खेलभावना: वो भी देश के लिए लड़ रहा था, मेरा दोस्त है: ओलंपिक में विरोधी के काटने पर रवि

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खेलभावना: वो भी देश के लिए लड़ रहा था, मेरा दोस्त है: ओलंपिक में विरोधी के काटने पर रवि

नई दिल्ली. टोक्यो ओलंपिक कई मायने में भारत के लिए खास रहा। भारत ने कुश्ती में दो मेडल जीते, एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज। रवि दहिया ने कुश्ती में सिल्वर लेकर आए। एक निजी न्यूज चैनल के साथ बातचीत में रवि ने ओलंपिक में अपने सफर को साझा किया। मैच के दौरान कजाख पहलवान के काटे जाने पर रवि ने कहा कि वो भी देश के लिए लड़ रहा था। मेरा दोस्त है। रवि को काटे जाने की सोशल मीडिया पर काफी आलोचना हुई थी।

रवि ने मेडल तो जीता ही, दिल भी जीते

रवि का सेमीफाइनल में मुकाबला कजाखस्तान के नूरीस्लाम सनायेव से था। मैच के दौरान सनायेव ने रवि को बांह पर काट लिया था। सनायेव ने मैच को बचाने के लिए और खुद को दहिया के चंगुल से छुड़ाने के लिए ये हरकत की थी। जब रवि से यही सवाल पूछा गया तो उन्होंने इसे खेलभावना से जोड़ा। रवि बोले कि मैंने इस बारे में रैफरी को बताया था, लेकिन विरोध करने का कोई फायदा नहीं। वो भी अपने देश के लिए खेल रहा था और मैं अपने देश के लिए। सब कुछ खेलभावना है। कोई बड़ी बात नहीं है। वो मेरा दोस्त है। उसने अगले दिन माफी भी मांगी थी। इस पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत ही नहीं है।

फोकस गोल्ड पर

रवि ने जोर देकर कहा कि मैट पर उतरने के बाद कोई बड़ा या छोटा पहलवान नहीं होता। उस समय बस कुश्ती पर फोकस होता है। अगली बार पूरी कोशिश रहेगी कि सिल्वर को गोल्ड में बदला जाए।

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