भारत के दूसरे क्रिकेट WC के 11 साल, 1983 से 2011 तक ऐसे बदला BCCI पॉवरगेम

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Atul Tiwari
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भारत के दूसरे क्रिकेट WC के 11 साल, 1983 से 2011 तक ऐसे बदला BCCI पॉवरगेम

नई दिल्ली. टीम इंडिया वनडे हिस्ट्री में दो बार (1983 और 2011) क्रिकेट वर्ल्ड कप जीत चुकी है। पहली कामयाबी 1983 में मिली थी। दूसरी बार चैंपियन बनने का सपना 28 साल बाद 2011 में पूरा हुआ था। आज यानी 2 अप्रैल 2022 को दूसरी वर्ल्ड कप विक्ट्री के 11 साल पूरे हो गए। 1983 से 2011 वर्ल्ड कप तक भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) में काफी बदलाव हुआ। बोर्ड पहले खिलाड़ियों को ठीक से पैसे नहीं दे पाता था, अब खिलाड़ियों पर पैसे बरसते हैं।





मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कपिल देव की कप्तानी में 1983 की विश्व कप विजेता टीम को मैच फीस के रूप में महज 1500 रुपए और रोजाना भत्ते के रूप में 200 रुपए मिले थे। कैप्टन, वाइस कैप्टन और यहां तक कि टीम मैनेजर समेत सभी को समान राशि मिलती थी। भारतीय टीम वर्ल्ड कप से पहले एक दशक में सिर्फ 40 मैच खेली थी। खिताब जीतने पर टीम इंडिया को उस समय करीब 66,200 पाउंड मिले थे।





लता जी ने जुटाए थे पैसे





BCCI के पास तब खिलाड़ियों को सम्मानित करने के लिए भी पैसे नहीं थे। तब लता मंगेशकर ने कंसर्ट के जरिए 20 लाख जुटाए थे। तब टीम इंडिया को सदस्यों को एक-एक लाख रुपए बतौर इनाम मिले थे।





और 2011 वर्ल्ड कप जीतने पर...





2011 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम को 30 लाख डॉलर इनाम के तौर पर मिले थे। तब BCCI ने भी जीत के बाद खिलाड़ियों पर पैसे लुटाए थे। उसने पहले तो सभी खिलाड़ियों को एक-एक करोड़ रु. देने की घोषणा की थी, लेकिन जब खिलाड़ी इससे खुश नहीं हुए तो 2 करोड़ दिए गए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, तब खिलाड़ियों ने पांच करोड़ मांगे थे। सपोर्ट स्टाफ को 50-50 लाख दिए गए थे।





BCCI की इनकम?





पिछले साल बोर्ड ने 3730 करोड़ रुपए कमाए थे। इसकी तुलना में अन्य क्रिकेट बोर्ड को देखें को क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की कमाई 2843 रुपए और इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड की कमाई 2135 रुपए है। पिछले दो साल में कोरोना के कारण बीसीसीआई की कमाई में गिरावट आई है। हालांकि, आईपीएल 2023 से 2017 तक मीडिया राइट्स बिकने वाले हैं। इससे बोर्ड को जबर्दस्त फायदा होने वाला है। माना जा रहा है कि मीडिया राइट्स करीब 45 हजार करोड़ रुपए तक बिक सकते हैं।





खिलाड़ियों की सैलरी करोड़ों में





पहले की तुलना में अब भारतीय पुरुष टीम को सैलरी भी काफी ज्यादा है। खिलाड़ियों को 4 ग्रेड में बांटा गया है। A-प्लस ग्रेड के खिलाड़ियों को सालाना 7 करोड़ रुपए मिलते हैं। A-ग्रेड में 5 करोड़, B-ग्रेड में 3 करोड़ और C-ग्रेड के खिलाड़ियों को 1 करोड़ रुपए दिए जाते हैं। एक टेस्ट खेलने के 15 लाख, एक वनडे के 6 लाख और और एक टी20 के तीन लाख रुपए मिलते हैं।



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