एक मंत्री के स्टॉफ के लोग चाट रहे मलाई, मेडम की ओके से मिल रहे टेंडर

छत्तीसगढ़ की राजनीति के चर्चे इन दिनों खूब हो रहे हैं। कभी ट्रांसफर के लेनदेन में मंत्री का नाम आना तो कभी मंत्रियों के स्टॉफ की वसूली की चर्चा।

Advertisment
author-image
Arun tiwari
New Update
ministers staff members licking cream
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

छत्तीसगढ़ की राजनीति के चर्चे इन दिनों खूब हो रहे हैं। कभी ट्रांसफर के लेनदेन में मंत्री का नाम आना तो कभी मंत्रियों के स्टॉफ की वसूली की चर्चा। अब तो खबर यहां तक है कि मंत्रियों के स्टॉफ के लोग चाय नहीं बल्कि काजू और बादम शेक पी रहे हैं।

नींद खुलने के साथ ही इनको बादाम शेक चाहिए। वहीं आजकल मंत्रियों से ज्यादा उनकी मेडम की चह रही है। कुछ जगह तो टेंडर लेने देने में भी मेडम दिलचस्पी दिखाने लगी हैं। छत्तीसगढ़ की ऐसी ही अनसुनी खबरों के लिए पढ़िए द सूत्र का साप्ताहिक कॉलम सिंहासन छत्तीसी। 


मंत्री के पीए को चाहिए काजू और बादाम शेक


नई सरकार बनी है तब से मंत्रियों के स्टॉफ के बड़े मजे हैं। एक मंत्री के स्टॉफ के लोगों की पांचों उंगलिया घी में और सिर कढ़ाई में है। सुबह उठते ही इन पीए साहब को काजू और बादाम का शेक चाहिए। लोग बेड टी लेते हैँ ये बेड पर काजू शेक लेते हैं तब पलंग के नीचे उतरते हैं।

इसके बाद नाश्ते में भी ड्राय फ्रूट चाहिए। दिन भर साथ में ड्राय फ्रूट से भरा हुआ डिब्बा भी चलता है। आखिर ऐसा हो भी क्यों न, मंत्री के पीए जो ठहरे। वे भी उस मंत्री के जिनके नाम ट्रांसफर_पोस्टिंग के लेन देन में आता रहता है। यानी इस मंत्री बंगले पर खाओ और खाने दो की पॉलिसी चल रही है। भाई बढ़िया है, राम नाम की लूट है लूट सके तो लूट। 


मिसेज मेडम करेंगी ओके तभी सर देंगे टेंडर


इन दिनों सरकार में सर की कम और मिसेज मेडम की ज्यादा चल रही है। हम बात विष्णु कैबिनेट के अहम सदस्य की ही कर रहे हैं। लोग तो यहां तक कहने लगे हैं कि सरकार महानदी से नहीं बल्कि विधानसभा क्षेत्र से चल रही है। किसी ठेके का टेंडर हो या निर्माण कार्यों से जुड़ा कोई प्रोजेक्ट।

उस फाइल पर सर तब ओके करते हैं जब मिसेज मेडम की अनुमति और सहमति मिलती है। यानी विभाग से जुड़े कई ठेके मिसेज मेडम के हिसाब से दिए जा रहे हैं। सर सीधे सादे हैं और मिसेज मेडम तेज हैं,तभी तो इतनी चर्चाओं में है। जब सर नहीं होते तो उनका काम मिसेज मेडम ही कर देती हैं। कांग्रेसी तो हंसी हंसी में कहने लगे हैं कि भैया तो सीधे हैं,चलती तो भाभीजी की है। 


गवर्नमेंट के रोल में गवर्नर


छत्तीसगढ़ के नए राज्यपाल रमेन डेका गवर्नमेंट के रोल में नजर आ रहे हैं। इससे पहले किसी राज्यपाल को इतना सक्रिय और इस तरह की भूमिका में नहीं देखा। राज्यपाल ने कुर्सी संभालते ही दो जिलों में जाकर कानून व्यवस्था और सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा कर ली। हाल ही के दिल्ली दौरे में उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात कर छत्तीसगढ़ में इन्वेस्टर समिट के आयोजन का प्रस्ताव रखा।

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री और जल संसाधन मंत्री से मिलकर छत्तीसगढ़ के विकास के बारे में चर्चा की। यहां तक कि उनसे मिलने छत्तीसगढ़ भवन में मुख्यमंत्री ही पहुंच गए। राज्यपाल के इस तरह के रोल से छत्तीसगढ़ के राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में कई तरह के कयास लगने लगे हैं।

कानाफूसी शुरु हो गई है कि क्या दिल्ली राज्यपाल के जरिए सरकार को कंट्रोल कर रही है। या गवर्नर खुद रबर स्टैंप की भूमिका तोड़कर राज्यपाल के पद को प्रासंगिक बनाना चाहते हैं। कारण कुछ भी हो लेकिन लोगों को यह समझ नहीं आ रहा कि सरकार इसे किस रुप में लेगी बेहतरी के या फिर टेंशन के, क्योंकि उसका काम तो राज्यपाल करने लगे हैं। 


बड़े बेआबरु होकर तेरे कूचे से हम निकले


छत्तीसगढ़ में बीजेपी की राजनीति के बड़े नेताजी के हाल बेहाल हैं। लोकसभा चुनाव के पहले एक मंत्री ने 2000 लोगों के ट्रांसफर की फाइल भेजी थी लेकिन उनके अधिकारियों ने ही उस फाइल को आगे बढ़ने से रोक लिया। न वो फाइल सीएम समन्वय में पहुंची और न ही वो ट्रांसफर हुए।

अंडर सेक्रेटरी, सेक्रेटरी और चीफ सेक्रेटरी के चैनल में ही वो फाइल अटक कर रह गई। लोकसभा चुनाव हो गए, सरकार में ट्रांसफर भी होने लगे लेकिन वो ट्रांसफर नहीं हो पाए। ट्रांसफर को लेकर तो यह कहा जाने लगा है कि प्रदेश में तबादला उद्योग शुरु हो गया है।

 

The Sootr Links 

छत्तीसगढ़ की खबरों के लिए यहां क्लिक करें

मध्य प्रदेश की खबरों के लिए यहां क्लिक करें

देश दुनिया की खबरों के लिए यहां क्लिक करें

रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए यहां क्लिक करें

chhattisgarh BJP Govt Chhattisgarh BJP cg bjp Chhattisgarh politics bjp party Chhattisgarh Politics News cg political news