DELHI. आईपीएल (IPL) के नाम पर फर्जीवाड़े की खबरें तो आपने पहले भी सुनी होंगी। लेकिन गुजरात के एक गांव में आईपीएल के नाम पर चूना लगाने का ऐसा खेल खेला गया, जिसके बारे में जानकर हर कोई हैरान रह जाएगा। यहां के एक गांव में फर्जी आईपीएल के नाम पर जालसाजी का ऐसा ताना-बाना बुना गया कि रूस में बैठे सटोरिए भी इसमें फंस गए। वो तो वक्त रहते मेहसाणा पुलिस ने फर्जी आईपीएल से जुड़े रैकेट का भांडाफोड़ कर दिया, वर्ना क्रिकेट के नाम पर कितनों को चूना लग जाता।
ऐप पर इस मैच का लाइव प्रसारण भी किया जा रहा था
दरअसल अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर इस नकली लीग को चलाने के पीछे की कहानी क्या है? चलिए आपको बताते हैं कि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गुजरात (Gujarat) के वडनगर के मालीपुर (Malipur) गांव में रूस में बैठे एक व्यक्ति के द्वारा नकली लीग चलाई जा रही थी, जिसके लिए पूरे इंतजाम किए गए थे। एक फार्महाउस को क्रिकेट के मैदान में तब्दील करने के बाद फ्लैड लाइट्स लगाई गई थी और एक मल्टीकैम सैटअप भी एकदम आईपीएल की तरह तैयार किया गया था। एक मोबाइल ऐप पर इस मैच का लाइव प्रसारण भी किया जा रहा था।
चार लोगों को किया गया है गिरफ्तार
इस मैच में एक कमेंटेटर को बुलाया गया था जो हर्षा भोगले (Harsha Bhogle) की नकल कर उसकी आवाज में कमेंटरी करते थे। पुलिस अधिकारी भावेश राठौड़ ने कहा, "मेहसाणा पुलिस अब तक चार लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस चैनल की भी जांच कर रही है। दांव लगाने के लिए मशहूर रूसी पब में आठ महीने काम करने के बाद मोलीपुर लौटे "मुख्य आयोजक" शोएब दावड़ा (Shoaib Davda) ने इस ठगी को अंजाम देने में मदद की।
मजदूरों को खिलाड़ी और अंपायर बनाया
फर्जी आईपीएल कराने के इस रैकेट में गांव के 21 खेतिहर मजदूर और बेरोजगार युवक शामिल थे। जो बारी-बारी से आईपीएल टीम चेन्नई सुपर किंग्स, मुंबई इंडियंस और गुजरात टाइटंस टीम की जर्सी पहनकर मैच में उतर जाते थे। इसी में से कुछ अंपायर बन जाते। किसी को शक न हो, तो मैच दिखाने के लिए लगाए गए कैमरों को आगे वॉकी-टॉकी लेकर खड़े हो जाते थे. इतना ही नहीं, रूस में बैठे लोग, जो इन मुकाबलों पर बेटिंग कर रहे थे, उन्हें शक न हो। इसलिए इंटरनेट से क्रिकेट स्टेडियम (Cricket Stadium) में बैठे दर्शकों के शोर का ऑडियो डाउनलोड किया और मैच के दौरान बीच-बीच में इसे बजा दिया जाता था। ताकि असली मैच जैसा रोमांच लगे।
कैसे होता था मैच फिक्स ?
मास्टरमाइंड शोएब टेलिग्राम चैनल के जरिए फर्जी आईपीएल मैच पर सट्टा लगवाता था। वो अंपायर को वॉकी-टॉकी पर चौके और छक्के लगाने का निर्देश देते थे। इसके बाद अंपायर बल्लेबाज और गेंदबाज को यही जानकारी बढ़ा देता था। अंपायर से मिले निर्देश के बाद गेंदबाज जानबूझकर कमजोर गेंद फेंकता था। ताकि बल्लेबाज छक्का या चौका जमा सके। इसी तरह से सट्टेबाजी का पूरा खेल चल रहा था।