छत्तीसगढ़ की पहचान वैसे तो आदिवासी राज्य के रुप में होती है लेकिन प्रदेश पश्चिमी कल्चर अपनाने में बहुत आगे बढ़ गया है। एक रिपोर्ट की मानें तो यहां पर पुरुषों के साथ साथ महिलाओं में भी शराब का सेवन बड़ी तेजी से बढ़ा है। इसी का फायदा बार संचालक उठा रहे हैं। वहीं रायपुर में विकास का पहिया दौड़ने से साहबों की नजर यहां की जमीनों पर लग गई है। सस्ते में जमीन खरीदकर सरकार को चूना लगाया जा रहा है। राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों की ऐसी ही अनसुनी खबरों के लिए पढ़िये द सूत्र का साप्ताहिक कॉलम सिंहासन छत्तीसी।
जमीर बेचकर जमीन खरीद रहे साहब
इन दिनों नवा रायपुर में जमीनों की खरीद फरोख्त का बड़ा खेला चल रहा है। नवा रायपुर बनने से वहां की जमीनों की कीमत बढ़ गई है। इन जमीनों पर अब साहबों की नजर लग गई है। किसान भी अब चतुर हो गए हैं। किसानों ने अपनी जमीन को कृषि भूमि से रिहायशी जमीन में बदल दिया तो जमीन की कीमत तीन गुना बढ़ गई।
हुआ कुछ यूं कि किसान ने 2 करोड़ की जमीन का डायवर्सन कराया तो जमीन 6 करोड़ की हो गई। साहब की नजर इस पर पड़ गई तो उन्होंने किसान से डायवर्सन कैंसिल कराने को कह दिया। किसान ने डायवर्सन कैंसिल कराया तो साहब ने 6 करोड़ में जमीन खरीद ली लेकिन रजिस्ट्री 2 करोड़ की कराकर सरकार को स्टांप शुल्क का चूना लगा दिया। अब साहब ने फिर से अपनी जमीन का डायवर्सन करा कर उसको रिहायशी कर ली है।
भारी पड़ा सुरा के लिए सुंदरियों को लुभाना
आजकल शहरों में बढ़ रहे वेस्टर्न कल्चर शराब कारोबारियों की मौज कर दी है। शहर के कुछ शराब करोबारियों यानी बार संचालकों ने महिलाओं को लुभाने के लिए नया ऑफर दिया। ये ऑफर था मुफ्त में शराब पिलाने का। ऑफर में दिन दिया गया बुधवार का और समय रात 8 बजे से आपके आगमन तक।
इसके लिए महिला की तस्वीर के साथ विज्ञापन बनाया गया। इस विज्ञापन को सोशल मीडिया पर खूब वायरल किया गया। जब इसकी खबर सरकार को लगी तो उनकी त्यौरियां चढ़ गईं। आनन फानन में बार संचालकों पर कार्रवाई कर भारी पेनाल्टी ठोक दी गई। साथ में हिदायत भी दी गई कि आगे ऐसा किया तो बार लाइसेंस कैँसिल कर दिया जाएगा। अब बार संचालकों ने इस तरह के ऑफर के लिए कान पकड़ लिए हैं।
आईएएस की मेहरबानी और मिशनरी की बल्ले बल्ले
तीस साल पहले बिलासपुर की प्राइम लोकेशन पर सरकार ने मिशनरी अस्पताल के लिए लीज पर जमीन दी थी। मिशनरी ने यहां पर अस्पताल के साथ साथ कमर्शियल उपयोग भी शुरु कर दिया। यहां पर दुकानें निकाल कर लाखों रुपए महीने की कमाई शुरु हो गई। नई सरकार बनी तो उसकी नजर इस बेशकीमती जमीन पर गई।
सरकार ने इस जमीन पर मिशनरी के अवैध कब्जे को हटाने की तैयारी कर ली। संस्था के संचालक हाईकोर्ट चले गए। अदालत ने भी कोई राहत नहीं दी उल्टे याचिका खारिज कर दी। संस्था ने कलेक्टर से कब्जा हटाने के लिए समय मांगा। इसी समय साहब की इंट्री हुई। साहब ने संस्था पर मेहरबानी दिखाते हुए इस कार्रवाई पर स्टे लगा दिया। लोग अब खुसफुसा रहे है कि कहीं इस स्टे के लिए कहीं बड़ा सौदा तो नहीं हुआ।
धर्म बढ़ाने का ओवरडोज
इन दिनों छत्तीसगढ़ में धर्म परिवर्तन का बड़ा खेला चल रहा है। सेवा के नाम पर लोगों का धर्म परवर्तन कराया जा रहा है। दरअसल हो ये रहा है कि धर्म विशेष के धर्म गुरु बड़े बड़े शिविर आयोजित कर पीड़ितों की सेवा का ढोंग कर रहे हैं। बीमार और पीड़ित लोग पहुंचते हैं तो उनको दवा के नाम पर स्टेयराइड का घोल पिता दिया जाता है।
स्टेयराइड से पीड़ा में तत्काल आराम लगता है। बस इसी को धर्म का चमत्कार बताकर लोगों को फुसलाया जा रहा है। परेशान लोग इनके झांसे में आ रहे है और इसी का फायदा धर्म परिवर्तन कराने में उठाया जा रहा है। सरकार अब इन पर सख्ती बरतने वाली है। जल्द ही धर्म परिवर्तन का कड़ा कानून भी लागू किया जाएगा।
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