NEW DELHI.अयोध्या राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के प्रसारण को लेकर मोदी सरकार की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Nirmala Sitharaman) ने तमिलनाडु की स्टालिन सरकार (Stalin Govt.) पर लगाए गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु सरकार ने 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रमों के लाइव प्रसारण पर बैन लगा दिया है।
निर्मला सीतारमण ने एक तमिल न्यूज पेपर की रिपोर्ट का हवाला देते हुए रविवार (21 जनवरी) को कहा कि तमिलनाडु सरकार की ओर से प्रशासित मंदिरों ने भी अयोध्या में भव्य मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के दिन भगवान राम की पूजा पर रोक लगा दी है।
पंडाल तोड़ने की धमकी
वित्त मंत्री ने कहा कि हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग (HR & CE) से प्रबंधित मंदिरों में श्री राम के नाम पर किसी भी पूजा,भजन, प्रसाद,अन्नदान की अनुमति नहीं है। पुलिस निजी तौर पर संचालित किए जा रहे मंदिरों में भी कार्यक्रम आयोजित करने से रोक रही है। वे ( तमिल सरकार ) आयोजकों को पंडाल तोड़ने की धमकी दे रहे हैं। सीतारमण ने तमिल अखबार की रिपोर्ट को टैग करते हुए कहा कि वह इस हिंदू विरोधी और घृणित कृत्य की कड़ी निंदा करती हैं।
तमिलनाडु के मंत्री शेखर बाबू ने खंडन किया
उधर, केंद्रीय मंत्री सीतारमण के आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए तमिलनाडु के मंत्री पीके शेखर बाबू ने कहा कि ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है और न ही भगवान राम की पूजा के आयोजन पर किसी भी प्रकार का बैन है। शेखर बाबू ने बताया कि अन्न दान और प्रसाद वितरित करने पर भी कोई रोक नहीं है।
सीतारमण फर्जी खबरें फैला रही हैं
मंत्री शेखर बाबू ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया कि सलेम में चल रहे डीएमके की युवा शाखा के सम्मेलन से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए यह अफवाह फैलाई जा रही है। उन्होंने अखबार की रिपोर्ट को पूरी तरह से फेक और गलत बताया है। मंत्री ने कहा कि यह अफसोसजनक है कि उच्च पद पर आसीन सीतारमण ऐसी फर्जी खबरें फैला रही हैं।