Bengaluru.रणजी ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला(Ranji Trophy final match) मुंबई और मध्य प्रदेश (Mumbai-MP Ranji Trophy match) के बीच खेला जाएगा। मुंबई और मध्य प्रदेश का ये मैच बेंगलुरु(Bangalore) के एम चिन्नास्वामी स्टेडिमय(M Chinnaswamy Stadium) में खेला जाएगा। मुंबई के कैप्टन पृथ्वी शॉ और मध्यप्रदेश के कैप्टन आदित्या श्रीवास्तव के बीच टॉस हुआ। इस टॉस(toss) को मुंबई टीम ने जीता। इसके बाद टीम ने बल्लेबाजी का फैसला लिया है।
MP टीम दूसरी बार फाइनल में पहुंची
रणजी ट्रॉफी में मध्य प्रदेश की टीम 88 सालों में दूसरी बार फाइनल में पहुंची है। टीम 23 साल के बाद खिताबी मुकाबला खेल रही है। उस वक्त चंद्रकांत पंडित(Chandrakant Pandit) मध्य प्रदेश के कैप्टन थे और अब वे टीम के कोच हैं।
2 साल पहले बने हैं कोच
चंद्रकांत पंडित 2 साल पहले ही टीम के कोच बने है। उनके कार्यकाल के पहले साल में MP की टीम लीग राउंड में ही बाहर हो गई थी। चंद्रकांत पंडित की सालाना सैलरी करीब 1.5 करोड़ रुपए है। उन्होंने मप्र टीम को दो साल से पूरी तरह तैयार कर दिया है।
रमाकांत आचरेकर से सीखी बारीकियां
चंद्रकांत ने क्रिकेट के बारें में कोच रमाकांत आचरेकर(Ramakant Achrekar) से ट्रनिंग ली हैं। बतौर खिलाड़ी चंद्रकांत ने टीम इंडिया के लिए पांच टेस्ट और 36 वनडे मुकाबले खेले हैं। अपने कॅरियर में चंद्रकांत ने 171 टेस्ट और 290 वनडे रन बनाए हैं।
चंद्रकांत ने टीम को रात 12 बजे भी प्रैक्टिस के लिए बुलाया
जानकारी के मुताबिक चंद्रकांत काफी डिसिप्लिन व्यक्ति है। इसलिए उन्होंने अपनी टीम को भी पूरा डिसिप्लिन में रखने की कोशिश की।
वे रात को 12 बजे भी टीम को प्रैक्टिस के लिए ग्राउंड पर बुला लेते थे। अगर कोई खिलाड़ी ट्रेनिंग में लेट होता था तो उसे पूरा सेशन छोड़ना होता था।
चंद्रकांत ने टीम के लिए किया'भैया'शब्द बैन
चंद्रकांत ने टीम में जूनियर-सीनियर कल्चर खत्म करने के लिए 'भैया'शब्द को बैन कर दिया था। सब एक दूसरे को नाम से ही बुलाते थे, चाहे वो जूनियर हो या फिर सीनियर। उनका कहना था कि अगर किसी की इज्जत करते हो तो दिल से करो,जबान से नहीं।