DELHI. वो कहते हैं न कि किस्मत और नियति किसको कहां ले जाए और कहां जाकर चमकेगी ये कोई नहीं जानता। ऐसा ही कुछ पुणे की एक लड़की के साथ हुआ, जिसके जन्म के बाद उसके माता-पिता ने उसे अनाथालय में छोड़ दिया। लेकिन इस लड़की की किस्मत ऐसी चमकी कि आज दुनियाभर में उसका एक अलग ही मुकाम है।
आज हम बात कर रहे हैं एक अनाथ भारतीय बच्ची लैला (orphaned indian baby girl) की, जिसका बाद में लीजा स्टॉलकर (LISA STHALEKAR) नाम रखा गया। वो ऑस्ट्रेलियाई महिला क्रिकेट (australian women's cricket) टीम की कप्तान (captain) भी रही है।
अनाथालय में छोड़ गए माता-पिता
13 अगस्त 1979 को शहर के एक अनजान कोने में एक लड़की का जन्म हुआ। जन्म के बाद माता-पिता ने लड़की को महाराष्ट्र के पुणे (pune) शहर में 'श्रीवत्सा अनाथालय'(Shreevatsa Orphanage) नाम के एक अनाथालय में फेंक दिया। अनाथालय के प्रबंधक ने इस प्यारी-सी बच्ची का नाम 'लैला'(Laila) रख दिया।
अमेरिका के एक कपल ने लड़की को लिया गोद
अनाथालय के लोग ही लड़की की देखरेख करते थे। इसी दौरान अमेरिका (America) के हरेन (Haren) और सू (soo) भारत घूमने आए थे। उनकी एक लड़की थी। भारत आने का उनका मकसद एक लड़के को गोद लेना था। वे एक लड़के की तलाश में आश्रम पहुंचे। आश्रम में इस कपल को लड़का नहीं मिला। इस बीच सू की नजर लैला पर पड़ी। लैला की चमकीली भूरी आंखों और मासूम चेहरे को देखकर उसे उससे प्यार हो गया। इसके बाद उन्होंने लड़की को गोद लेने का फैसला लिया।
लैला से बदलकर लीजा रखा नाम
हरेन और सू ने कानूनी कार्रवाई करने के बाद उसे गोद ले लिया। सू ने उसका नाम लैला से बदलकर 'लीजा' रख दिया। भारत से वो लोग वापस अमेरिका चले गए लेकिन कुछ सालों के बाद वे सिडनी में स्थायी रूप से बस गए।
पिता ने बेटी को सिखाया क्रिकेट
पिता ने बेटी को क्रिकेट (cricket) खेलना सिखाया। घर के पार्क से शुरू होकर गली के लड़के के साथ खेलने तक का ये सफर शुरू हुआ। क्रिकेट के प्रति लीजा का जुनून अपार था। साथ ही साथ लेकिन लीजा ने अपनी पढ़ाई भी पूरी की। खेलते-खेलते लीजा एक बड़ी स्टार बन गईं।
लीजा का क्रिकेट करियर
- 1997 : न्यू साउथ वेल्स की तरफ से फर्स्ट क्लास क्रिकेट में पहला मैच खेला।
1 हजार रन और 100 विकेट लेने वाली पहली महिला क्रिकेटर
लीजा स्टॉलकर वनडे में 1 हजार रन और 100 विकेट लेने वाली पहली महिला क्रिकेटर बनीं। लीजा को 2021 में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया था। जब आईसीसी ने रैंकिंग शुरू की तो वो दुनिया की नंबर-1 ऑलराउंडर थीं। लीजा ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम की कप्तान भी रह चुकी हैं।
4 वर्ल्ड कप खेलीं लीजा, 2013 में विश्व विजेता टीम की सदस्य रहीं
2013 में ऑस्ट्रेलियाई वुमन क्रिकेट टीम ने वर्ल्ड कप जीता। लीजा विश्व कप खेलीं थीं। वर्ल्ड कप जीतने के एक दिन बाद लीजा और उनकी टीम ने क्रिकेट विश्व कप जीता। इसके अगले दिन उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया। 2021 में इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने लीजा स्टालकर को अपने हॉल ऑफ फेम में शामिल किया। रिटायरमेंट के बाद वो क्रिकेट कॉमेंट्री करती हैं। वो आज एक अलग पहचान बना चुकी हैं।