टोक्यो. ओलंपिक में हर एथलीट गोल्ड जीतना चाहता है। लेकिन एक इंसानियत का एक ऐसा मामला सामने आया कि दुनिया वाह कर उठी। कतर के एथलीट मुताज एस्सा बारशिम ने ओलंपिक गोल्ड के साथ मानवता का मेडल और दुनियाभर के खेल प्रेमियों का दिल भी जीत लिया। कतर के बारशिम ने इतालवी ग्यानमार्को तांबेरी के साथ गोल्ड शेयर किया।
दोनों ने 2.37 मीटर की छलांग लगाई
हाई जंप इवेंट में बारशिम और तांबेरी दोनों ने 2.37 मीटर की छलांग लगाई और एक साथ पहले स्थान पर रहे। इसके बाद इवेंट ऑफिशियल्स ने दोनों को तीन-तीन जंप और लगाने को कहा। दोनों में से कोई भी एथलीट इन तीन जंप में 2.37 मीटर के ऊपर नहीं जा सका।
आखिरी जंप से पहले चोटिल हुआ इतालवी एथलीट
जब तीन एक्स्ट्रा जंप के बाद भी विजेता का फैसला नहीं हुआ तो ऑफिशियल्स ने उन्हें एक-एक बार और जंप करने को कहा। लेकिन, तब तक इतालवी एथलीट तांबेरी चोटिल हो चुके थे। पैर की चोट के कारण उन्होंने नाम वापस ले लिया। अब बारशिम के पास मौका था कि वे एक बेहतर जंप लगाएं और गोल्ड अपने नाम कर लें।
बारशिम ने पूछा- मैं भी नाम वापस ले लूं तो...
इतालवी एथलीट के बाहर होने के बाद बारिशम ने ऑफिशियल से पूछा कि अगर वे भी नाम वापस ले लेते हैं तो क्या होगा। ऑफिशियल ने रूल बुक चेक की और कहा- अगर आप भी नाम वापस लेते हैं तो हमें आप दोनों को गोल्ड देना होगा। बारशिम ने इसके बाद आखिरी जंप से नाम वापस ले लिया और फिर उन्हें और तांबेरी दोनों को गोल्ड मेडल दिया गया।
खेल में जीत ही सबकुछ नहीं
बारशिम ने अपने इस ऐतिहासिक फैसले के बाद कहा- खेल में जीतना ही सब कुछ नहीं होता। हमने आने वाली पीढ़ियों को संदेश दिया है कि कैसे खेलना चाहिए। कैसे अपने प्रतिद्वंद्वियों का भी सम्मान करना चाहिए और जो हकदार हो उसके साथ कामयाबी शेयर करनी चाहिए। तांबेरी ने खुशी में बारशिम को गले लगा लिया और ट्रैक पर फफक-फफक कर रोए।