BHOPAL. रामलला प्राण प्रतिष्ठा में अब केवल कुछ ही दिनों का समय बचा है। 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है। ऐसे में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला की प्राम प्रतिष्ठा की अनुष्ठान आज यानी मंगलवार से शुरू होगी और ये अनुष्ठान 21 जनवरी तक चलती रहेगी। बता दें कि रामलला की प्रतिमा 18 जनवरी को गर्भगृह में निर्धारित आसन पर स्थापित कर दी जाएगी। वहीं पिछले 70 सालों से पूज्य वर्तमान मूर्ति को भी नए मंदिर के गर्भगृह में स्थान दिया जाएगा। जन्मभूमि मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सोमवार को प्राण प्रतिष्ठा समारोह का पूरा ब्योरा सार्वजनिक किया।
12:20 बजे प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान होगा आरंभ
चंपत राय ने जानकारी देते हुए बताया कि मैसूरू के शिल्पकार अरुण योगीराज की बनाई प्रतिमा गर्भगृह में स्थापित करने के लिए चुनी गई है। नई प्रतिमा श्याम शिला से निर्मित है और इसका वजन 150 से 200 किलो के बीच है। इस मूर्ति में प्रभु राम को पांच वर्षीय बालक के रूप में दर्शाया गया है। बता दें कि पीएम मोदी की उपस्थिति में आज 12:20 बजे प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान आरंभ किया जाएगा। ये पूजा करीब 40 मिनटों तक चलेगी। इसके बाद करीब 75 मिनट पीएम मोदी, सीएम योगी, संघ प्रमुख मोहन भागवत संदेश देंगे।
देश के विभिन्न राज्यों से आएंगे 25 वाद्य यंत्र
बता दें कि समारोह के लिए अतिथियों को 10:30 बजे तक रामजन्मभूमि परिसर में प्रवेश करना होगा। मंदिर परिसर में आठ हजार कुर्सियां लगाई जा रही हैं। साथ ही महोत्सव में देश के विभिन्न राज्यों के 25 वाद्य यंत्रों से रामलला का अभिनंदन किया जाएगा। राय ने बताया, प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त काशी के प्रख्यात वैदिक आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने तय किया है और वाराणसी के आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित के निर्देशन में 121 वैदिक आचार्य संपूर्ण कर्मकांड विधि संपन्न कराएंगे। महोत्सव में 150 से अधिक परंपराओं के संत-धर्माचार्य व 50 से अधिक आदिवासी, गिरिवासी, तटवासी, द्वीपवासी व जनजातीय लोगों की उपस्थिति होगी। मंदिर निर्माण से जुड़े लगभग 500 लोग भी इसमें शामिल होंगे।
20-21 जनवरी को बंद रहेंगे दर्शन
20-21 जनवरी को श्रद्धालु श्रीराम लला के दर्शन नहीं कर पाएंगे। वहीं 23 से नए विग्रह के दर्शन आम लोगों के लिए खोले जाएंगे। जानकारी के मुताबिक दुनिया के 50 देशों से 53 लोग आमंत्रित किए गए हैं। राय ने बताया, प्राण प्रतिष्ठा से पहले मंगल ध्वनि गुंजायमान होगी। विभिन्न राज्यों के 25 प्रमुख और दुर्लभ वाद्ययंत्रों के मंगल वादन से अयोध्या में यह प्रतिष्ठा महोत्सव होगा।
प्राण प्रतिष्ठा में होंगे 12 अधिवास
- 16 जनवरी - प्रायश्चित, कर्मकुटी पूजन
- 17 जनवरी - मूर्ति का परिसर प्रवेश
- 18 जनवरी - तीर्थपूजन एवं जलयात्रा, जलाधिवास व गंधाधिवास
- 19 जनवरी - औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास और धान्याधिवास
- 20 जनवरी - शर्कराधिवास, फलाधिवास, पुष्पाधिवास
- 21 जनवरी - मध्याधिवास, सायंकाल शैय्याधिवास