स्पोर्ट्स डेस्क. महेंद्र सिंह धोनी (ms dhoni) ने अचानक ही आईपीएल (ipl) में चेन्नई सुपर किंग्स (csk) की कप्तानी छोड़ दी। धोनी का ये अंदाज नया नहीं है, वे इसी तरह फैन्स को अपने फैसलों से चौंकाते हैं। फिर चाहे बात टेस्ट, वनडे या फिर टी-20 की कप्तानी छोड़ने की हो। धोनी ने टेस्ट, वनडे और टी-20 की कप्तानी छोड़ने का फैसला अचानक ही लिया था। माही का ये अंदाज अब भी बरकरार है।
2014 में अचानक छोड़ी टेस्ट की कप्तानी: महेंद्र सिंह धोनी ने साल 2014 में बॉर्डर-गावस्कर सीरीज के दौरान टेस्ट से संन्यास ले लिया था। माही के फैसले से टीम के खिलाड़ी और फैन्स हैरान रह गए थे। भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया में संघर्ष कर रही थी, टेस्ट सीरीज का एक मैच खेला जाना बाकी था। लेकिन धोनी ने बॉक्सिंग-डे टेस्ट के कुछ मिनट बाद ही संन्यास का ऐलान कर दिया। किसी ने सोचा भी नहीं था कि धोनी इस तरह सीरीज के बीच में ही टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह देंगे।
2017 में छोड़ी वनडे, टी-20 की कप्तानी: माही ने 4 जनवरी 2017 को वनडे और टी-20 की कप्तानी भी छोड़ दी थी। धोनी ने इस बार भी अचानक ही कप्तानी से इस्तीफा दिया था। उस वक्त माही ने कप्तानी छोड़ने की कोई ठोस वजह नहीं बताई थी। लेकिन कुछ समय बाद धोनी ने कहा था कि तीनों फॉर्मेट में एक कप्तान होना चाहिए। माही ने ये भी कहा था कि उन्होंने कप्तानी इसलिए छोड़ी थी ताकि नए कप्तान को 2019 के विश्व कप के लिए पर्याप्त समय मिल सके।
धोनी की कप्तानी का जवाब नहीं: महेंद्र सिंह धोनी ने अपनी कप्तानी में भारत को 3 आईसीसी टूर्नामेंट जिताए। धोनी ने 2007 का टी-20 वर्ल्ड कप, 2011 का वनडे वर्ल्ड कप और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी अपने नाम की। माही ने भारत के लिए 199 मैचों में कप्तानी की, जिसमें से 110 में जीत मिली जबकि 74 मुकाबलों में भारत को हार का सामना करना पड़ा। 4 मैच टाई हुए और 11 मैच बेनतीजा रहे। धोनी की कप्तानी में भारत को 60 फीसदी से ज्यादा मैचों में जीत मिली।
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