मनीष गोधा @ JAIPUR
अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर राजस्थान के मंदिरों को भी सजाया जाएगा। इस दिन मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना और सेवा आरती होगी। मंदिरों की गाय के गोबर से बने दीयों से सजावट की जाएगी। इस सबके लिए देवस्थान विभाग के अधीन आने वाले मंदिरों को सरकार की ओर से प्रति मंदिर ₹10,000 की सहायता दी जाएगी। इसके साथ ही मंदिरों में अयोध्या में हो रहे कार्यक्रम की लाइव स्ट्रीमिंग भी की जाएगी।
59413 मंदिर हैं देवस्थान विभाग के
राजस्थान में यूं तो मंदिरों की कोई संख्या नहीं है, क्योंकि हर चौराहे पर मंदिर मिल जाएगा, लेकिन इन्हीं में से कुछ मंदिर ऐसे हैं जो सरकार के देवस्थान विभाग के अधीन आते हैं। यह अलग- अलग श्रेणियां के मंदिर हैं जिन्हें सरकार की ओर से सेवा पूजा और रख- रखाव आदि के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है। राजस्थान में देवस्थान में भाग के अधीन 59413 मंदिर आते है। इनमें से 59260 राजस्थान में हैं और शेष राजस्थान से बाहर अन्य राज्यों में हैं।
पुजारियों का सम्मान भी होगा
22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर सरकार ने इन सभी मंदिरों में विशेष सजावट करने और विशेष सेवा पूजा करने के निर्देश दिए हैं। विभाग ने प्रदेश के मंदिरों में सजावट, सफाई, रोशनी, आरती, प्रसाद की व्यवस्था के लिए 10000 की सहायता राशि दी है। साथ ही सभी मंदिरों के लिए प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है, जिसमें श्रेष्ठ साज-सज्जा करने वाले 100 मंदिरों के पुजारी और प्रबंधकों को सम्मानित किया जाएगा। प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर्स को सरकारी और प्राइवेट मंदिरों में व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। स्थानीय निकाय और पंचायती राज संस्थाओं को निजी मंदिरों में ये व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं. जबकि जिला मुख्यालय पर बने राजकीय मंदिरों में देवस्थान विभाग और बड़े निजी मंदिरों में उपखंड अधिकारी और कलेक्टर स्तर पर व्यवस्था करवाने के निर्देश दिए गए हैं।
राजस्थान के देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत ने जनता से अपील की है कि मंदिर चाहे देवस्थान विभाग का हो या ट्रस्ट द्वारा संचालित हो उन सभी की सजावट की जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ज्यादातर मंदिर जन सहयोग और दानदाताओं के सहयोग से चलते हैं। ऐसे में ये मंदिर अपने स्तर पर सजावट करें और देवस्थान विभाग के मंदिरों को हम सरकारी सहायता दे ही रहे हैं।
यह कार्यक्रम होंगे
- श्रीराम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में प्रदेश के हर मंदिर में लाइव प्रसारण होगा।
- मंदिरों में गाय के गोबर से बने दीपकों से रोशनी की जाएगी।
- मंदिरों में सत्संग, सुंदरकांड और हनुमान चालीसा के पाठ होंगे।
- महाआरती और देवी-देवताओं के मूर्तियों का श्रृंगार किया जाएगा और प्रसाद का वितरण होगा।
- अयोध्या के महोत्सव को लेकर मंदिरों के बाहर होर्डिंग्स लगाए जाएंगे।
सजावट प्रतियोगिता ऐसे होगी
- विभाग विशेष पोर्टल बना रहा है जो 21 जनवरी से काम करेगा।
- मंदिरों को सजावट के फोटो अपलोड करने होंगे।
- इन्हीं में से श्रेष्ठ 100 मंदिरों का चयन कर मंदिरों के पुजारी और प्रबंधकों को देवस्थान विभाग की ओर से सम्मानित किया जाएगा।
Q & A
Q : राजस्थान में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के लिए मंदिरों की सजावट और प्रतियोगिता के बारे में बताइए।
A : राजस्थान सरकार ने 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर प्रदेश के सभी मंदिरों में विशेष सजावट और कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। देवस्थान विभाग के अधीन आने वाले मंदिरों को प्रति मंदिर ₹10,000 की सहायता राशि भी दी जाएगी।
Q : मंदिरों में कौन से कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे:
- लाइव प्रसारण: अयोध्या में हो रहे कार्यक्रम का लाइव प्रसारण सभी मंदिरों में किया जाएगा।
- सजावट: मंदिरों को गाय के गोबर से बने दीयों से सजाया जाएगा।
- सत्संग: मंदिरों में सत्संग, सुंदरकांड और हनुमान चालीसा के पाठ होंगे।
- आरती: मंदिरों में महाआरती और देवी-देवताओं के मूर्तियों का श्रृंगार किया जाएगा।
- प्रसाद वितरण: प्रसाद का वितरण किया जाएगा।
मंदिरों की सजावट के लिए एक प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी। इस प्रतियोगिता में श्रेष्ठ साज-सज्जा करने वाले 100 मंदिरों के पुजारी और प्रबंधकों को सम्मानित किया जाएगा।
सजावट प्रतियोगिता के लिए मंदिरों को 21 जनवरी से विशेष पोर्टल पर सजावट के फोटो अपलोड करने होंगे। इनमें से श्रेष्ठ 100 मंदिरों का चयन कर मंदिरों के पुजारी और प्रबंधकों को देवस्थान विभाग की ओर से सम्मानित किया जाएगा।
Q : राजस्थान में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के लिए मंदिरों की सजावट के क्या उद्देश्य हैं?
अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के इस ऐतिहासिक अवसर को राजस्थान में भी धूमधाम से मनाना।
मंदिरों के महत्व और धार्मिक भावनाओं को बढ़ावा देना।
राम मंदिर के निर्माण में राजस्थान के लोगों की भागीदारी को याद करना।
राजस्थान में मंदिरों की सजावट से राज्य में एक सकारात्मक माहौल बनेगा और लोगों में धार्मिक भावनाओं का संचार होगा। यह कार्यक्रम राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत को भी बढ़ावा देगा।