छत्तीसगढ़ में इन दिनों अजब-गजब कारनामे हो रहे हैं। कहीं मंत्री के करीबी इतना बड़ा सौदा कर रहे हैं जिससे नेताजी मुश्किल में आ रहे हैं तो कहीं नेताजी से ज्यादा तेज अफसर चल रहे हैं। इस तरह की गतिविधियों ने राजनीति को गरमा दिया है। छत्तीसगढ़ की प्रशासनिक और राजनीतिक गलियारों की अनसुनी खबरों को पढ़नें के लिए पढ़िए द सूत्र का विशेष साप्ताहिक कॉलम सिंहासन छत्तीसी।
रिश्तेदार ने किया जमीन का सौदा, मंत्रीजी परेशान
छत्तीसगढ़ की नई सरकार के मंत्री के रिश्तेदार मालामाल हो गए हैं। राजनीतिक गलियारों में ये बड़ी तेजी से चर्चा चल रही है कि कार्यकर्ता तो दरी ही बिछा रहे हैं और मंत्रियों के रिश्तेदार मलाई मार रहे हैं। सरकार के एक मंत्रीजी के रिश्तेदार ने हाल ही में जमीन का सौदा किया है। ये सौदा इतना बड़ा है कि गुपचुप तरीका अपनाने के बाद भी बात बाहर आ गई। जमीन का पेमेंट भी तत्काल एकमुश्त कर दिया गया। अब मंत्रीजी के शुभचिंतकों ने मंत्री की चिंता बढ़ा दी है। शुभचिंतक मंत्री के कान में फुसफुसा रहे हैं कि संभालिए नेताजी कहीं आप मुश्किल में न पड़ जाएं। दिल्ली की नजर सीधे छत्तीसगढ़ पर ही है। अब नेताजी अपने बचने की तरकीब भिड़ाने लगे हैँ।
तेज चल रहे अफसर
छत्तीसगढ़ के अफसर इन दिनों कुछ ज्यादा ही तेज चल रहे हैं। इन तेज अफसरों ने आने वाले निकाय चुनाव में अपनी चौसर पर गोटियां फिट कर रहे नेताओं का खेल गड़बड़ा दिया है। इन दिनों वॉर्डों के परिसीमन की कार्यवाही चल रही है। जो नेताजी पॉवर में हैं वे अपने हिसाब से वॉर्डों की नापतौल कराते हैं। लेकिन यहां मामला उल्टा पड गया। नेताजी अपना समीकरण बनाते ही रह गए और अफसरों ने परिसीमन कर दावे आपत्ति की सुनवाई भी कर ली। और फटाफट 70 नगरीय निकायों का नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया। अब नेताजी अफसरों का मुंह ताक रहे हैं।
नेताजी से उलझे तो जाएगी कलेक्टरी
इन दिनों छत्तीसगढ़ के प्रशासनिक हलकों में नया ट्रेंड चल पड़ा है। नेताजी से उलझे तो अफसरों की खैर नहीं। हाल ही में बीजापुर में हुए तबादले ने इस पर मुहर भी लगा दी। इसके बाद नेताजी के हौसले बुलंद हो गए हैं। बीजापुर में एक बीजेपी नेता और कलेक्टर में कहासुनी हो गई तो नेताजी ने तबादले की धमकी दे डाली। कलेक्टर का तबादला भी हो गया। अब चर्चा है कि आईएएस के ट्रांसफर की अगली सूची में कुछ और अफसरों के तबादले होने वाले हैं। वजह है कि यहां पर भी अफसर, नेताजी से उलझ गए हैं। अब नेताजी ने भी आव देखा न ताव और कह दिया कि तुम यहां नहीं रह पाओगे साहब। नेताजी को अगली सूची का इंतजार है।
सुशासन से परेशान अफसर
छत्तीसगढ़ में इन दिनों सीएम के सुशासन मॉडल की बड़ी चर्चा है। सीएम अपने सुशासन मॉडल को पूरे देश में आदर्श बनाना चाहते हैं। सीएम की गुड बुक में आने के लिए कुछ कलेक्टरों ने सुशासन के बड़े बड़े प्रयोग कर लिए। अब ये अफसर सीएम की गुड बुक में तो आ गए लेकिन उनकी कलेक्टरी चली गई। ऐसे अफसरों को सीएम ने सुशासन विभाग में ही सेक्रेटरी बना दिया। अब साहब को लग रहा है कि यहां कहां फंस गए। ज्यादा अच्छा बनने के चक्कर में कलेक्टरी चली गई। ऐसे सुशासन से तो कलेक्टरी अच्छी थी।
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