स्पोर्ट्स डेस्क. आईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के फाइनल में निखत जरीन (50), लवलीना बोरगोहाईं (75), स्वीटी बोरा (81) और नीतू घनघस (48) भारत के लिए पहली बार चार गोल्ड मेडल के लिए मुकाबला कर रही हैं। खबर लिखे जाने के समय निखत जरीन और नीतू के मुकाबले चल रहे हैं।
निखत ने लिया मैरीकॉम का बदला
निखत जरीन के फाइनल में पहुंचने की सबसे ख़ास बात यह रही कि उन्होंने सेमीफाइनल में उस मुक्केबाज को हराया, जिसने टोक्यो ओलंपिक में भारत की जानी-मानी मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम की चुनौती को तोड़कर उनका सपना चकनाचूर कर दिया था। एकतरह से निखत ने मैरीकॉम का बदला लिया है।
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इतिहास दोहराने का मौका
निखत जरीन के अलावा लवलीना बोरगोहान, नीतू घनघस और स्वीटी बोरा ने भी फाइनल में स्थान बनाकर भारत के लिए अधिकतम चार स्वर्ण पदक जीतने की उम्मीदें बना दीं हैं। भारतीय मुक्केबाज यदि इस चैंपियनशिप में चार स्वर्ण जीत जाते हैं तो यह अब तक का उसके बेस्ट प्रदर्शन हो सकता है। हालांकि इससे पहले 2006 में मैरीकॉम सहित चार बॉक्सर ने गोल्ड मेडल जीते थे। और स्पर्धा में चार गोल्ड समेत आठ पदक हासिल किए थे।
पेरिस ओलंपिक में जरीन और नीतू होंगी आमने-सामने
एक दिलचस्प बात यह है कि भारतीय मुक्केबाजी की पोस्टर गर्ल मानी जाने वाली निखत जरीन और नीतू घनघस दोनों इस समय देश का सम्मान बढ़ाने के लिए मुकाबला कर रहीं हैं, लेकिन कुछ समय बाद 2024 के पेरिस ओलंपिक के लिए दोनों आपस में मुकाबला करती नजर आएंगी।