अयोध्या राम मंदिर के गर्भगृह में नहीं होंगी माता सीता की मूर्ति, ट्रस्ट महासचिव चंपत राय ने बताई यह वजह

author-image
Vikram Jain
एडिट
New Update
अयोध्या राम मंदिर के गर्भगृह में नहीं होंगी माता सीता की मूर्ति, ट्रस्ट महासचिव चंपत राय ने बताई यह वजह

AYODHYA. अयोध्या में प्रभु श्रीराम के मंदिर के उद्घाटन और प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर भक्तों में खासा उत्साह है। 22 जनवरी को होने वाले कार्यक्रम से पहले अयोध्या में जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं। इससे पहले रामभक्तों के लिए बड़ी खबर सामने आई है कि श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में बनाए जा रहे राम मंदिर में माता सीता की मूर्ति नहीं होगी। तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने प्रेस कान्फ्रेंस कर इसकी वजह स्पष्ट की।

गर्भ गृह में विराजित होगी रामलला की मूर्ति

ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि अयोध्या में 70 एकड़ क्षेत्र में बन रहे राम मंदिर में सीता माता की मूर्ति नहीं होगी। बाल स्वरूप में भगवान राम के साथ सीता नहीं थीं। यही वजह है कि मंदिर में मां सीता की मूर्ति स्थापित न करने का निर्णय लिया गया है। मंदिर में भगवान रामलला की मूर्ति गर्भ गृह में विराजित होगी। यह राम का वह रूप होगा, जिसमें वे 5 साल के बालक रूप में होंगे। क्योंकि मूर्ति भगवान के बाल स्वरूप की है, इसलिए मुख्य मंदिर के गर्भगृह में मां सीता की कोई मूर्ति नहीं होगी।

161 फीट ऊंचा होगा शिखर

ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने आगे बताया कि अयोध्या में राम जन्मभूमि का 70 एकड़ परिक्षेत्र है। मुख्य मंदिर 360 फीट लंबा और 235 फीट चौड़ा होगा। मंदिर का शिखर 161 फीट ऊंचा होगा। परिसर के जिस गर्भगृह में रामलला विराजेंगे वहां पहुंचने के लिए 32 सीढ़ियां चढ़नी पड़ेंगी। खास बात यह है कि रामलला की मूर्ति स्थापित होगी वह उस स्वरूप की होगी, जिसमें भगवान की शादी नहीं हुई है।

परिसर में बनेंगे 7 और मंदिर

महासचिव चंपत राय ने आग बताया कि मंदिर का ग्राउंड फ्लोर तैयार हो चुका है। पहली मंजिल का काम भी करीब 80 फीसदी पूरा हो गया है। सेकंड फ्लोर बनने के बाद तीसरी मंजिल का निर्माण शुरू होगा। परिसर में मुख्य मंदिर के अलावा 7 और मंदिर बनाए जा रहे हैं। इनमें भगवान राम के गुरु ब्रह्मर्षि वशिष्ठ, ब्रह्मर्षि विश्वामित्र, महर्षि वाल्मीकि, अगस्त्य मुनि, रामभक्त केवट, निषादराज और माता शबरी के मंदिर शामिल हैं। इन मंदिरों का निर्माण 2024 तक पूरा किया जाएगा।

200 साल में ऐसी रचना उत्तर भारत में नहीं हुई। मंदिर में परकोटों का निर्माण करवाया जा रहा है। ऐसे परकोटे सिर्फ तमिलनाडु और केरल के मंदिरों में बनते हैं। यह नए तरह का प्रयोग है। अभी निर्माण जारी है, पूरा होने में करीब 6 महीने और लगेंगे। इन परकोटा में बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए लिफ्ट लगेंगी।

अयोध्या राम मंदिर न्यूज ट्रस्ट महासचिव चंपत राय गर्भगृह में नहीं होंगी माता सीता की मूर्ति Ayodhya News राम मंदिर में रामलल्ला की मूर्ति Ayodhya Ram Mandir News Trust General Secretary Champat Rai Mother Sita idol will not be in the sanctum sanctorum RamLalla idol in Ram temple अयोध्या न्यूज