ट्रस्ट ने पहली बार जारी किया श्रीराम मंदिर का पूरा नक्शा और डिटेल, जानें मंदिर में क्या है विशेष; निमंत्रण पत्र की झलक भी

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BP Shrivastava
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ट्रस्ट ने पहली बार जारी किया श्रीराम मंदिर का पूरा नक्शा और डिटेल, जानें मंदिर में क्या है विशेष; निमंत्रण पत्र की झलक भी

BHOPAL. अयोध्या में बन रहे श्रीराम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होना है। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विशेष रूप से मौजूद रहेंगे। वहीं समारोह की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। इसी बीच श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मंदिर का पूरा नक्शा पहली बार जारी किया और उसका विवरण भी बताया है। साथ ही राम मंदिर में क्या खास है, इसका भी उल्लेख किया है।

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अयोध्या में निर्माणाधीन श्रीराम मंदिर की विशेषताएं

  • मंदिर परम्परागत नागर शैली में बनाया जा रहा है।
  • मंदिर की लंबाई ( पूर्व से पश्चिम ) 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट तथा ऊंचाई 161 फीट रहेगी।
  •  मंदिर तीन मंजिला रहेगा। प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई 20 फीट रहेगी। मंदिर में कुल 392 खंभे व 44 द्वार होंगे।
  • मुख्य गर्भगृह में प्रभु श्रीराम का बालरूप ( श्रीरामलला सरकार का विग्रह ), तथा प्रथम तल पर श्रीराम दरबार होगा।
  •  मंदिर में 5 मंडप होंगे: नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप और कीर्तन मंडप।
  •  खंभों और दीवारों में देवी-देवता तथा देवांगनाओं की मूर्तियां उकेरी जा रही हैं।
  •  मंदिर में प्रवेश पूर्व दिशा से, 32 सीढ़ियां चढ़कर सिंहद्वार से होगा।
  • दिव्यांगजन और वृद्धों के लिए मंदिर में रैम्प और लिफ्ट की व्यवस्था रहेगी।
  • मंदिर के चारों ओर आयताकार परकोटा रहेगा। चारों दिशाओं में इसकी कुल लंबाई 732 मीटर तथा चौड़ाई 14 फीट होगी।
  • परकोटा के चारों कोनों पर सूर्यदेव, मां भगवती, गणपति और भगवान शिव को समर्पित चार मंदिरों का निर्माण होगा। उत्तरी भुजा में मां अन्नपूर्णा और दक्षिणी भुजा में हनुमान जी का मंदिर रहेगा।
  • मंदिर के समीप पौराणिक काल का सीताकूप विद्यमान रहेगा।
  • मंदिर परिसर में प्रस्तावित अन्य मंदिर- महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषादराज, माता शबरी और ऋषिपत्नी देवी अहिल्या को समर्पित होंगे।
  • दक्षिण पश्चिमी भाग में नवरत्न कुबेर टीला पर भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का जीर्णो‌द्धार किया गया है एवं तथा वहां जटायु प्रतिमा की स्थापना की गई है।
  • मंदिर में लोहे का प्रयोग नहीं होगा। धरती के ऊपर बिलकुल भी कंक्रीट नहीं है। मंदिर के नीचे 14 मीटर मोटी रोलर कॉम्पेक्टेड कंक्रीट (RCC) बिछाई गई है। इसे कृत्रिम चट्टान का रूप दिया गया है।
  • मंदिर को धरती की नमी से बचाने के लिए 21 फीट ऊंची प्लिंथ ग्रेनाइट से बनाई गई है।
  • मंदिर परिसर में स्वतंत्र रूप से सीवर ट्रीटमेंट प्लांट, वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट, अग्निशमन के लिए जल व्यवस्था तथा स्वतंत्र पॉवर स्टेशन का निर्माण किया गया है, ताकि बाहरी संसाधनों पर न्यूनतम निर्भरता रहे।
  • 25 हजार क्षमता वाले एक दर्शनार्थी सुविधा केंद्र (Pilgrims Facility Centre) का निर्माण किया जा रहा है, जहां दर्शनार्थियों का सामान रखने के लिए लॉकर और चिकित्सा की सुविधा रहेगी। मंदिर परिसर में स्नानागार, शौचालय, वॉश बेसिन, ओपन टैप्स आदि की सुविधा भी रहेगी।
  • मंदिर का निर्माण पूर्णतया भारतीय परम्परानुसार और स्वदेशी तकनीक से किया जा रहा है। पर्यावरण-जल संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कुल 70 एकड़ क्षेत्र में 70% क्षेत्र सदा हरित रहेगा।

पूजित अक्षत, बाल राम की फोटो समेत निमंत्रण पत्र के बॉक्स में हैं 5 चीजें...

अयोध्या में बन रहे राम मंदिर में 22 जनवरी को दोपहर 12:30 बजे रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट देशभर से विशिष्ट अतिथियों को आमंत्रित कर रहा है। इसके लिए विशेष प्रकार का निमंत्रण पत्र तैयार किया गया। ये निमंत्रण पत्र देश के 2000 विशिष्ट अतिथियों को भेजा गया है। इसकी पहली झलक यहां हम दिखा रहे हैं। कार्ड के पन्ने पर प्रभु राम के बाल स्वरूप की तस्वीर है और अंत में श्रीराम मंदिर की यात्रा का सारांश दिया गया है।

निमंत्रण पत्र क्या जानकारी?

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निमंत्रण पत्र वो सभी जानकारी है जिसे आप जानना चाहते हो। कार्ड बेहद पेशेवर तरीके से डिजाइन किया गया है। इसमें धार्मिक अनुष्ठानों का ब्योरा तो है ही, हर अतिथि का QR कोड भी तय है। आने के समय, गाड़ी के लिए तय पार्किंग की जगह और प्राण प्रतिष्ठा की अवधि शामिल है।

इसके कवर पर लिखा है- अनादिक निमंत्रण, श्रीराम धाम अयोध्या। इस निमंत्रण पत्र के बॉक्स में 5 चीजें भेंटस्वरूप रखी गई हैं।

  • पहली : अयोध्या में निर्माणाधीन श्री जन्मभूमि मंदिर की तस्वीर वाला कार्ड, जिस पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र का लोगो छपा है।
  • दूसरी : एक छोटे से लिफाफे में रखा पीला अक्षत।
  • तीसरी: कार्यक्रम वाले दिन के लिए वाहन पास, जिस पर वाहन नंबर लिखने की जगह है। साथ ही गूगल मैप का QR कोड भी है जिससे अतिथि आसानी से पार्किंग एरिया तक पहुंच सकते हैं।
  • चौथी: संकल्प संपोषण पुस्तिका। इसमें साल 1528 से लेकर 1984 तक राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े 20 लोगों का संक्षिप्त विवरण है। इनमें सबसे पहले देवरहा बाबा और सबसे अंत में अशोक सिंघल का जिक्र है।
  • पांचवी: कार्यक्रम की जानकारी देने वाला एक कार्ड है। इसमें पीएम नरेंद्र मोदी, संघ प्रमुख मोहन भागवत, यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, सीएम योगी आदित्यनाथ और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास के नाम हैं।

कार्यक्रम का विवरण

निमंत्रण पत्र में कार्यक्रम का समय के साथ विवरण है। अतिथियों के आने का समय सुबह 11:30 बजे रखा गया है। 11:30 से 12:30 बजे तक गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठा होगी। 12:30 बजे से अतिथियों का भाषण होगा। फिर मंदिर में दर्शन प्रारंभ हो जाएंगे। कार्ड में मेहमानों के लिए कुछ निर्देश और निवेदकों के नामों का भी जिक्र है।


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