अरुण तिवारी@ रायपुर
सियासत बदलती है तो नौकरशाही दशा और दिशा दोनों बदल जाती है। अब एक साहब के पिछली सरकार में बड़े चर्चे थे, वे विपक्ष को कुछ नहीं समझते थे। लेकिन अब सरकार बदल गई है तो उन साहब को अपनी चिंता सताने लगी है। अब उनको मदद की दरकार है। वहीं सूबे में सरकार की किसी की रहे राजधानी का मेयर अपना रहेगा। चुनाव जाए तेल लेने, जलवा तो अपना ही चलेगा।
अब आया उंट पहाड़ के नीचे
सरकार बदलने के साथ ही राजनीतिक गलियारों में एक कहावत बड़ी चर्चा में है कि अब आया उंट पहाड़ के नीचे। दरअसल मामला एक अफसर से जुड़ा है। जब कांग्रेस सरकार थी तो इन साहब की कांग्रेस नेता के साथ नजदीकी थी। यहां तक कि पैसे के लेनदेन की तस्वीर भी वायरल हो गई थी। बीजेपी ने विपक्ष में रहते इन साहब का खूब विरोध किया। अब सरकार बदल गई तो ये साहब सरकार के निशाने पर आ गए हैं। अब ये नई सरकार के बड़े नेताओं से नजदीकी बढ़ाकर अपने बचाव का रास्ता तलाश रहे हैं। ये अफसर विधानसभा से जुड़े हुए हैं। ( sinhaasan chhatteesee )
सरकार किसी की हो, मेयर नेताजी की पसंद का
छत्तीसगढ़ में अब फिर निकाय चुनाव की बेला आने वाली है। इस मौके पर एक चर्चा खूब गर्म है। प्रदेश में किसी की भी सरकार हो रायपुर का मेयर तो नेताजी की पसंद से ही बनेगा। ये नेता बीजेपी के कद्दावर नेताओं में शुमार हैं। चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से हों या अप्रत्यक्ष प्रणाली से मेयर उम्मीदवार इन नेताजी की शरण में चले जाते हैं। जब बीजेपी की सरकार थी तो भी इनके समीकरण से ही मेयर चुने गए और कांग्रेस की सरकार आई तो भी मेयर इन नेताजी की पसंद से ही बने। भले ही पार्षद बीजेपी के ज्यादा रहे हों लेकिन पिछले चुनाव में मेयर कांग्रेस के बने। तो फिर करनी पड़ेगी नेताजी की जय- जय। आपको बता दें, कि ये नेताजी रायपुर की राजनीति से ही जुड़े हुए हैं।
राजनीति का खेल या खेल की राजनीति
छत्तीसगढ़ की सियासत अलग तरह की है। यहां पर राजनीति का खेल है या खेल की राजनीति। अच्छे अच्छे इस बात को नहीं समझ पाते हैं। यहां पर ब्रांडिंग के लिए अलग- अलग खेल सितारे आते हैं, मोटा पैसा लेते हैं लेकिन प्रदेश के खेलों की हालत वहीं की वहीं है। रमन सरकार में टेनिस की सनसनी सानिया मिर्जा और अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट सितारे रहे रिकार्ड होल्डर अनिल कुंबले को छत्तीसगढ़ की ब्रांडिंग का जिम्मा सौंपा गया। सोचा तो यह गया था कि इससे खेलों का कुछ भला होगा, लेकिन हुआ कुछ खास नहीं। भूपेश बघेल ने ओलंपियन बाक्सर विजेंद्र सिंह को बुलाया, नतीजा सबके सामने है। अब विष्णुदेव साय सरकार ने क्रिकेट स्टार रहे सुरेश रैना को जिम्मा सौंपा है, वे सीपीएल भी कराने जा रहे हैं। अब देखिए आखिर इनके आने से खेलों का कितना भला होता है।
मानहानि पर मानहानि
इन दिनों छत्तीसगढ़ में मानहानि- मानहानि का खेल चल रहा है। कांग्रेस में बखेड़ा हुआ तो संचार विभाग के नेताजी ने कांग्रेस की नेत्री जो अब बीजेपी की हो गई हैं, उनको मानहानि का नोटिस भेज दिया। नेत्री को मानहानि का नोटिस मिला तो उनको गुस्सा आ गया। अब उन नेत्री ने कांग्रेस नेता को मानहानि का नोटिस भेज दिया। साफ साफ कह दिया कि तीन दिन में माफी नहीं तो भुगतना पड़ेगा। अब ये नेताजी मुश्किल में हैं। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस की एक नेत्री ने बीजेपी के उन नेताओं को मानहानि का नोटिस भेज दिया जो कुछ दिन पहले उनके ही गुणगान करते थे। अब पार्टी बदल ली तो वे नेत्री उनको फूटी आंख नहीं सुहाईं। यानी कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में गए नेताओं को कुछ ज्यादा ही मानहानि के नोटिस मिल रहे हैं। बात भी साफ है कि जो बात अब तक दिल में छिपी थी वो अब होठों पर आने जो लगी है।
thesootr links