BHOPAL. इस साल 26 जनवरी को भारत अपना 75वां गणतंत्र दिवस (Republic Day tableaux) मनाएगा। इस साल रिपब्लिक डे (Republic Day Parade) पर की झांकी नहीं नजर आएगी। इन्हें रिजेक्ट कर दिया गया है। इन 4 में से दो राज्यों में AAP, एक में TMC और एक में कांग्रेस की सरकार है। ऐसे में अब ये झांकियां विवादों में आ गई हैं। हालांकि बड़ा सवाल है कि 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस की झांकी को कैसे चुना जाता है। इसका प्रोसेस कब शुरू होता है और इसे कैसे सिलेक्ट किया जाता है।
इन राज्यों की झांकियां खारिज
- दिल्ली
- कर्नाटक
- पंजाब
- पश्चिम बंगाल
वहीं रक्षा मंत्रालय का कहना है कि दिल्ली, कर्नाटक, पंजाब और पश्चिम बंगाल की झांकी गणतंत्र दिवस परेड 2024 की थीम पर आधारित नहीं है। इसलिए इन्हें रिजेक्ट किया गया है। जानकारी के मुताबिक पंजाब और दिल्ली की झांकी को पहले दो राउंड में ही रिजेक्ट कर दिया गया। जबकि कर्नाटक की झांकी सेलेक्शन के दौरान एक्सपर्ट्स की तीसरे राउंड की बैठक में खारिज हुई है।
सेलेक्शन का प्रोसेस
- सेलेक्शन प्रक्रिया आम तौर पर 6 से 7 राउंड की बैठक के बाद खत्म होती है।
- झांकियों के स्केच, डिजाइन और प्रदर्शनों की थीम
- झांकी के मॉडल पर एक्सपर्ट कमेटी और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों/ मंत्रालयों के बीच बातचीत
- सभी प्रस्तावों के स्केच/डिजाइन की जांच, संशोधन के लिए सुझाव
- फिर कमेटी स्केच और डिजाइन को एप्रूव्ड कर देती है।
फाइनल चयन के लिए एक्सपर्ट कमेटी विभिन्न आधार पर झांकियों के 3-डी मॉडल की जांच करती है।
झांकी सिलेक्ट होगी या रिजेक्ट कौन तय करता है?
गणतंत्र से जुड़े सभी आयोजन के लिए रक्षा मंत्रालय जिम्मेदार होता है। यही मंत्रालय राज्यों, UT, मंत्रालयों और संवैधानिक ईकाइयों से झांकी के लिए आवेदन मांगता है. रक्षा मंत्रालय ने अक्टूबर में सर्कुलर जारी करके राज्यों से आवेदन मांगे थे। झांकियां सिलेक्ट करने के लिए रक्षा मंत्रालय एक कमेटी बनाता है। इस सेलेक्शन कमेटी में कल्चर, पेंटिंग, म्यूजिक, आर्किटेक्चर, कोरियाग्राफी और स्कल्प्चर समेत अलग-अलग क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल होते हैं। सेलेक्शन कई फैक्टरों पर निर्भर करता है। जैसे- इसमें विजुअल अपील, लोगों पर कितना प्रभाव डालेगी, आइडिया, थीम, म्यूजिक और कई फैक्टर काम करते हैं।