मुंबई. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के चीफ सौरव गांगुली (49) कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। फिलहाल उन्हें कोलकाता (Kolkata) के वुडलैंड हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है। डॉक्टर उन पर निगरानी रखे हुए हैं।
एक साल में दूसरी बार अस्पताल पहुंचे
सौरव गांगुली (sourav ganguly) एक साल में दूसरी बार अस्पताल पहुंचे हैं। इसी साल जनवरी में हार्ट अटैक के चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। उन्हें कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज (Corona Vaccine Doses) लग चुकी है। इसके बावजूद उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। देश में ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों के बीच गांगुली का संक्रमित होना चिंता की बात है।
27 दिसंबर की शाम गांगुली ने अपना कोरोना टेस्ट कराया था, रात में रिपोर्ट आई, जिसमें वे पॉजिटिव (Corona Positive) पाए गए। करीब एक साल पहले गांगुली की तबीयत बिगड़ी थी और उनके भाई स्नेहाशीष कोरोना संक्रमित हुए थे। हालांकि, इस दौरान उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई थी।
भारत के अफ्रीका दौरे से पहले विवाद
भारत के साउथ अफ्रीका दौरे से पहले गांगुली काफी विवादों में रहे थे। इस दौरे से ठीक पहले BCCI ने विराट कोहली की जगह रोहित शर्मा को वनडे कैप्टन बना दिया था। इसके बाद गांगुली ने कहा था कि कोहली से बात करने के बाद ही उन्हें वनडे की कप्तानी से हटाया गया। हालांकि बाद में विराट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि उनसे वनडे की कप्तानी छीने जाने से डेढ़ घंटे से पहले ही उन्हें इस बारे में बताया गया था। कोहली के बयान पर गांगुली ने कहा था कि वो अब इस मामले में कुछ नहीं बोलेंगे, बोर्ड इससे सही तरीके से निपटेगा।
गांगुली का बयान और कोहली का जवाब
गांगुली ने कहा था कि चयनकर्ताओं ने विराट से टी-20 की कप्तानी नहीं छोड़ने के लिए कहा था, लेकिन विराट नहीं माने और इस्तीफा दे दिया। वहीं, चयनकर्ताओं को सीमित ओवर क्रिकेट में दो अलग-अलग कप्तान रखने का फैसला सही नहीं लगा। इसके बाद गांगुली ने चेतन शर्मा के साथ मिलकर विराट से बात की और उन्हें पूरा विजन समझाया। विराट के मानने के बाद ही रोहित को वनडे का कप्तान बनाया गया।
कोहली ने कहा कि जब मैंने टी-20 की कप्तानी छोड़ी थी, मैं सबसे पहले BCCI के पास गया था। उन्हें अपने फैसले को लेकर जानकारी दी थी। मैंने अपने विचार और परेशानियां सबके सामने रखीं। बोर्ड ने इसे स्वीकार किया और मेरी परेशानियों को समझा। उन्होंने मुझसे एक बार भी अपने फैसले को पुनर्विचार करने के लिए नहीं कहा।
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