पैरालंपिक: प्रवीण ने हाईजंप में सिल्वर जीता; कैनोइंग फाइनल में प्राची 8वें स्थान पर

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पैरालंपिक: प्रवीण ने हाईजंप में सिल्वर जीता; कैनोइंग फाइनल में प्राची 8वें स्थान पर

टोक्यो. पैरालंपिक में भारत कमाल कर रहा है। प्रवीण कुमार ने पुरुषों के टी-64 के हाईजंप में नया एशियन रिकॉर्ड के साथ सिल्वर मेडल जीता। इसके साथ ही गोल्ड मेडलिस्ट अवनि लखेरा ने गोल्ड के बाद अब शूटिंग में फिर से ब्रॉन्ज मेडल जीत लिया है। भारत अब तक 12 मेडल जीत चुका है। वहीं, कैनो स्प्रिंट में प्राची यादव फाइनल में 8वें स्थान पर रहीं। तीरंदाजी में पुरुषों की व्यक्तिगत रिकर्व ओपन एलीमिनेशन 1/16 में भारत के तीरंदाज हरविंदर सिंह और बैडमिंटन में पुरुष सिंगल्स के एसएल-4 मुकाबले में सुहास एल यतिराज भी अगले दौर में पहुंच गए हैं।

प्रवीण 2019 जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीत चुके हैं

प्रवीण ने जुलाई 2019 में जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता था। इसी साल नवंबर में सीनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में वो चौथे स्थान पर रहे थे। उन्होंने वर्ल्ड ग्रां प्री में गोल्ड जीता और हाईजंप में 2.05 मीटर का एशिया का रिकॉर्ड बनाया था।

बचपन से प्रवीण का एक पैर छोटा

सामान्य व्यक्ति की तुलना में प्रवीण का एक पैर छोटा है, लेकिन उन्होंने अपनी इसी कमजोरी को ताकत बनाया और पैरालंपिक के मंच तक पहुंचे। प्रवीण बता चुके हैं कि वह स्कूल में वॉलीबॉल खेलते थे और उनकी जंप अच्छी थी। एक बार उन्होंने हाईजंप में भाग लिया और उसके बाद एथलेटिक्स कोच सत्यपाल ने जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में जाकर अभ्यास करने का सुझाव दिया। उसके बाद वे जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में प्रैक्टिस करने लगे।

प्राची ने फाइनल में जगह बनाई

प्राची फाइनल में 8वें स्थान पर रहीं। प्राची ने कैनो स्प्रिंट की महिला सिंगल्स के 200 मीटर वीएल-2 स्पर्धा में तीसरे स्थान पर रहकर फाइनल में जगह बनाई। उन्होंने यह दूरी 1:07.397 के साथ पूरी की। प्राची यादव ग्वालियर के बहोड़ापुर की रहने वाली हैं। वे कैनोइंग के फाइनल में पहुंचने वाली पहली महिला खिलाड़ी हैं।

प्राची की मां 7 साल की उम्र में मां गुजर गई थीं

प्राची यादव के दोनों पैर जन्म से खराब हैं। 7 साल ही उम्र में मां का भी देहांत हो गया। 9 साल की उम्र में प्राची बतौर एक्सरसाइज 2007 में तैराकी से जुड़ीं। इसी साल उन्हें चैंपियनशिप में खेलने का भी मौका मिला। प्राची ने जूनियर कैटेगरी में गोल्ड जीता। इस जीत ने उनका खेल के प्रति आत्मविश्वास बढ़ा दिया। दिन-रात की कड़ी मेहनत के बाद लगातार 3 साल पदकों की झड़ी लगाती रहीं।

अवनि ने फिर जीता मेडल

टोक्यो पैरालंपिक में भारत को पहला गोल्ड दिलाने वाली जयपुर की अवनि ने एक और पदक जीत लिया है। इस बार उन्होंने यह पदक महिलाओं की 50 मीटर राइफल 3 पोजिशन SH1 स्पर्धा में ब्रॉन्ज मेडल जीता। इस मैच में उनका स्कोर 445.9 रहा और वह तीसरे स्थान पर रहीं।

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