AYODHYA. राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होने जा रही है। भगवान राम विष्णु के अवतार हैं। राम को एक आदर्श पुरुष के रूप में देखा जाता है। उनके चरित्र में कई विशेषताएं ऐसी हैं, जिन्हें हम सभी को अपनाना चाहिए। हम आपको भगवान राम के चरित्र के ऐसे गुण बता रहे हैं, जिन्हें आप अपना लेंगे तो हर समस्या से पार पाना आसान हो जाएगा।
आज्ञाकारी पुत्र
भगवान राम दशरथ के सबसे बड़े पुत्र थे। इस अधिकार से अयोध्या का सिंहासन उन्हें सौंपा जाना था। माता कैकेयी की इच्छा का सम्मान करते हुए और अपने पिता के वरदान का मान रखने के लिए राजपाट की जगह वनवास चुन लिया। सभी लोगों को राम से ये सीखना चाहिए कि माता-पिता की आज्ञा का पालन करना ही संतान का सबसे पहला और बड़ा धर्म है।
धैर्यशीलता
वर्तमान में लोगों में धैर्य की कमी होती है। हम धीरज रखे बिना कई फैसले ले लेते हैं और समस्याएं खड़ी हो जाती है। राम का जीवन धैर्य का उत्तम उदाहरण है। जब माता कैकेयी ने उन्हें वनवास का आदेश दिया तो उन्होंने धैर्य के साथ स्वीकार किया। समुद्र पर सेतु तैयार करने के लिए तट पर तपस्या की। जब माता सीता को दोबारा वन में जाना पड़ा तो उन्होंने राजा होते हुए भी संन्यासी की तरह जीवन व्यतीत किया।
आदर्श भाई
एक आदर्श पुत्र होने के साथ भगवान राम एक आदर्श भाई का भी उदाहरण हैं। आज जब जमीन-जायदाद के लिए भाई, भाई का दुश्मन बन जाता है। ऐसे में वनवास के दौरान राम के भाई भरत उन्हें वापस अयोध्या लेने आए थे। तब राम ने माता-पिता की आज्ञा को ही सर्वोपरि रखा और अपने छोटे भाई भरत को ही राजपाट सौंप दिया।
अच्छा मित्र
मित्रता निभाने में प्रभु श्री राम जैसा कोई नहीं। केवट, सुग्रीव और विभीषण उनके परम मित्र रहे। राम ने खुद इन सभी के संकट झेले। बिना किसी भेदभाव के मित्रता निभाई। अयोध्या के राजा बनने के बाद सभी मित्रों को अपने दरबार में स्थान दिया।
नेतृत्व क्षमता
भगवान राम एक कुशल प्रबंधक भी थे। उनकी बेहतर नेतृत्व क्षमता की वजह से ही समुद्र में सेतु का निर्माण हो सका।
भगवान श्री राम के 16 गुण, जो हर व्यक्ति को अपनाने चाहिए
गुणवान (ज्ञानी और हुनरमंद)
विद्वान (बुद्धिमान और विवेकशील)
किसी की निंदा न करने वाला (सकारात्मक)
कृतज्ञ (विनम्रता और अपनत्व से भरा)
धर्मज्ञ (धर्म के साथ प्रेम, सेवा और मदद करने वाला)
सत्य (सच बोलने वाला, ईमानदार)
सदाचारी (अच्छा व्यवहार, विचार)
दृढ़प्रतिज्ञ (मजबूत हौंसले वाला)
सभी प्राणियों का रक्षक (मददगार)
सामर्थ्यशाली (सभी का भरोसा, समर्थन पाने वाला)
मन पर अधिकार रखने वाला (धैर्यवान और व्यसन से मुक्त)
प्रियदर्शन (खूबसूरत)
कांतिमान (अच्छा व्यक्तित्व)
क्रोध जीतने वाला (शांत और सहज)
वीर्यवान (स्वस्थ, संयमी और हष्ट-पुष्ट)
युद्ध में जिसके क्रोधित होने पर देवता भी डरें (जागरुक, जोशीला, गलत बातों का विरोधी)