जमीन में खेला कर साहब ने काली कमाई कर ली सफेद, सूबे में शुरु हो गया तबादला उद्योग

छत्तीसगढ़ में इन दिनों अफसरों के नए नए कारनामे सामने आ रहे हैं। एक साहब ने नदी किनारे की जमीन को ही असिंचित बता दिया। इस खेल में अपनी काली कमाई को सफेद कर लिया।

Advertisment
author-image
Arun tiwari
New Update
playing land gentleman turned black money white

छत्तीसगढ़ में इन दिनों अफसरों के नए नए कारनामे सामने आ रहे हैं। एक साहब ने नदी किनारे की जमीन को ही असिंचित बता दिया। इस खेल में अपनी काली कमाई को सफेद कर लिया। वहीं राजस्व विभाग के एक अधिकारी ने मीडिया में ही कह दिया कि पैसा लेकर मनचाही पोस्टिंग की गई है।

सवाल मंत्री टंकराम वर्मा पर उठाया गया है। तबादलों पर से बैन हटा नहीं लेकिन प्रदेश में तबादलों को लेकर बड़ा खेल शुरु हो गया है। मंत्रियों का नाम लेकर उनके मुलाजिम वसूली में लग गए हैं। राजनीतिक गलियारों में सवाल ये भी उठने लगा है कि क्या सरकार में सबकुछ ठीक चल रहा है। राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों की ऐसी ही अनसुनी खबरों के लिए पढ़िए द सूत्र का साप्ताहिक कॉलम सिंहासन छत्तीसी। 


नदी किनारे की जमीन को असंचित बताकर साहब ने कर लिया खेला


छत्तीसगढ़ के अफसर जो न करें वो कम है। आए दिन अफसरों के नए-नए कमाल सामने आ रहे हैं। एक संयुक्त कलेक्टर ने नदी के किनारे की जमीन को असंचित बताकर बड़ा खेला कर दिया। साहब की नजर 30 एकड़ जमीन पर थी। साहब ने अपनी पत्नी के नाम पर उस जमीन को खरीद लिया। शिवनाथ नदी के किनारे की छह करोड़ की इस जमीन को असिंचित बताकर साहब ने डेढ़ करोड़ में खरीद ली।

रजिस्ट्री भी सरकारी गाइडलाइन यानी डेढ़ करोड़ के हिसाब से करा ली। सरकार को स्टांप शुल्क का चूना लगाकर किसान को बाकी का पैसा कैश में दे दिया गया। साहब ने जैसे ही रजिस्ट्री कराई फिर अपने प्रभाव से अपनी जमीन को सिंचित बना लिया। अब साहब खूब फसल पैदा कर रहे हैं। इस बारे में एसडीएम साहब ने भी अपने साहब की खूब तीमारदारी की और कह दिया कि साब बिल्कुल नीट एंड क्लीन हैं। मामला राजनांदगांव जिले का है। 


शुरु हो गया तबादला उद्योग


प्रदेश में तबादलों पर से रोक भले ही  हटी हो लेकिन तबादला उद्योग शुरु हो गया है। राजस्व विभाग में हुए तबादलों की बात तो उनके अधिकारियों ने खुल कर कह दी है कि लेनदेन कर ट्रांसफर किए गए हैं। अब बात यहां तक आ गई है कि कुछ मंत्रियों के मुलाजिम उनके नाम पर वसूली करने में लग गए हैं। अधिकारियों से पैसा मांगा जा रहा है और यह भी धमकी दी जा रही है कि पैसा दोगे तो मनचाही पोस्टिंग मिलेगी और नहीं दोगे लूप लाइन में पटक दिए जाओगे। कुछ लोगों ने संगठन तक भी यह बात पहुंचाई है। अब संगठन सीएम से बात कर कुछ ठोस एक्शन की तैयारी में है। 


साय सरकार में सांय-सांय मतभेद


साय सरकार में कुछ मंत्रियों की आपस में पटरी नहीं बैठ पा रही है। खबर तो यहां तक है कि कुछ मंत्रियों का सीएम के साथ ही संतुलन नहीं बन पा रहा है। गृह मंत्री का एसपी कान्फ्रेंस में न जाने का माला सामने आकर इस बात को और हवा मिल गई है। वहीं मंत्रियों को अधिकारियों के साथ भी तालमेल बिठाने में दिक्कत पेश आ रही है। वहीं सांसद और विधायक लेटरबम से धमाका कर सरकार की किरकिरी करा रहे हैं। राजनीतिक गलियारों में अब लोग चटखारे लेकर कहने लगे हैं कि 9 माह में ही सरकार के यह हाल हैं तो फिर आगे न जाने क्या होगा। सीएम को इसमें कुछ न कुछ तो करना पड़ेगा वरना होम करते हाथ जल जाएंगे। 


हींग लगे न फिटकरी, रंग चोखा


सरकार एनजीओ के जरिए अपनी पीठ थपथपाने की तैयारी कर रही है। सरकार ने कुछ ऐसा प्लान किया है कि इसकी गूंज दिल्ली तक होनी चाहिए। दरअसल एक एनजीओ नक्सल पीड़ितों को दिल्ली ले जा रहा है। वहां पर ब्लास्ट में अपने हाथ पैर गंवा चुके लोगों को कृत्रिम हाथ पैर लगाए जाएंगे। एनजीओ के इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ सरकार शामिल हो गई है। साथ में गृह मंत्री भी जाएंगे। वे वहां पर प्रेस कान्फ्रेंस कर नक्सल मोर्चे पर अपनी कामयाबी की गाथा भी बताएंगे। इसे कहते हैं कि हींग लगे न फिटकरी और रंग आए चोखा।

 

The Sootr Links

छत्तीसगढ़ की खबरों के लिए यहां क्लिक करें

मध्य प्रदेश की खबरों के लिए यहां क्लिक करें

देश दुनिया की खबरों के लिए यहां क्लिक करें

रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए यहां क्लिक करें

राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा CG Politics chhattisgarh BJP Govt Chhattisgarh BJP Chhattisgarh politics टंकराम वर्मा Chhattisgarh Politics News chhattisgarh BJP governemnt chhattisgarh BJP Government Chhattisgarh News