सिंहासन छत्तीसी : तिरपाल लगे दफ्तर में बैठते हैं मंत्रीजी, कलेक्टर- एसपी पर भड़कीं मेडम विधायक

छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ मंत्री तिरपाल लगे ऑफिस में बैठते हैं। हैरानी की बात इसमें ये है कि जिस विभाग को मंत्रियों के बंगले चमकाने का जिम्मा है, उसी विभाग के मंत्री के बंगले के ऑफिस में बरसात का पानी रोकने के लिए तिरपाल लगी हुई है। 

Advertisment
author-image
Arun tiwari
New Update
सिंहासन छत्तीसी
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

रायपुर के शासन- प्रशासन में कुछ अजीब ही खेल चल रहा है। आईएएस मेडम के पति की पिटाई एक बाबू कर देता है तो मेडम विधायक कलेक्टर- एसपी पर भड़क जाती हैं।

एक मंत्री तिरपाल के दफ्तर में बैठते हैं तो एक पर दिव्यांग का गुस्सा उतर जाता है। छत्तीसगढ़ की ऐसी ही अनदेखी- अनसुनी घटनाएं जानने के लिए पढ़िए सिंहासन छत्तीसी। 

तिरपाल लगे ऑफिस में बैठते हैं मंत्रीजी 

छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ मंत्री तिरपाल लगे ऑफिस में बैठते हैं। हैरानी की बात इसमें ये है कि जिस विभाग को मंत्रियों के बंगले चमकाने का जिम्मा है, उसी विभाग के मंत्री के बंगले के ऑफिस में बरसात का पानी रोकने के लिए तिरपाल लगी हुई है।

बंगले पर गाड़ियों का रेला है, अफसर खड़े हुए हैं और मंत्रीजी तिरपाल लगे ऑफिस में बैठकर पीडब्ल्यूडी विभाग के कामकाज की समीक्षा कर रहे हैं। काम में तेजी लाने के लिए चीफ इंजीनियर को फरमान सुना दिया कि 90 फीसदी क्लियरेंस के बिना टेंडर जारी न किया जाए। लेकिन मंत्रीजी के खुद का ऑफिस विभागीय अफसरों के काम को ठेंगा दिखा रहा है। इसे कहते हैं दीया तले अंधेरा। 

आईएएस मेडम के पति को बाबू ने पीटा 

आईएएस मेडम के पति की एक बाबू ने पाइप से पिटाई लगा दी। यह मामला वन विभाग से जुड़ा हुआ है। मेडम के पति वन विभाग में अधिकारी हैं। हुआ यूं कि कुछ समय पहले साहब ने बाबू को नौकरी से बर्खास्त कर दिया।

बाबू ने अदालत का दरवाजा खटखटाया और वहां से स्टे ले आया और नौकरी करने लगा। बाबू के मन में जंगल की आग की तरह बदले की आग लग गई। एक दिन साहब पहुंचे तो बाबू ने पाइप उठाया और साहब की जबदस्त पिटाई कर दी। अब साहब अपना मुंह छिपाए घूम रहे हैं। यह मामला जीपीएम जिले का है। 

कलेक्टर- एसपी पर भड़कीं विधायक 

बीजेपी की एक महिला विधायक कलेक्टर और एसपी पर भड़क गईं। उन्होंने यहां तक कह दिया कि ऐसे अफसरों को ऐसे बड़े पदों पर रहने की जरुरत नहीं है। मामला योग दिवस का है।

ये जब ये विधायक योग करने निर्धारित जगह पर पहुंची तो उनकी अगवानी करने न तो कलेक्टर आए और न ही एसपी। यहां तक कि कलेक्टर- एसपी कार्यक्रम में भी नहीं पहुंचे। फिर क्या था मेडम का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया।

मेडम ने दो टूक शब्दों में कह दिया कि इनको यहां रहने की जरुरत नहीं है। यह मामला मनेंद्रगढ़ जिले का है। 

मंत्री पर गुस्सा हुआ दिव्यांग युवा 

लोगों की भारी उम्मीदों पर सवार होकर प्रदेश में बीजेपी ने अपनी सरकार तो बना ली लेकिन अब उसका खामियाजा मंत्रियों को भुगतना पड‍ रहा है। प्रदेश के एक युवा मंत्री अपने दफ्तर में बैठकर जनता की समस्याएं सुन रहे थे। कतार में लगे लोग एक एक कर मंत्री के पास जा रहे थे। तभी अचानक एक दिव्यांग युवा पहुंचा जिसके हाथ में कुछ सर्टिफिकेट थे।

दिव्यांग ने सीधे मंत्री से सवाल कर दिया कि वादा किया था तो फिर अब नौकरी क्यों नहीं लगा रहे। इस सवाल अचानक मंत्रीजी हड़बड़ा गए। लोगों की मौजूदगी को देखते हुए मंत्री ने खुद को संभाला। उस दिव्यांग की पूरी बात सुनी, उसे पानी पिलाकर गुस्से को शांत किया और सिर्फ इतना बोल पाए कि नगर निगम से बोल देंगे कि नियमानुसार काम करे। युवा अनमने मन से बाहर आ गया। 

मोइली के सामने खुली बड़े नेताओं की पोल 

कांग्रेस की हार की समीक्षा करने वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली छत्तीसगढ़ आए हुए हैं। मोइली के सामने छह महीने से भरे बैठे कार्यकर्ताओं के सब्र का बांध फूट गया। उन्होंने एक लाइन में इस हार का कारण बता दिया।

 कार्यकर्ताओं ने कहा कि पिछले पांच साल जब सरकार थी तो हमको पूछा तक नहीं। मंत्रियों के बंगलों पर जाते थे तो बाहर से ही भगा दिया जाता था। सीएम साहब पहचानते तक नहीं थे। इनके भाई बंधु और अफसर घोटाले कर पैसा छापने में लगे रहे।

कार्यकर्ताओं के हाथ आया ठेंगा। फिर ऐसे में कार्यकर्ता कैसे काम करेगा। कार्यकर्ताओं की इस भड़ास को सुनकर मोइली ने पूर्व सीएम की ओर देखा। पूर्व सीएम इधर उधर बगलें झांकने लगे।

arun tiwari

thesootr links

 

सबसे पहले और सबसे बेहतर खबरें पाने के लिए thesootr के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें। join करने के लिए इसी लाइन पर क्लिक करें

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

सिंहासन छत्तीसी sinhaasan chhatteesee