पड़ेगा। राम मंदिर में एंट्री को लेकर कुछ नियम बनाए गए हैं। राम मंदिर में कई लेयर की सिक्योरिटी रहेगी। श्रद्धालुओं को सेलफोन और स्मार्ट वॉच जैसे गैजेट्स, यहां तक कि पेन भी बाहर जमा करवाना होगा। राम मंदिर में दर्शन करने से पहले फोन बाहर रखना होगा। इसके लिए फ्री लॉकर सुविधा उपलब्ध है। मंदिर परिसर में किसी भी तरह का इलेक्ट्रॉनिक सामान ले जाने पर रोक है। सुरक्षा के लिहाज से अगर कोई सुरक्षाकर्मी साथ आया है, तो उसे भी बाहर ही रहना होगा। ड्रेस कोड की बात करें तो राम मंदिर ट्रस्ट की तरफ से कोई ड्रेस कोड लागू नहीं किया गया है। राम मंदिर में खाने का सामान ले जाने पर रोक है। आपको खाने का सामान बाहर ही रखना होगा।
इन चीजों को ले जा सकते है साथ
मंदिर दर्शन के वक्त आप अपने साथ पैसा और चश्मा ले जा सकते है।
पूजा सामग्री ना लेकर जाएं
अक्सर हम जब भी किसी भी मंदिर में दर्शन करने के लिए जाते हैं तो अपने साथ पूजा की थाली और पूजा की सामग्री ले जाते हैं। लेकिन राम मंदिर में आप पानी, सिंदूर, फूल-पत्ती, अगरबत्ती, दीया समेत कई अन्य पूजा की सामग्री ले जाने पर सख्त मना है।
भक्तों को मिलेगा विशेष प्रसाद
राम मंदिर में भक्तों को 'इलायची दाने' का प्रसाद दिया जाएगा। ये प्रसाद चीनी और इलायची को मिलाकर तैयार किया गया है। ये प्रसाद महीनों तक खराब नहीं होता है। सूत्रों की माने तो प्रसाद में पंजीरी, मोतीचूर का लड्डू, मेवा लड्डू पर विचार किया जा रहा है।
आखिर कहां से मिलेगा ये प्रसाद?
मंदिर परिसर में ही दर्शनार्थियों के वापसी के रास्ते पर प्रसाद बांटने के लिए मशीनें लगाई हैं। अभी शुल्क के साथ प्रसाद की व्यवस्था मंदिर में नहीं है।
घर बैठे मिलेगा मंदिर का प्रसाद
जानकारी के मुताबिक अयोध्या श्री राम मंदिर प्रसाद की आप ऑनलाइन बुकिंग भी कर सकते है। नोएडा की एक प्राइवेट कंपनी ने अपनी वेबसाइट के जरिए ‘होम’ घर-घर पहुंचाने का दावा किया है। खादी ऑर्गेनिक नाम की यह कंपनी, ड्रिल मैप्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का हिस्सा है। जानकारी के मुताबिक प्रसाद बांटने के लिए शिप रॉकेट जैसे डिलीवरी पार्टनर के साथ कंपनी की बात चल रही है। उन्होंने 40 से 60 रुपए के अंदर घर-घर प्रसाद डिलीवर करने की लागत बताई है। ऐसे में प्रसाद की कीमत 51 रूपए रखी गई है। बता दें कि प्रसाद का पैसा खुद कंपनी देगी, लोगों से बस डिलीवरी चार्ज लिया जाएगा।
कैसे बुक करें ऑनलाइन प्रसाद
- सबसे पहले khadiorganic.com वेबसाइट पर जाएं।
- ऑनलाइन प्रसाद ऑप्शन पर क्लिक करें।
- डोर स्टेप डिलीवरी ऑप्शन पर क्लिक करें।
- अगर आप डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर से प्रसाद लेना चाहते हैं तो pick up from your distribution centre पर क्लिक करें।
- मांगी गई सारी जरूरी जानकारी (नाम,पता,फोन आदि) भरें।
- आखिर में डिलीवरी चार्ज पे करें।
मंदिर में पास की ऑफलाइन व्यवस्था क्या है?
आरती में शामिल होने के लिए ट्रस्ट द्वारा पास बनाया जाता है। यह पास श्रीराम जन्मभूमि कैंप ऑफिस से बनता है। इसके लिए आईडी प्रूफ आधार कार्ड या अन्य पहचान पत्र देना जरूरी होता है। आप srjbtkshetra.org/#/aarti पर पास के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे। हालांकि फिलहाल यह व्यवस्था एक्टिव नहीं हुई है। 27 जनवरी से व्यवस्था सामान्य होने की संभावना है। बता दें, राम मंदिर में वीआईपी दर्शन की कोई आधिकारिक व्यवस्था, टिकट या शुल्क नहीं है।
मंदिर का प्रवेश द्वार कैसा रहेगा?
राम मंदिर में एंट्री होते ही सबसे पहले सिंह द्वार है। यहां से आपको 32 सीढ़ी चढ़कर राम मंदिर में एंट्री होगी। इसके बाद आप पांच मंडप पार करके गर्भ गृह में रामलला के दर्शन 30 फीट दूरी से कर सकते हैं। राम मंदिर परिसर के चारों तरफ मंदिर बनाए जाएंगे। इसमें भगवान सूर्य, देवी भगवती, भगवान गणेश, भगवान शंकर, माता अन्नपूर्णा, पवन पुत्र हनुमान के अलावा माता शबरी, महर्षि विश्वामित्र ,महर्षि अगस्त, महर्षि वाल्मीकि, निषाद राज के भी मंदिर शामिल हैं।
अयोध्या कैसे पहुंचे
- हवाई मार्ग- लखनऊ अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा अयोध्या से पास का हवाई अड्डा है। आप गोरखपुर, प्रयागराज और वाराणसी हवाई अड्डों से भी पहुंच सकते हैं।
- ट्रेन से- फैजाबाद और अयोध्या जिले के प्रमुख रेलवे स्टेशन हैं। रेल मार्ग से अयोध्या 128 किमी दूर है। लखनऊ से 171 किमी गोरखपुर से 157 किमी इलाहाबाद से और वाराणसी से 196 किमी दूर है। यहां से आप आराम से ट्रेन ले सकते हैं।
- सड़क मार्ग- उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की बसों की सेवाएं 24 घंटे उपलब्ध हैं और सभी स्थानों से यहां पहुंचना बहुत आसान है। लखनऊ से शहर 200 किमी वाराणसी से 160 किमी प्रयागराज से 140 किमी और दिल्ली से 636 किमी दूर है। वाराणसी, प्रयागराज और अन्य स्थानों से भी बसें अपने समय के अनुसार उपलब्ध हैं।
अयोध्या जाने की एयर कनेक्टिविटी....
रेल कनेक्टिविटी
बड़े शहरों से अभी ये ट्रेनें चल रहीं है।
शहर ट्रेन प्रस्थान आगमन हफ्ते में कब
- दिल्ली वंदे भारत 6:10 सुबह 2:30 दोपहर 6 दिन (बुध को नही)
- दिल्ली अयोध्या 6:20 शाम 7:15 सुबह रोजाना
- दिल्ली कैफियत 8:25 शाम 6:56 सुबह रोजाना
- अमृतसर सरयू यमुना 1:05 दोपहर 8:51 सुबह सोम, बुध, शनि
- अदमदाबाद साबरमती 11:10 रात 4:22 सुबह सोम, मंगल, गुरु, शनि
- जयपुर मरुधर 1:40 दोपहर 4:43 सुबह सोम, गुरु, शनि
- भोपाल वाईपीआर 3:35 रात 4:24 दोपहर शनि
- इंदौर आईएनडीबी 1:55 दोपहर 7:45 सुबह शनि
- मुंबई साकेत 6:00 सुबह 8:00 सुबह बुध, शनि
- कोलकाता कोआ जाट 11:45 दोपहर 6:21 सुबह रोजाना
- बेंगलुरु वाईपीआर 11:40 रात 4:24 दोपहर बुध
बस कनेक्टिविटी
अभी देशभर से 339 बसें अयोध्या पहुंच रही हैं। इनमें 130 बसें दिल्ली, जयपुर, देहरादून, वाराणसी, लखनऊ, प्रयागराज, मथुरा, आगरा से हैं।
अयोध्या में रुकने की क्या व्यवस्था रहेगी ?
अयोध्या में श्रीराम लला मंदिर ट्रस्ट, जानकी महल ट्रस्ट, बिरला परिवार, गहोई समाज, बालाजी मंदिर ट्रस्ट द्वारा संचालित धर्मशाला हैं, जहां सभी तरह के श्रद्धालुओं के लिए कमरे उपलब्ध हैं। इसके अलावा लोगों के लिए ठहरने के लिए होटल, होम स्टे या धर्मशाला की क्या व्यवस्था है, मंदिर से कितनी दूर ठहरें और एक रात अयोध्या रुकने का होटल का किराया कितना आएगा, जानिए
जगह कमरे किराया मंदिर से दूरी नंबर
- जैन धर्मशाला 50 500 से शुरू 1.5 किमी 6260363801
- राम वैदेही धर्मशाला 200 1200 से शुरू 2 किमी 7570088000
- कनक महल 50 1000 से शुरू 2 किमी 9682958388
- राम होटल 40 1800 से शुरू 1 किमी 9415140674
- रामप्रस्थ होटल 40 1000 से शुरू 2 किमी 8115000098
- रमीला कुटीर 25 5000 रुपए 2 किमी 6386780039
- रामायणम होटल 55 20 हजार तक 3 किमी 6386901835
- पंचशील होटल 32 15 हजार तक 5 किमी 7706829463
जगह कमरे किराया मंदिर से दूरी नंबर
फरवरी में ट्रेन का शेड्यूल, कुल 6 फेरे रहेंगे
इंदौर से अयोध्या के लिए ट्रेन 10, 17 और 24 फरवरी को चलेगी। वहीं वापसी वो 12, 19 और 26 फरवरी को अयोध्या से करेगी। इंदौर से दोपहर 1 बजे चलेगी। वो सबसे पहले रतलाम जंक्शन जाएगी वहां से घूमकर उज्जैन पहुंचेगी। इसके बाद आगे के लिए रवाना होगी और रविवार दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर अयोध्या पहुंचेगी। अयोध्या से वापसी के लिए हर सोमवार रात 9 बजकर 50 मिनट पर रवाना होगी। मंगलवार रात 8 बजकर 5 मिनट पर इंदौर पहुंचेगी।
यहां रहेगा स्टॉपेज, भोपाल नहीं जाएगी
इंदौर से रवानगी, स्टॉपेज- रतलाम, नागदा जंक्शन, उज्जैन, मक्सी, बैरागढ़ (संत हिरदाराम नगर), बीना, झांसी, उरई, कानपुर, लखनऊ, अयोध्या। वापसी में भी यही स्टॉपेज रहेंगे। वेस्टर्न रेलवे द्वारा जारी शेड्यूल के मुताबिक ये वीकली ट्रेन भोपाल मुख्य स्टेशन नहीं जाएगी। भोपाल से अयोध्या के लिए जाने वाले यात्रियों को बैरागढ़ (संत हिरदाराम नगर) से ट्रेन पकड़नी होगी।
200 किलो की प्रतिमा
रामलला की मूर्ति का वजन 200 किलो है। उसे क्रेन से गर्भ गृह में लाया गया। कारीगरों ने 4 घंटे की मेहनत के बाद इसे आसन पर खड़ा किया गया है। रामलला की मूर्ति का निर्माण शालिग्राम पत्थर से किया गया है। इस पत्थर से हिंदू धर्म के देवी-देवताओं की मूर्ति बनाई जाती है। शालिग्राम काले रंग के होते हैं। धार्मिक मान्यता के मुताबिक शालिग्राम विष्णु भगवान के विग्रह स्वरूप हैं। ये एक प्रकार का जीवाश्म पत्थर है जो नदियों की तलहटी या किनारों से इकट्ठा किया जाता है।
वेबसाइट पर राम मंदिर से जुड़ी चीजें उपलब्ध
मंदिर में दान, आरती और पूजा की पूरी जानकारी ट्रस्ट से ली जा सकती है। आप 8009522111,फोन नंबर 0527892000 या टोल फ्री नंबर 1060-180-1992 पर संपर्क कर सकते है। इसके अलावा आप srjbtkshetra.org पर जाकर भी मंदिर से जुड़ी कोई भी जानकारी ले सकते है।
राम अयोध्या में कब आए?
राम अयोध्या में चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आए थे। इस तिथि को दीपावली के रूप में मनाया जाता है। वाल्मीकि रामायण के अनुसार, राम ने रावण का वध करने के बाद अयोध्या की ओर प्रस्थान किया था। उन्होंने नंदीग्राम में एक दिन विश्राम किया और फिर दूसरे दिन अयोध्या पहुंचे। अयोध्या में भरत ने उनका स्वागत किया और उन्हें राज सिंहासन पर बैठाया। तुलसीदास की रामचरितमानस के अनुसार, राम ने रावण का वध करने के बाद लंका से अयोध्या लौटने में 28 दिन का समय लिया। उन्होंने रास्ते में कई जगहों पर विश्राम किया और लोगों की मदद की। इस तरह, राम अयोध्या में चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आए थे। इस तिथि को दीपावली के रूप में मनाया जाता है।
राम के अयोध्या लौटने पर क्या हुआ?
राम के अयोध्या लौटने पर अयोध्या में खुशियों का माहौल छा गया था। सभी लोग राम के स्वागत के लिए उत्सुक थे। राम के आने की खबर सुनते ही अयोध्या के लोग सड़कों पर आ गए और उनका स्वागत करने लगे। राम के दर्शन के लिए लोग दूर-दूर से आए थे। राम अयोध्या पहुंचे तो भरत ने उनका स्वागत किया। भरत ने राम को राज सिंहासन पर बैठाया और उन्हें अयोध्या का राजा घोषित किया। राम ने भरत को अपना उत्तराधिकारी बनाया और उन्हें अयोध्या का राजभार सौंप दिया। राम के अयोध्या लौटने से अयोध्या में फिर से शांति और समृद्धि का आगमन हुआ। राम के शासनकाल में अयोध्या एक सुखद और समृद्ध नगर बना। राम के न्याय और करुणा के कारण अयोध्या के सभी लोग सुखी और समृद्ध थे। राम के अयोध्या लौटने पर कई धार्मिक अनुष्ठान और उत्सव आयोजित किए गए। इनमें दीपावली का त्योहार सबसे महत्वपूर्ण था। दीपावली के दिन लोग अपने घरों को रोशन करते हैं और राम के स्वागत में आतिशबाजी करते हैं। दीपावली का त्योहार आज भी भारत में एक प्रमुख त्योहार है। राम के अयोध्या लौटने का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। राम को हिंदू धर्म में एक आदर्श राजा और भगवान माना जाता है। राम के अयोध्या लौटने को हिंदू धर्म में एक नए युग का आरंभ माना जाता है।
अयोध्या का वर्तमान नाम क्या है?
अयोध्या का वर्तमान नाम अयोध्या ही है। हालांकि, 1730 में अवध के नवाब सआदत अली खान ने अयोध्या का नाम बदलकर फैजाबाद कर दिया था। लेकिन 2018 में अयोध्या का नाम बदलकर फिर से अयोध्या कर दिया गया। अयोध्या को ऐतिहासिक रूप से साकेत के नाम से भी जाना जाता है। यह शहर हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह माना जाता है कि भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ था।